उदयपुर। परमवीर चक्र विजेता सूबेदार, मेजर कैप्टन योगेन्द्र यादव ने कहा कि बच्चों को जीवन में खुद से कमिटमेन्ट कर जीवन में कुछ हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़़ना चाहियंे। इससे उन्हें निश्चित रूप से सफलता मिलेगी।
वे आज आईएमसीटीएफ व नगर निगम के संयुक्त तत्वावधान में टाउनहॉल स्थित सुखाउि़या रंगमंच पर शहर के स्कूली छात्रों के लिये आयोजित परमवीर वंदन कार्यक्रम में बच्चों को व्यवहारिक शिक्षा देते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जीवन में कुछ पाने के लिये बच्चों को अपने अभिभावक व अपने अध्यापक को सारथी के रूप में अपने जीवन की बागडोर सौंप देनी चाहिये। वे आपको हर चुनौती से पार कर आपके निर्धारित लक्ष्य तक पंहुचानें में मदद करेंगे। ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार महाभारत में भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत में अुर्जन के सारथी बन कर उन्हें विजयी बनाया था। उन्होंने कहा कि जीवन के कुछ प्रश्न होते है,जो पूछे नहंी जाते सिर्फ उनके उत्तर दिये जाते है। वे उत्तर उनके जीवन में नये आयाम स्थापित करते है।
कैप्टन यादव ने बच्चों से कहा कि जीवन में एक उद्देश्य सामनें रखकर आगे बढ़़़ना चाहिये। उद्दंेश्य विहीन जीवन में किसी काम का नहीं होता है। पिछले डेढ़़ वर्ष में देश के 4 लाख बच्चों मिलकर उनके जीवन को एक दिशा देने का प्रयास किया है। उनमें राष्ट्रप्रेम जागृत करने का प्रयास किया। आपके जीवन का एक बहुत बड़ा हिस्सा वे योद्धा है जो सीमा पर डटे रहकर आपको अपने घरो में चैन की नंींद सोने देते है।
जीवन में रोल मॉडल का होना बहुत अवश्यक है। वहंी मॉडल आपकों आपके लक्ष्य तक पंहुचाने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि मेरा रोल मॉडल सैनिक अजय क्षेत्रपाल था,जिन्होंने पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में उनके टेंको को तबाह कर दिया था। जिनको ध्यान में रखकर मैने मात्र 10 साल की उम्र में मैनें सेना जाने का निर्णय ले लिया था और मात्र 16 वर्ष 5 माह की उम्र में सेना को ज्वाईन कर अपने लक्ष्य का हासिल किया। जीवन के सपनों को आंखों से देखा नहंी, वरन् उसके साथ जीना शुरू किया था। अपने सपनों में अपने ईश्वर को शामिल कर लें तो दुनिया की कोई ताकत नहीं जो आपको हरा दें। जो व्यक्ति प्रतिकूल परिस्थितियों में भीड़ से हटकर चलता है वहीं अपनें पैरों के निशान छोड़ता है। फौज की ट्रेनिंग की आग जलाती नहीं वरन् पिघलाती है और उस आग में पिघल कर जो बाहर निकलता है उसका जीवन ही बदल जाता है। सैनिक की नई आकृति बन जाती है।
उन्होंने बच्चों से कहा कि वे अपने जीवन में निरन्तरता,अनुशासन रखें। यदि आपके जीवन में अनुशासन है तो आप एक कामयाब इंसान है। अनुशासन हमें चुनौतियों का सामना करना सिखाती है।
उन्होंने कारगिल युद्ध की गौरवमयी विजयी यात्रा के संस्मरण सुनायें तो बच्चों में जोश भर गया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार कारगिल चोटी पर अने शहीद हुए सैनिकों के बीच पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा बरसायी जा रही गालियों को झेलते हुए उन्होंने उस चोटी पर कब्जा किया। मेरे घायल होने के बावजूद पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा मुझ पर गोलियंां दागी गयी लेकिन ईश्वर को कूछ और ही मंजूर था। मुझे मौका मिलते ही मैनें गालियंा खाने के बावजूद वहंा मौजूद 5 सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था। उन्होंने कहा कि देश में अब तक 21 सैनिकों को परमवीर चक्र मिला है जिसमें से मात्र 3 सैनिक ही जीवित है।
केप्टन यादव ने कहा कि आईएमसीटीएफ द्वारा किये जा रहे कार्यो की सराहना करते हुए कहा कि वे आने वाले समय में उनके साथ मिलकर देश भर में बच्चों में राष्ट्रप्रेम की भावना जागृत करनें पर कार्य करेंगे। समारोह को गीतांजली टेक्निकल इन्स्टीट्यूट के निदेशक प्रो. पी.क.े.जैन व डॉ.लोकेश भारती ने भी संबोधित किया।
प्रारम्भ में आईएमसीटीएफ की समन्वयक रानू सिंघवी ने आईएमसीटीएफ द्वारा किये जा रहे कार्यो की जानकारी देते हुए सभी का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आज हम देश के रियल हीरो के कारण ही हम सुरक्षित है।
समारोह में संस्था के समन्वयक रानू सिंघवी, पीयूष भादविया,डॉ. राजकुमार व्यास,पुष्पा पारीख,गोपाल कनेरिया, मोहित सिसोदिया,लव वर्मा सहित कार्यक्रम में मौजदू विभिन्न स्कूलों के प्रतिनिधियों ने कैप्टन योगेन्द्र यादव का उपरना पहनकार स्वागत किया। संचालन कपिल पालीवाल ने किया।