दुर्लभ बीमारी ट्राइकोबीजोर से पीढ़ित मरीज की पेसिफिक हॉस्पिटल में सफल सर्जरी

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Published on : 28 Sep, 24 09:09

16 साल की बच्ची के पेट से निकाला क्रिकेट के गेंद से बड़ा बालों का गुच्छा

दुर्लभ बीमारी ट्राइकोबीजोर से पीढ़ित मरीज की पेसिफिक हॉस्पिटल में सफल सर्जरी

उदयपुर ।  पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल भीलों का बेदला के सर्जरी विभाग के चिकित्सको ने एक 16 साल की लडकी के पेट से क्रिकेट की गेद के आकार का बालों का गुच्छा निकालकर बालिका को ट्राइकोबीजोर नामक बीमारी से छुटकारा दिलाया। इस 16 बर्षीय लड़की को ट्राइकोफेजिया नाम की दुर्लभ बीमारी थी इसमें व्यक्ति को बाल खाने की आदत होती है। इसे रैपुंजल सिंड्रोम के नाम से भी जाना जाता है।
दरअसल मानसिक बीमारी से पीढ़ित बच्ची के परिजन पेट में दर्द और उल्टियो की समस्या के चलते पेसिफिक हॉस्पिटल लेकर आए जहॉ मनोचिकित्सा विभाग के डॉ.एस.जी.मेहता को दिखाया तो मरीज की जॉचे और ऐण्डोस्कॉपी कराई गई तो मरीज के पेट में बालों के गुच्छे का पता चला तो मरीज को सर्जरी विभाग की प्रोफेसर डॉ.रेणू रॉवका की यूनिट में भर्ती कराया गया। मरीज की सीटी स्केन जॉच कराने पर पता चला की मरीज के पेट में क्रिकेट की गेद के आकार का बालों का गुच्छा है जिसका की ऑपरेशन द्वारा ही इलाज सम्भव था। 
इस मरीज की सफल सर्जरी में सर्जरी विभाग की प्रोफेसर डॉ.रेणू रॉवका,डॉ.उदय ताम्बे,डॉ.अशु तिवारी,डॉ.रवि रंजन,डॉ.अंकित,डॉ.आकाशदीप,डॉ.शुभम.डॉ.सुमीत.डॉ.गुलनाज,ऐनिस्थिशिया विभाग के डॉ.प्रकाश औदिच्य,डॉ.समीर गोयल,डॉ.निकुज एवं शहनाज शेख की टीम का योगदान रहा।
डॉ.रेणू रॉवका ने बताया कि मरीज का आमाशय से छोटी आंत का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया जिसके चलतें खाए गए पदार्थ आने नहीं जा पा रहे थे। जिसके चलते लेप्रोटोमी नाम की एक ओपन सर्जरी करनी पड़ी, क्योंकि बालों का गुच्छा बहुत बड़ा और चिपचिपा था और एंडोस्कोपी द्वारा इसे निकालना बहुत जटिल स्थिति था।  
डॉ.रेणू ने बताया कि ट्राइकोबीजोर एक दुर्लभ बीमारी है। यह आमतौर पर ट्राइकोफेजिया के साथ जुड़ी होती है, जो एक मनोवैज्ञानिक विकार होता है। इसमें व्यक्ति बालों को खाता है। यह सामान्यतः किशोर लड़कियों में देखा जाता है। यदि बीमारी का जल्दी इलाज नहीं होता, तो कुपोषण,एनीमिया और पेट से खून बहने जैसी समस्याएं पैदा हो सकती थीं। 
बच्ची अभी पूरी तरह से ठीक है और उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है। मरीज का सम्पूर्ण इलाज मैनेजमेन्ट के सहयोग से निःशुल्क किया गया। मरीज के परिजनों ने पीएमसीएच के चेयरमेन राहुल अग्रवाल,ऐक्जिक्यूटिव डॉयरेक्टर अमन अग्रवाल,चिकित्सकों की टीम एवं नर्सिग स्टॉफ का नया जीवन देने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
 


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