आइए हम सब मिल कर आत्महत्या को रोकें - डॉ.अग्रवाल

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Published on : 10 Sep, 24 15:09

विश्व अंतर्राष्ट्रीय आत्महत्या दिवस 10 सितंबर 2024

आइए हम सब मिल कर आत्महत्या को रोकें  - डॉ.अग्रवाल

आज विश्व आत्महत्या दिवस पर हम आत्महत्या के आंकड़ों को देखे तो आत्महत्याओं की घटनाएं हमारी आंखे खोल देती हैं। विश्व में प्रति 40 सेकेण्ड में एक मृत्यु आत्महत्या से होती है, प्रतिवर्ष 8 लाख लोग आत्महत्या करते हैं। इस से 25 गुणा ज्यादा आत्महत्या का प्रयास करते हैं।  लिथुनिया, दक्षिण कोरिया, रूस, चीन इत्यादि में आत्महत्या की सर सब से ज्यादा हैं।  हमारे देश में सिक्किम, छत्तीसगढ़, तेलंगाना तमिलनाडू, कर्नाटक इत्यादि में ये डर अधिक है। राजस्थान में प्रति लाख  दर 4.8 प्रतिशत से बढ़ कर इस वर्ष 5.8 प्रतिशत प्रति  लाख हो गई है पिछले वर्ष की तुलना में 2019-20 में आत्महत्या दर में विश्व भर में 3-4 प्रतिशत की वृद्धिदेखी गई है। आज हमारे देश में प्रति 4 मिनट में 1 मृत्यु आत्महत्या से हो रही है। भारत में 1.39 लाख लोग आत्महत्या के कारण मृत्यु को प्राप्त हो रहे हैं। एक आत्महत्या पर 20 असफल प्रयास और करीब 130 अन्य लोग (परिवार, समाज, स्कूल) प्रभावित होते हैं। यह दर सबसे ज्यादा(18-45 वर्ष) के बीच देखी गई हैं। 

**   कोटा में वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. एम.एल.अग्रवाल ने बताया कि प्रायः यह देखा गया है कि आत्महत्या करने वाला सहायता की गुहार करता है। नजदीकी लोगों को इस सहायता की पुकार को सुनना है और उसकी सहायता करनी हैं। अधिकतर लोग नींद, भूख नहीं लगना, बात चीत नहीं करना, मरने-मारने की बात करना, अपनी प्रिय वस्तु बाटना, लोगों से माफी मांगना, हिसाब-किताब साफ करने की बात करते हैं। समय से चिन्हों को पहचान, हम लोगों की जान बचा सकते हैं।

**   हमारे परिवार एवं संस्कारों के कारण भारत में यह दर पश्चिमी देशों की अपेक्षा कम है। हर कोई सहायता कर सकता हैं। डॉक्टर/ स्वास्थ्यकर्मी होना आवश्यक नहीं हैं। यदि आपको कुछ ठीक नहीं लग रहा, तो बात करें और सीधा पूछे की वो अपने को नुकसान पहुंचाना तो नहीं चाह रहे है या आत्महत्या के बारे में सोच तो नहीं रहे है?

**   डॉ.अग्रवाल कहते हैं

पारिवारिक ,सामाजिक,आर्थिक, व्यक्तिगत समस्याए, मानसिक रोग (अवसाद) चिंता विकार, आर्थिक समस्या, प्रेम संबंध एवं परीक्षा आदि अन्य कारण  आत्महत्या के लिए जिम्मेदार हैं। फंदा लगा कर मरना (53.6) सबसे मुख्य तरीका हैं साथ ही साथ विषेले पदार्थ का सेवन (विशेषकर किसानों) में धारदार हत्यार, दवाईयां एवं ऊचाई से कुदना अन्य तरीके है। कोरोना काल में आर्थिक समस्याए, अकेलापन, सामाजिक बहिष्कार मुख्यतः जिम्मेदार हैं। जीवन के प्रति संतुलित नजरिया रख कर एवं सकारात्मक सोच को अपना कर इन धटनाओं से बच जा सकता हैं।

**    डॉ. अग्रवाल  की माने तो अवसाद ग्रस्त व्यक्ति को सहयोग की पेशकश करें, उनको डॉक्टर को दिखाये, नियमित उपचार लेने के लिए प्रेरित करे । संस्कार द्वारा उनका जीवन अमूल्य है और इश्वरी देन है कि जानकारी दे उनको नियमित व्यायाम प्राणायाम ध्यान और वर्तमान में जीने की कला सिखाने के लिए प्रेरित करें। विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस 10 सितम्बर का नारा है, आइये! हम सब मिलकर आत्महत्या को रोके।

**  कोटा में आत्महत्या की रोकथाम के लिये होप हेल्प लाइन विगत 10 वर्षों से कोटा एवं आस पास के क्षेत्रों के लिए 24*7 सेवा प्रदान कर रही है। अब तक 12, 000 लोग लाभान्वित हुए है। अनेकों विद्यार्थियों का जीवन बचाया गया है। प्रशिक्षित काउन्सिलरों की सेवा निःशुल्क उपलब्ध है। 

0744-23333666 है। 


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