विदेश में फसे मुकेश को लाने जुटा परिवार

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Published on : 27 Sep, 24 13:09

पुत्र ने छतरपुर दिल्ली के एक दंपती पर लगाए गंभीर आरोप

विदेश में फसे मुकेश को लाने जुटा परिवार

उदयपुर,  चित्तौड़गढ़ जिले के ग्राम कुम्हार खेड़ा और हाल मुकाम पानेरियों की मादड़ी निवासी विष्णु मेनारिया ने 7 वर्ष पहले दिल्ली के एक दंपती के साथ स्विटरलैण्ड गए अपने पिता की सकुशल घर वापसी को लेकर विदेश मंत्रालय व प्रशासन से गुहार लगाई है। मेनारिया ने एक प्रेस वार्ता कर दंपती पर गंभीर आरोप लगाए।




उदयपुर में एक प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से विष्णु मेनारिया ने बताया कि उसके पिताजी मुकेश मेनारिया को 2017 में  असोला छतरपुर दिल्ली निवासी पंकज ओसवाल तथा उसकी पत्नि राधिका ओसवाल रसोइए का काम करने के लिए स्विट्जरलैण्ड ले गए। वहां उनसे जबरन निजी काम कराए और मानसिक और शारीरिक यातनाएं दी गई। ओसवाल परिवार ने अपने व्यापार और संपति में पिता मुकेश के नाम का इस्तेमाल किया। प्रेस वार्ता में बताया कि पिछले 44 दिनों से पिता से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। आखिरकार जब बात हुई तब पिता मुकेश ने ओसवाल परिवार द्वारा बहुत परेशान किए जाने की बात कही थी। मेनारिया ने बताया कि छह जनवरी को उसके गांव के कमलजीत ने पिता मुकेश की बात करवाई, तब उन्होंने फोन पर कहा था कि मुझे जिन्दा देखना चाहते हो तो ये लोग जो कहे उस पर साईन करके दे दे देना।  इस पर पुत्र विष्णु और मां से कुछ लिखा पढ़ी करवा हस्ताक्षर भी करवा गए। पांच अगस्त सचिन नामक व्यक्ति ने फोन किया। उसने मुकेश से बात करवाई तथा कुछ ब्लेक चेक पत्नी और पुत्र के हस्ताक्षर शुदा कोरियर से मंगवाए, जो एक्सिस बैंक शाखा हिरण मगरी उदयपुर के थे और वसुंधरा गाजियाबाद को भेजे। चेक मिल जाने के बाद विष्णु की पिता मुकेश से कभी बात नहीं हो पाई और पिता मुकेश का मोबाइल बंद रहने लगा। 23 अगस्त को पिता मुकेश के मोबाइल की लोकेशन ग्रेण्ड हयात मुम्बई की आई तो परिजन मुंबई गए लेकिन वहां कोई नहीं मिला। इसके बाद भी इनका मुकेश से कभी कोई सम्पर्क नहीं हो पाया।
पत्रकार वार्ता में विष्णु ने बताया कि ओसवाल परिवार की वकील कमलेश अग्रवाल ने तीन सितंबर को विष्णु से फोन पर बात की जिसने पिता मुकेश के बारे में बताया कि वे बोस की कस्टडी में है। साथ ही राजनीतिक पहचान और पैसों का पावर दिखाते हुए धमकी दी कि उनकी सलामती चाहते हो तो किसी भी प्रकार की कोई भी कार्यवाही मत करो।
विष्णु ने बताया कि प्रार्थी और उसकी मां के नाम से जो ब्लेंक चेक मंगवाए गए थे उनमें 75-75 लाख की राशि अंकित कर बैंक में डाल दिए हैं। विष्णु ने आरोप लगाया कि ब्लेंक चैक और ब्लेंक कागजों पर हस्ताक्षर करवाकर ये लोग फसना चाहते हैं। उसने पिता मुकेश के साथ ही अनहोनी कारित किए जाने की आशंका व्यक्त की।


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