4 महीने की उम्र में ब्याही, 20 साल बाल विवाह का झेला दंश, सारथी की मदद से मिली मुक्ति

( 3655 बार पढ़ी गयी)
Published on : 01 Oct, 24 10:10

4 महीने की उम्र में ब्याही, 20 साल बाल विवाह का झेला दंश, सारथी की मदद से मिली मुक्ति

जोधपुर। महज चार महीने की उम्र में बाल विवाह की बेड़ियों में जकड़ी अनिता को करीब 20 साल तक दंश झेलने के बाद आखिर सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी एवं पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डॉ.कृति भारती के संबल से बाल विवाह से मुक्ति मिल गई। जोधपुर के परिवारिक न्यायालय संख्या 2 के न्यायाधीश वरुण तलवार ने अनिता के बाल विवाह निरस्त का ऐतिहासिक फैसला सुनाया। वहीं सारथी ट्रस्ट की डॉ.कृति भारती के प्रयासों से संभवतः पहली बार बाल विवाह निरस्त के प्रकरण में पारिवारिक न्यायालय ने तथाकथित पति से बालिका वधु को वाद खर्च भी दिलवाने की अनूठी नजीर पेश कर फैसला सुनाया। इसके साथ ही सारथी ट्रस्ट की डॉ.कृति भारती ने बाल विवाह निरस्त के मुहिम पर अग्रसर रहकर अब तक 52 मासूम जोड़ों का बाल विवाह निरस्त करवा दिए हैं।


अनिता का 4 महीने की उम्र में बाल विवाह, 21 की उम्र में निरस्त

जोधपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र की निवासी किसान परिवार की बेटी 21 वर्षीय अनिता का महज 4 महीने की उम्र में बाल विवाह हुआ था। जिसके बाद से लगातार बाल विवाह का दंश झेलती रही। लगातार ससुराल पक्ष उसका गौना करवा कर ससुराल भेजने का दबाव बनाए हुए था। वहीं कई तरह से प्रत्यक्ष और परोक्ष धमकियां मिल रही थी।


सारथी की डॉ.कृति का मिला संबल, कोर्ट में लगाई गुहार

इस बीच अनिता को वर्ल्ड टॉप टेन एक्टिविस्ट और बीबीसी 100 इंस्पिरेशनल वूमन सूची में शुमार जोधपुर के सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी एवं पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डॉ.कृति भारती की बाल विवाह निरस्त की मुहिम के बारे में जानकारी मिली। अनिता ने डॉ.कृति से मुलाकात कर खुद की पीड़ा बयां की। जिसके बाद डॉ.कृति ने अनिता के बाल विवाह निरस्त का वाद जोधपुर के पारिवारिक न्यायालय संख्या 2 में दायर किया।


अनिता के बाल विवाह निरस्त का फैसला, कोर्ट ने बाल विवाह की कुरीति समाज से मिटाने का दिया संदेश

डॉ.कृति भारती ने पारिवारिक न्यायालय में अनिता की ओर से पैरवी कर बाल विवाह और आयु संबंधी तथ्यों से अवगत करवाया। जिसके बाद पारिवारिक न्यायालय संख्या दो के न्यायाधीश वरुण तलवार ने अनिता के महज 4 महीने की उम्र में 20 साल पहले हुए बाल विवाह को निरस्त करने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया। इसके साथ ही सारथी ट्रस्ट की डॉ.कृति के प्रयासों पर बालिका वधु को न्यायालय ने तथाकथित पति से वाद खर्च दिलवाने का फैसला देकर नई नजीर पेश कर दी। न्यायाधीश तलवार ने बाल विवाह के खिलाफ समाज को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि बाल विवाह केवल कुरीति ही नहीं एक अपराध भी है। इससे बच्चों का भविष्य खराब हो जाता है।बालिका या बालक बाल विवाह को निरंतर नहीं रखना चाहते हैं तो उनको बाल विवाह निरस्त का अधिकार है। बाल विवाह की कुरीति को मिटाने के लिए समाज के स्तर पर महत्ती प्रयासों की जरूरत है।


डॉ.कृति ने अब तक 52 जोड़ों के बाल विवाह निरस्त कराए

देश का पहला बाल विवाह निरस्त करवाने के बाद लगातार मुहिम चलाकर डॉ.कृति भारती ने अब तक 52 जोड़ों के बाल विवाह निरस्त करवा रिकॉर्ड कायम कर रखा हैं। देश में 2100 से अधिक बाल विवाह रुकवाए हैं। चाइल्ड एंड वूमेन राइट एक्टिविस्ट और एडवोकेट डॉ.कृति का नाम 9 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड्स बुक्स में दर्ज हो चुका हैं। डॉ.कृति को जिनेवा से ग्लोबल यूथ ह्यूमन राइट्स अवार्ड सहित कई राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय सम्मानों से नवाजा जा चुका है।


'इनका कहना है’
अनिता का बाल विवाह निरस्त करवाने के बाद अब उसके बेहतर पुनर्वास प्रयास किए जा रहे हैं। मेरी मुहिम का लक्ष्य है कि बाल विवाह इतिहास की किताबों में दफन हो जाए।
-डॉ.कृति भारती, मैनेजिंग ट्रस्टी एवं पुनर्वास मनोवैज्ञानिक, सारथी ट्रस्ट, जोधपुर।

कृति दीदी की मदद से मैं बाल विवाह की बंदिश से मुक्त हो गई हूं। अब मैं अपने पैरों पर खड़े होकर सपने पूरे करूंगी।
-अनिता, बाल विवाह विजेता।


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.