अंत भला तो सब भला: हैप्पी और बेला का नया सफर

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Published on : 15 Oct, 24 10:10

अंत भला तो सब भला: हैप्पी और बेला का नया सफर

उदयपुर - जीवन की राह में कई उतार-चढ़ाव आते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो दूसरों के जीवन में सही दिशा और आशा की किरण लेकर आते हैं।  एनिमल प्रोटेक्शन सोसाइटी उदयपुर ने हैप्पी और बेला को घर दिलाने में दिन रात एक कर दिए।  और आखिरकार वह दिन आ गया  जब हैप्पी और बेला को एक परिवार मिल गया। संस्था की संस्थापिका डॉ माला मट्ठा ने बताया की श्री हरीश चौधरी, उदयपुर  निवासी, ऐसे ही एक व्यक्ति हैं, जिन्होंने हैप्पी और बेला के जीवन में उजाले की किरणें भर दी हैं।

हैप्पी और बेला, जो पहले से ही कई चुनौतियों का सामना कर चुके थे, अब एक नई उम्मीद के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। जयपुर से वापस बुलाने के पीछे का उद्देश्य उन्हें एक ऐसा भविष्य देना है जहां वे अपने आपको सुरक्षित महसूस कर सके और साथ ही अपने जीवन यापन के लिए एक परिवार के साथ रह सके । हरीश जी ने न केवल उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का निश्चय किया है, बल्कि उन्होंने उनकी कठिनाइयों को समझने और उन्हें सहायता देने का भी संकल्प लिया है।

 श्री हरीश चौधरी: उम्मीद की किरण
हरीश चौधरी जी, एक समाजसेवी और उद्यमी, ने हमेशा से ही समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास किया है। उनके कार्यों से प्रेरित होकर, हमने निर्णय लिया कि हैप्पी और बेला को एक नई शुरुआत करवाई जाए। हमने  दोनों बच्चो को गोद हरीश जी को गोद दे दिया  है।

“मैं मानता हूँ कि हर पशु को पुरे सम्मान के साथ  जीने का अवसर मिलना चाहिए”, हरीश जी  का यह बयान उनके विचारों को स्पष्ट करता है। उन्होंने हैप्पी और बेला को सिर्फ गोद ही नहीं लिया एक सुरक्षित माहौल भी दिया है ।

हैप्पी और बेला का नया सफर
हैप्पी और बेला अब अपनी नई यात्रा की शुरुआत कर चुके हैं। अपने नए परिवार के साथ रहने लगे है।

 अब उनके चेहरे पर आशा की चमक और नए सपनों के साथ जीने की चाहत है। यह सिर्फ उनकी व्यक्तिगत यात्रा नहीं है, बल्कि समाज के लिए भी एक संदेश है कि अगर हम एकजुट होकर कोशिश करें, तो हम किसी की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

हरीश चौधरी  जी की इंसानियत  और हैप्पी एवं बेला की उम्मीद एक ऐसी मिसाल है जो यह दर्शाती है कि कठिनाईयों के बावजूद, सही मार्गदर्शन और समर्थन से किसी भी परिस्थिति को बदला जा सकता है। पशुओं को सिर्फ पशु न समझे। दर्द और तकलीफ उन्हें भी होती है।  हम भगवान से हैप्पी और बेला के अच्छे जीवन की प्रार्थना करते है।
 संस्था की संस्थापिका राज सिंह भाटी ,कमलेश तेली का धन्यवाद करती है जिन्होंने हैप्पी बेला के इस कठिन सफर में उनका साथ दिया।


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