सात दिवसीय अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह 1 से

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Published on : 28 Sep, 24 00:09

सात दिवसीय अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह 1 से

उदयपुर। अणुव्रत समिति की ओर से निज प्रशासन फिर अनुशासन अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह 1 अक्टूबर से 7 अक्टूबर आयेाजित किया जायेगा।
इस सन्दर्भ में आयोजन को लेकर तुलसी निकेतन सभागार में अणुव्रत समिति उदयपुर की मासिक बैठक आयोजित की गई। जिसमें देशभर में अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह मनाने पर चर्चा की गई जिसमें समिति अध्यक्ष प्रणिता तलेसरा द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी प्रदान की गई। इस कार्यक्रम को विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया जाएगा। उपाध्यक्ष सुनील ईन्टोदिया ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए कहा कि इन कार्यक्रमों को जनहित में इस प्रकार नियोजितें करें कि हम इनका प्रभाव बता सकें।
उपाध्यक्ष राजेंद्र सेन ने बताया कि अणुव्रत आंदोलन मानवीय मूल्यों के संवर्धन का एक आंदोलन है सात दशक पूर्व महान संत आचार्य तुलसी ने देश की जनता को असली आजादी अपनाओ का संदेश दिया। वहीं संदेश आज विश्व मानव का पथ दर्शन कर रहा है। प्रकाश बाबेल ने बताया कि  अणुव्रत एक संप्रदाय एक दर्शन है जिस किसी भी धर्म का अनुयाई बिना किसी जाति संप्रदाय या रंगभेद अपना सकता है और अपने जीवन को सुख में बना सकता है। नजमा देव परोस ने बताया कि अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह में हम अनुराग दर्शन को बेहतर समझ और जीवन में उतारनंे का प्रयास करें। नीरज कोठारी ने बताया कि अहिंसा दिवस को हम इस तरह मनायें कि बच्चों में यह समझ आए कि ऐसा कैसे होता है, कैसे कर सकते हैं।
मंत्री कुंदन भटेवरा कार्यक्रम का संचालन करते हुए इस कार्यक्रम का आयोजन ऐसी जगह किया जाए जींस लोगों का इससे जुड़ाव रहें।
कार्यक्रम के प्रथम दिवस सांप्रदायिक सौहार्द के रूप में मनाएं। जिसमें विभिन्न धर्म गुरुओं को आमंत्रित कर उनके विचारों से लाभान्वित करें ताकि जनता के बीच एक अच्छा संदेश जाएं। 2 अक्टूबर को अहिंसा दिवस के रूप में मनाए। शंकर लाल ने बताया कि भारत देश से उठी अहिंसा की आवाज आज विश्व की आवाज बन चुकी है अहिंसा अनुरोध की आत्मा है और एक सुख में शांति में विश्व की कल्पना का आधार है।
नीता खोखावत ने बताया कि अनुराग प्रेरणा दिवस अणुव्रत व्यक्ति सुधार को एक सुखी सम्राट समाज देश और विश्व के निर्माण की बुनियाद मानता है व्यक्ति सुधार के लिए अनुरोध एक आचार संहिता प्रस्तुत करता है।
गगन तलसेरा ने बताया कि पर्यावरण शुद्धि दिवस शुद्ध पर्यावरण के महत्व को आज दुनिया जितनी शिद्दत से अनुभव कर रही है संभवत मानव इतिहास में कभी नहीं किया होगा। यह इसलिए है क्योंकि मानव ने पर्यावरण को जितना नुकसान पिछली एक साड़ी में पहुंचा उतना कभी नहीं पहुंचा भाभी पीढ़ी को पर्यावरण संकट के बढ़ते खतरों से बचाना हमारा मुख्य दायित्व है।
कटारिया ने बताया कि हम जानते हैं कि नशा नाश्ता द्वारा है इसके बावजूद अमीर हो या गरीब युवा हो या अपलोड आबादी का एक बड़ा हिस्सा नशे के चंगुल में गिरा है नशे का यह गन व्यक्ति और समाज दोनों को खोखला किया जा रहा है। अनुशासन दिवस को आचार्य तुलसी ने एक महत्वपूर्ण उद्घोष दिया निज प्रशासन फिर अनुशासन अणुव्रत दर्शन के साथ जीवन विज्ञान और परीक्षा अध्ययन का नियमित अभ्यास हमें स्वयं अपने ऊपर नियंत्रण करने की कला सिखाता है।
अलका बाबेल ने जीवन विज्ञान दिवस पर प्रकाश डालते हुए बताया नहीं पीढ़ी किसी भी समाज या देश के भविष्य का प्रतिबिंब होती है नई पीढ़ी का सही दिशा में संतुलित विकास हो यह स्वस्थ समाज रचना के लिए अभीष्ट है बच्चों के बौद्धिक विकास के साथ-साथ उनके भावनात्मक आध्यात्मिक और शारीरिक विकास का मार्ग प्रशस्त करता है जीवन विज्ञान लिए बच्चों के उज्जवल भविष्य के निर्माण में हम योग भूत बनें। धन्यवाद रमेश सिंघवी ने दिया। कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए सरला अग्रवाल ने अपने विचार रखते हुए का इस कार्यक्रम को हमें बड़े उत्साह के साथ करना चाहिए। कार्यक्रम में मंजू चौधरी मंजू इटोदिया मंजुला सुनील खोखावत आदि ने भाग लिया।


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