महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविधालय  में  महात्मा गाँधी एवं लाल बहादुर शास्त्री की जयंती  मनाई गई

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Published on : 02 Oct, 24 12:10

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविधालय  में  महात्मा गाँधी एवं लाल बहादुर शास्त्री की जयंती  मनाई गई

उद‌यपुर | महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविधालय के छात्र कल्याण निदेशालय के तत्त्वावधान में डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में साझा रूप से महात्मा गाँधी एवं लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पुष्पांजलि के साथ समारोह पूर्वक मनाई गई। समारोह के मुख्य अतिथि माननीय कुलपति डॉ० अजीत कुमार कर्नाटक ने महात्मा गाँधी एवं लाल बहादुर शास्त्री के प्रेरणादायी वाकियों को उद्‌घाटित करते हुए कहा कि उनके द्वारा जो कार्य राष्ट्र को स्वतंत्र कराने और राष्ट्र की प्रगति के लिए किये गए उनका युवा पीढी को भी महत्व पता होना चाहिए उन्होंने अपने उद्‌बोधन में गाँधी जी के असह‌योग आन्दोलन, अहिंसा आन्दोलन के महत्व को भी दृष्टांत रूप में बच्चों को बताया। उन्होंने शास्त्री जी के द्वारा उनके साथियों की बात बताते हुए लाल, बाल, पाल, के द्वारा किये गए महत्वपूर्ण कार्य को भी छात्रों के सामने रखा। उन्होंने बताया कि लाल बहादुर शास्त्री ने खाद्य उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हरित क्रांति को बढ़ावा देने पर जोर दिया। डॉ मनोज महला ने समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथी को उपरणा ओढ़ाकर एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर किया, विशिष्ठ अतिथी लोकेश गुप्ता अधिष्ठाता डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय का स्वागत डॉ अरुण गोयल‌ ने किया, विशिष्ठ अतिथी डीआरआई डॉ० बी एल बाहेती का स्वागत, डॉ० लोकेश गुप्ता ने किया वहीं छात्र कल्याण अधिकारी डॉ० मनोज महला का स्वागत डॉ० कमलेश मीणा ने किया। डॉ० महला ने अपने स्वागत उद्‌बोधन में सभी पधारे हुए महानुभावों का स्वागत, अभिनन्दन करते हुए गाँधी जी एवं शास्त्री जी के जीवन परिचय के साथ उनके द्वारा राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए किये गए अनुकरणीय योगदान के महत्वपूर्ण बिदुओं पर प्रकाश डाला। विशिष्ठ अतिथी डॉ० लोकेश गुप्ता ने माननीय कुलपति के समक्ष महाविद्यालय के उपस्थित छात्रों से - आव्हान किया की गाँधी जी और शास्त्री जी के जीवन से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए और हमारे आत्मसम्मान को बढ़ाने वाले इन महापुरुषों को सदैव पूजना चाहिए उनके स्मरण मात्र से हमारे शरीर में स्पंदन पैदा हो जाता है तो उनके आदर्शो को अपनाने पर बहुत सन्तुष्टी मिलेगी। इसी के साथ डॉ० बाहेती ने स्वस्थ शरीर के सन्दर्भ में वक्तव्य में खान पान,मेहनत,  कृषि,में- कुछ करने की बात छात्र- छात्राओं को राष्ट्र के लिए कही। उन्होंनें लाल बहादुर  शास्त्री के नारे जय जवान जय किसान को विज्ञान के साथ आधुनिक जीवन शैली में जय जवान जय किसान और जय विज्ञान से जोड कर अपनी वाणी को विराम दिया। समारोह में डेयरी एवं खाद्य विज्ञान महाविद्यालय के छात्र- छात्राओं ने भी महात्मा गाँधी एवं लाल बहादुर शास्त्री के जीवन परिचय एवं उनके द्वारा गाए जाने वाले भजनों की प्रस्तुती दी।  इस अवसर परआधिष्ठाता-सीसीएस डॉ० धृति सोलंकी, आधिष्ठाता- सी टी ए ई डॉ अनुपम भटनागर, डी पी एम, डॉ सुनील जोशी, अनुसंधान निदेशक, डॉ अरविंद वर्मा, ओ एस डी, डॉ वीरेंद्र नेपालिया आदि उपस्थित थे।
 समारोह का संचालन छात्रों द्वारा किया गया इंजीनियर कुसुम मेघवाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।


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