राजस्थान की शिलाओं और प्रस्तर कलाकारों द्वारा निर्मित रामनगरी अयोध्या का वैभव दिवाली पर त्रेता युग जैसा !! 

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Published on : 31 Oct, 24 11:10

  अयोध्या में दिखा छोटा राजस्थान ....                                                                    अयोध्या में दिखा छोटा राजस्थान  ..

राजस्थान की शिलाओं और प्रस्तर कलाकारों द्वारा निर्मित रामनगरी अयोध्या का वैभव दिवाली पर त्रेता युग जैसा !! 

.. सरयू नदी के तट राजस्थान की शिलाओं और प्रस्तर कलाकारों  निर्मित रामनगरी अयोध्या का वैभव दिवाली पर त्रेता युग जैसा सुशोभित हो गया है । रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोद्धा में यह पहला दीपोत्सव है। अयोद्धा में सरयू नदी के 55 घाटों पर 28 लाख दीये जलाए गए हैं। इसके साथ ही यह एक नया विश्व रिकॉर्ड बन गया हैं। पिछले साल 22 लाख दीये जलाए गए थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर में पहला दीप जलाकर दीपोत्सव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी मौजूद थे।1600 पण्डितों ने सरयू नदी की आरती की। आरती में1100 बटुक एवं 157 संत शामिल थे। सभी बटुक एक ही वेशभूषा में नजर आएं। तकरीबन 15 मिनट चली आरती में इतनी संख्या में बटुकों का जुटना भी रिकॉर्ड है। इससे पहले त्रेता युग के समदृश्य भगवान राम, सीता और लक्ष्मण के साथ पुष्पक विमान से पहुंचे। मुख्य मंत्री योगी ने उनका स्वागत किया। भगवान रथ पर सवार हुए। योगी ने राम रथ खींचा। प्रभु राम को रामकथा पार्क लाया गया। यहां योगी ने राम की आरती उतारी और राज तिलक किया। भगवान राम के स्वागत में जगह-जगह कलाकार नृत्य करते नजर आए। इस दौरान विभिन्न प्रदेशों के कलाकार अपनी संस्कृति का भी परिचय दिया । गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ड्रोन से रिकार्डिंग कर रही थी।

 

इस अवसर में योगी ने कहा कि ये दीप जो केवल दीप नहीं हैं, ये सनातन धर्म का विश्वास है। अयोध्यावासियों को आगे आना होगा। अयोध्या जैसी मथुरा-काशी दिखनी चाहिए। सनातन धर्म ने कभी किसी का अहित नहीं किया, सबको गले से लगाया। जो भी मानवता के मार्ग में बैरियर बनेगा, उसकी दुर्गति होगी।

 

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा- 1528 में मीर बाकी ने भगवान राम के मंदिर को तोड़ा, तब से भारत के सौभाग्य का सूर्य अस्त हो गया। तब से लेकर हम निरंतर पतन के रास्ते पर चलते हुए उस मुकाम पर आ गए थे कि भारत की पहचान पूरे विश्व में भूली-बिसरी हो गई थी। राम मंदिर के निर्माण से भारत का सूर्य फिर उदय हो गया है। रामजी की अयोध्या में संस्कृति का उजास है।शेखावत ने कहा कि 

कलियुग में त्रेतायुग का मानो यह प्रकाश है।

ये सनातन संस्कृति के सभी युगों की साक्षी माँ सरयू नदी के पवित्र तट से अयोध्या में ‘दीपोत्सव 2024’ के अनुपमेय दृश्य हैं। इसमें मैंने भी दीप प्रज्ज्वलित कर योगदान का सौभाग्य प्राप्त किया। विश्व को चमत्कृत करते इस आयोजन हेतु उत्तरप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके सम्माननीय सहयोगियों का अभिनंदन है।शेखावत ने एक्स पर लिखा कि यह त्रेतायुग में राजा रामचंद्र जी के अयोध्या लौटने के पश्चात मनाए गए महा-उत्सव की वर्तमान में सजीव झांकी है।

अवध नगरी राम नगरी में 8वें दीपोत्सव के तहत दीपोत्सव के उत्सव में अयोध्या के सरयू घाट पर लेजर लाइट शो ने चार चांद लगा दिए। आतिशबाजी एवं  रंगोली के संग शोभायात्रा नायकाभिरामी रही।

अयोद्धा के आकाश में रंग-बिरंगी रोशनी युक्त 500 ड्रोन के जरिए भव्य एरियल ड्रोन शो का आयोजन हुआ । लोगों ने इस शो के जरिए प्रभु श्री राम, लक्ष्मण और हनुमान जी की वीर मुद्रा का दिव्य दर्शन किए । कार्यक्रम में खासतौर से लेजर लाइट्स, वॉयस ओवर और म्यूजिकल नैरेशन लोगों को अपनी तरफ आकर्षित किया। ड्रोन शो के जरिए रावण वध, पुष्पक विमान, दीपोत्सव, राम दरबार वाल्मीकि, तुलसीदास व राम मंदिर को भी अयोध्या के आकाश में ड्रोन के जरिए दर्शाया गया। पुराने सरयू पुल पर भी भव्य आतिशबाजी की गई ।

उल्लेखनीय है कि अयोद्धा में राम लल्ला के भव्य मंदिर को बनाने में राजस्थान का लाल पत्थर और प्रदेश के शिल्पकारों का अभूतपूर्व योगदान रहा है और लग रहा है कि मानो पूरे अयोध्या में एक छोटा राजस्थान बस गया


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