भीलवाड़ा: उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी दृष्टिकोण के रूप में परिणाम-आधारित शिक्षा (Outcome-Based Education - OBE) की दिशा में एक अभूतपूर्व पहल के तहत, संगम विश्वविद्यालय ने भारतीय विश्वविद्यालय संघ (AIU) के सहयोग से एआईयू-संगम विश्वविद्यालय - शैक्षणिक और प्रशासनिक विकास-केंद्र (AIU-AI-ADDC) की स्थापना की। इस केंद्र की निदेशक और नोडल अधिकारी, प्रोफेसर प्रीति मेहता ने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य संकाय सदस्यों के लिए अल्पकालिक व्यावसायिक विकास कार्यक्रम और सदस्य विश्वविद्यालयों के प्रशासनिक अधिकारियों के लिए विशेष रूप से प्रौद्योगिकी के उपयोग एवं मिश्रित शिक्षण विधियों को अपनाने पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना है।
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इसी क्रम में, 14 से 18 अक्टूबर तक परिणाम आधारित शिक्षा पर फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (FDP) का उद्घाटन सत्र आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम हाइब्रिड मोड में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें विश्वविद्यालय के प्रो-वीसी, प्रोफेसर मानस रंजन पाणिग्रही ने बताया कि इस FDP के तहत राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त संस्थानों से 56 शिक्षाविद् प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
कुलपति प्रो. करुणेश सक्सेना ने ओबीई पर आधारित राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को लागू करने के महत्व पर जोर दिया और कहा कि इस अग्रणी कार्यक्रम का उद्देश्य ओबीई को अपनाकर उच्च शिक्षा में क्रांति लाना है, ताकि एक छात्र-केंद्रित दृष्टिकोण सुनिश्चित किया जा सके।
मुख्य अतिथि रंजना परिहार, जॉइंट सेक्रेटरी AIU नई दिल्ली ने OBE-आधारित शिक्षा शास्त्र की आवश्यकता और ADDC की स्थापना के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। डॉ. पंकज मित्तल, सेक्रेटरी जनरल AIU नई दिल्ली ने भी कार्यक्रम की सफलता के लिए शुभकामनाएं भेजी।
इस FDP में विभिन्न विशेषज्ञों के साथ नौ सत्र आयोजित किए जाएंगे। कुलपति प्रोफेसर करुणेश सक्सेना ने पहले सत्र में परिणाम आधारित शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और ऑनलाइन तथा ऑफलाइन संबंधित विषयों पर प्रश्नों के उत्तर दिए।
प्रो. प्रीति मेहता ने उद्घाटन सत्र का समापन करते हुए धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। प्रो. राजीव मेहता ने इस पहल के लिए आयोजक टीम को बधाई दी, जबकि डॉ. सीमा काबरा ने उद्घाटन सत्र की एंकरिंग की।