कुलपति के रूप में दो वर्ष पूर्ण होने पर अभिनंदन समारोह

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Published on : 15 Oct, 24 12:10

सभी के सहयोग से विश्वविधालय की राष्ट्रस्तरीय पहचान बनाने का दृढ़ संकल्प रू डॉ.कर्नाटक

कुलपति के रूप में दो वर्ष पूर्ण होने पर अभिनंदन समारोह

उदयपुर । महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौघोगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.अजीत कुमार कर्नाटक ने कहा कि उत्तरोत्तर प्रगति के लिए उन्होंने हमेशा टीम वर्क की अवधारणा में विश्वास रख कर कार्य किया है। आप चाहे कितने ही विद्वान हो, साधन संपन्न हों, ऊचें पद पर हों, अकेले कुछ भी हासिल नहीं कर सकते। कुलपति कर्नाटक मंगलवार को यहां सीडीएफटी सभागार में अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित अभिनंदन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि हम सभी एक-दूसरे को सम्मान देकर ही कार्यस्थल को घर जैसा बना सकते है। किसी ने सच कहा है - “अकेला ही चला था जानिबे मंजिल मगर, लोग आते गये, कारवॉ बनता गया”। जब मैं इस विश्वविधालय में प्रथम बार आया तब अकेला ही था, आज दो वर्ष बाद 4000 लोगों का साथ मिल गया और एक पूरा एमपीयूएटी परिवार हो गया है, मेरे साथ।
इस मौके पर कुलपति ने विगत दो वर्ष में विश्वविद्यालय द्वारा अर्जित उपलब्धियों का जिक्र किया। साथ ही यह भी कहा कि विश्वविद्यालय अधिकारियों- कार्मिकों के समग्र प्रयासों से ही एमपीयूएटी का परचम राष्ट्रीय स्तर पर फहरा रहा है। विश्वविद्यालय के अधीन आज 7 महाविद्यालय, 2 क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र, 2 उप क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र, 1 बारानी अनुसंधान केन्द्र और 8 कृषि विज्ञान केन्द्र दक्षिणी राजस्थान को कृषि क्षेत्र में उत्तरोत्तर प्रगति पथ पर अग्रसर कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल की ’स्मार्ट विलेज इनीशिएटिव’ योजनान्तर्गत राजस्थान के सभी राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों में एमपीयूएटी वर्षो से प्रथम स्थान पर है और आगे भी प्रथम स्थान पर रहेगा यह प्रयास जारी है। जिसके लिए विगत एक वर्ष में राजभवन से दो बार प्रशंसा पत्र भी प्राप्त हुए। स्मार्ट गांव के रूप में छाली, मदार व ब्राह्ाणों की हुन्दर इसका जीता जागता उदाहरण है।  राज्यपाल ने स्वयं अन्य विश्वविद्यालय के कुलपतियों को इन गांवों का अवलोकन करने की सलाह भी दी। इसी क्रम में अब विश्वविद्यालय 5 गॉवो को गोद लेकर स्मार्ट विलेज बनाने को तत्पर है।
उन्होंने इस बात की भी खुशी जाहिर की कि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित मक्का की नई किस्म प्रताप संकर मक्का- 6 को राष्ट्रीय स्तर पर चिन्हित व अनुमोदित किया गया। इसके लिए 8 कम्पनीयो से एमओयू किया गया जिससे विश्वविद्यालय के रेवेन्यू में बढोतरी होगी। साथ ही 5 किस्में ईसबघोल, असालिया, अश्वगंधा, ज्वार एवं मंगफूली की भी रिलीज के लिए चिन्हीत की गई।  यही नहीं पिछले दो वर्षो में विश्वविद्यालय ने 54 पेटेंट व 77 एच इंडेक्स हासिल किये है जो विश्वविद्यालय के मौलिक और नवाचारी शोध क्षमताओं का परिचायक है।
अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष मनाने मेें भी विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। मिलेट्स पर सचित्र मार्गदर्शिका, जागरूकता रैलियां, कार्यशालाएं आयोजित की गई। चार किसान मेलों का आयोजन किया गया। साथ ही मिलेट हट की स्थापना के अलावा कृषि महाविद्यालयों, अनुसंधान केन्द्रों और केवीके में मिलेट वाटिकाएं विकसित का गई।
विशिष्ट अतिथि सुप्रसिद्ध शिक्षाविद पूर्व कुलपति प्रो. उमाशंकर शर्मा ने डॉ. कार्नाटक की कुशल नेतृत्व क्षमता और दूरदृष्टि की सराहना करते हुए कहा कि मात्र दो वर्षो में एमपीयूएटी ने जो उपलब्धियां अर्जित की प्रशंसनीय है। धरातल पर रहकर काम करना डॉ. कर्नाटक की प्रवृŸिा है। इसी कारण एक बेहतर टीम बनकर उम्मीद से कहीं ज्यादा अच्छे परिणाम सामने रख देती है। उन्होंने कहा कि आगामी वर्षों में कुलपति डॉ. कर्नाटक के नेतृत्व में और भी अविस्मरणीय उपलब्धियां हासिल होंगी, इसमें कोई अतिशयोक्ति नही हैंे। प्रो. उमाशंकर शर्मा ने कहा की नये जिले सलुंबर में केवीके की स्थापना के किये जा रहे है।
आरम्भ में कार्यक्रम के आयोजक व डेयरी एंव खाद्य प्रौद्योगिकी महाविघालय अधिष्ठाता डॉ. लोकेश गुप्ता ने अतिथि स्वागत में कुलपति के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव सुधांशु सिहं,  वित्त नियंत्रक श्री विनय भाटी सहित विभिन्न महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, वरिष्ठ वैज्ञानिक, परिषद सदस्यों ने अतिथियों का स्वागत किया। छात्र कल्याण अधिकारी डॉ. मनोज महला ने कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद दिया व मंच संचालन डॉ. निकिता वधावन ने किया।


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