शिवार्चन अनुष्ठान एवं वैदिक रूद्रार्चन ने कराया वागड़ की शैव परम्परा का दिग्दर्शन
बाँसवाड़ा, गायत्री मण्डल की ओर से श्री पीताम्बरा आश्रम में प्रदोष महोत्सव के अन्तर्गत शिव पूजन-अर्चन एवं अभिषेक के साथ रूद्रार्चन के विभिन्न परम्परागत प्राच्य प्रयोगों ने वागड़ अंचल की शैव उपासना पद्धतियों का दिग्दर्शन कराते हुए अभिभूत कर दिया।
आश्रम के पंचदेवोपासना परिसर में पं. प्रदीप मुरलीधर भट्ट के आचार्यत्व में नर्मदेश्वर की विधि-विधान से पूजा-अर्चना के उपरान्त प्रमुख पण्डितों ने विभिन्न दैवीय, दिव्य एवं वानस्पतिक द्रव्यों व रसों के साथ शिवलिंग का रूद्रार्चन ऋचाओं से जलाभिषेक किया।
रूद्रार्चन अनुष्ठानों की शिव आरती एवं पुष्पान्जलि विधान से पूर्णाहुति गायत्री मण्डल के मुख्य संरक्षक एवं पूर्व आयुक्त दिलीप गुप्ता, जाने-माने अभियन्ता अनन्त गुप्ता, अप्रवासी भारतीय अविनाश चौबीसा, वरिष्ठ एड्वोकेट यशपाल गुप्ता, प्रीति गुप्ता, बबिता गुप्ता, किरण चौबीसा, नीना गुप्ता, पुष्पा व्यास आदि मुख्य साधक-साधिकाओं ने की।
कर्मकाण्ड के निष्णात पण्डितों पं. नरहरिकान्त एच. भट्ट, पं. पवन पाठक, पं. सुभाष कालिदास भट्ट, पं. पं. पंकज पण्ड्या, पं. सुभाष त्रिवेदी, पं. सुशील त्रिवेदी, पं. महेन्द्र पाठक, पं. गिरीश पी. जोशी, पं. अक्षय पण्ड्या, पं. अनिल पण्ड्या, पं. ईश्वरदास वैष्णव, पं. मनोहर जोशी, चन्द्रेश व्यास, पं. अरविन्द पाठक, विनोद चौबीसा, पं. अरुण व्यास, अनिल नरहरि एच. भट्ट, मधुसूदन व्यास, मनोज नरहरि भट्ट, आदि ने रूद्राभिषेक का माधुर्य पूर्ण गान करते हुए रूद्रार्चन किया।
इस अवसर पर गायत्री मण्डल के संरक्षक पं. नरहरिकान्त आर. भट्ट, सचिव विनोद शुक्ल सहित मण्डल के पदाधिकारी एवं सदस्य तथा श्री पीताम्बरा आश्रम के साधक एवं साधिकाएं उपस्थित रहीं।