बांसवाड़ा, रामानन्द सम्प्रदाय के सिद्ध पीठ के रूप में विख्यात शहर के प्राचीन एवं ऐतिहासिक तपोभूमि लालीवाव मठ में गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव लालीवाव पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर श्रीमहंत हरिओमदासजी महाराज के सान्निध्य में धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर भगवान पद्मनाभ की विशेष श्रृंगार किया गया व छप्पन भोग का आयेजन हुआ।
महोत्सव के अन्तर्गत मठ के प्रधान देवता भगवान श्रीपद्मनाभ की पाँच वृहद महा आरतियां उतारी गई और अन्नकूट का 56 भोग लगाया गया। शंखनाद, ढा़ेक, झालर, घंटा, मृदंग-मंजीरों आदि के गगनभेदी नादों के साथ हुई महाआरती में श्रृद्धालु भावविभोर हो झूम उठे। इसके बाद मठ में उपस्थित सभी भक्तों ने अन्नकूट का दिव्य महाप्रसाद ग्रहण किया।
महामण्डलेश्वर हरिओमदासजी महाराज ने बताया कि भगवान पद्मनाभ का हर उत्सव-पर्व एवं त्योहार पर विशेष मनोहारी श्रृंगार होता है और इसी परम्परा में इस वर्ष अन्नकूट के उपलक्ष में भगवान पद्मनाभ की विशेष झांकी तैयार की गई। भगवान के मनोहारी एवं आकर्षक श्रीविग्रह एवं परिकर के दर्शन करने श्रृद्धालुओं का तांता लगा रहा। बड़ी संख्या में भक्तों ने भगवान की अद्भुत झांकी के फोटो भी लिए।
गोवर्धन पूजा एवं परिक्रमा पर प्रवचन
लालीवाव मठ में इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रृद्धालुओं के मध्य प्रवचन करते हुए लालीवाव पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर श्रीमहंत हरिओमदासजी महाराज ने भक्तों को गोवर्धन पूजन का महत्त्व बताया और इसकी सम्पूर्ण पौराणिक कथा सुनाई और कहा कि गोवर्धन पूजा एवं परिक्रमा से जीवात्मा के सभी पाप कर्म नष्ट होते हैं।