कोटा के विजय जोशी उनकी कृति पर 50 हजार के रुपए के राज्य स्तरीय " हिन्दी सेवा पुरस्कार" से सम्मानित 

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Published on : 18 Sep, 24 03:09

कोटा के विजय जोशी उनकी कृति पर 50 हजार के रुपए के राज्य स्तरीय " हिन्दी सेवा पुरस्कार" से सम्मानित 

 

कोटा कोटा के प्रसिद्ध कथाकार और समीक्षक विजय जोशी को हिन्दी साहित्य ' कथेतर विधा ' में इनकी कृति  “अनुभूति के पथ पर : जीवन की बातें ” के लिए राज्य स्तरीय " हिन्दी सेवा पुरस्कार - 2024 " से
पचास हजार रुपए के चेक, श्रीफल, शाल, पुस्तक एवं सम्मान- पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। राज्य सरकार के भाषा एवम् पुस्तकालय विभाग द्वारा जयपुर में हिन्दी दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में मुख्य अतिथि  उप मुख्यमंत्री  दिया कुमारी  एवं विशिष्ट अतिथि श्री अविनाश गहलोत मंत्री, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा  गोपाल शर्मा माननीय विधायक, सिविल लाइन्स, जयपुर एवं समारोह अध्यक्ष  कृष्ण कुणाल शासन सचिव, स्कूल शिक्षा, भाषा एवं पुस्तकालय विभाग द्वारा प्रदान किया गया।
        मुख्य वक्ता डॉ. के. के. पाठक शासन सचिव, कार्मिक विभाग रहे। समारोह में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान की माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक परीक्षाओं में हिन्दी विषय में शत प्रतिशत अंक लाने वाले 318 प्रतिभाशाली छात्र - छात्राओं को भी सम्मानित किया गया तथा विभाग द्वारा प्रकाशित पत्रिका “भाषा विमर्श” के “प्रशासन में सर्जन” विशेषांक अंक का विमोचन भी किया।
  जोशी की समीक्षात्मक आलेखों की इस कृति में पाठक को एक स्थान पर अलग -  अलग लेखकों की विभिन्न प्रकार की साहित्यिक विधाओं की पुस्तकों का विश्लेषणात्मक परिचय प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण प्लेटफार्म उपलब्ध होता है। साहित्य की हर विधा पर लिखी गई पुस्तकों की समीक्षा  चिंतन - मनन करने की एक दिशा प्रदान करती है। समीक्षा करने की यह विशेषता है कि वे पुस्तक का आद्योपांत गहन, निष्पक्ष, वैज्ञानिक एवं अंतः प्रवृति के साथ अध्ययन कर उसका वास्तविक चित्रण करते हैं। यही सार पाठक को सहजता से पुस्तक की पूरी जानकारी देने में सक्षम है और पाठकों में पुस्तक को पढ़ने के लिए प्रेरित करता है। यही उनकी समीक्षा की सफलता का राज है।
     विजय जोशी की हिन्दी और  राजस्थानी में अब तक एक दर्जन से अधिक  पुस्तकें प्रकाशित हैं जिनमें दो हिन्दी उपन्यास ,पाँच हिन्दी कहानी संग्रह ,एक बाल कहानी संग्रह, चार हिन्दी समीक्षा-आलेख ग्रन्थ, दो राजस्थानी कहानी संग्रह, एक राजस्थानी अनुवाद, एक राजस्थानी समीक्षा-आलेख ग्रंथ, एक राजस्थानी गद्य विविधा  शामिल हैं। इनके साहित्य का मूल्यांकन करते हुए विद्वान् साहित्यकारों के सम्पादन में तीन समीक्षा ग्रन्थ प्रकाशित हुए हैं, वहीं विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा दो शोधार्थियों को पीएच.डी. तथा तीन विद्यार्थियों को एम. फिल. की उपाधि प्रदान की गई है। एक विद्यार्थी वर्तमान में पीएच.डी. हेतु शोधरत है।
   सृजनात्मक लेखन के साथ राजस्थानी और हिन्दी साहित्य की सेवा के लिए इनको राष्ट्रीय स्तर पर मिले पुरस्कारों में भाऊराव देवरस सेवा न्यास, द्वारा पं. प्रतापनारायण मिश्र स्मृति कथा-विधा का 'युवा - साहित्यकार सम्मान-  लखनऊ, उत्तर प्रदेश, राजस्थान पत्रिका द्वारा अखिल भारतीय  ' हिन्दी हैं हम अभियान ' के  अन्तर्गत "लघुकथा विधा" का द्वितीय पुरस्कार, - मुंशी प्रेम चंद कथाकार सम्मान , दिल्ली, हिन्दी प्रतिष्ठा सम्मान, प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश प्राप्त हुए हैं। राज्य स्तर पर मिले पुरस्कार-सम्मानों में सृजन साहित्य सम्मान , श्री गंगानागर, गौरीशंकर कमलेश स्मृति राजस्थानी साहित्य पुरस्कार , अक्षर सम्मान  प्रमुख हैं ।  वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा द्वारा हिन्दी दिवस पर सम्मान- , साहित्य श्री सम्मान , आशीर्वाद अचीवर्स अवार्ड , हिन्दी सेवी सम्मान  सृजन साहित्य सम्मान,  प्रमुख हैं। जिला स्तर पर मिले पुरस्कार-सम्मान में राजस्थान सरकार, जिला प्रशासन कोटा द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर सम्मान , मुंशी प्रेमचन्द कथा सम्मान , हिन्दी दिवस सम्मान  और सृजन रत्न सम्मान प्रमुख हैं।


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