इतिहास का निर्माण कर...

( 1126 बार पढ़ी गयी)
Published on : 10 Oct, 24 05:10

डॉ.अपर्णा पांडेय, कोटा

इतिहास का निर्माण कर...

ज़िंदगी  की राह यूं तो, है नहीं सीधी मगर।
 कर्म ऐसा कर यहां पर, नाम हो जाए अमर ।।

कर्म है बस हाथ तेरे ,फल की आशा त्याग दे।
 मुश्किलें आसान होंगी  ,लक्ष्य पर हो गर नज़र ।।

कंटकों की पीर को , सहना नहीं आसान है ।
फूल बनकर ही खिलोगे, दंश की चिंता न कर ।।

मार्ग की बाधाएं यदि ,संत्रास से भर दें डगर। 
संकल्प की हो रोशनी तो ,फिर भला कहे का डर ।।

सूर्य बनकर तुम उदित हो ,विश्व के आकाश में।
 कीर्ति रश्मि को फैला, इतिहास का निर्माण कर ।।


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.