### श्री रजत वर्मा" ने निम्स युनिवर्सिटी के फैशन डिजाइनिंग डिपार्टमेंट का किया निरीक्षण 

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Published on : 06 Sep, 24 15:09

भारत सरकार, के टैक्सटाइल मंत्रालय के वरिष्ठ सहायक निदेशक, (हस्तशिल्प) "श्री रजत वर्मा" ने निम्स युनिवर्सिटी के फैशन डिजाइनिंग डिपार्टमेंट का किया निरीक्षण 

### श्री रजत वर्मा" ने निम्स युनिवर्सिटी के फैशन डिजाइनिंग डिपार्टमेंट का किया निरीक्षण 

निम्स यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर प्रो अमेरिका सिंह, कुलसचिव डॉ. संदीप त्रिपाठी तथा डॉ. आशीष माथुर ने श्री रजत वर्मा, वरिष्ठ सहायक निदेशक (हस्तशिल्प) का साफा शाल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर किया स्वागत अभिनंदन 

*श्री रजत वर्मा के निर्देशन में राजस्थान प्रदेश के 21 जिलों में हस्तशिल्प संवर्धन  का कार्य संचालित किया जाता है । 


जयपुर, – भारत सरकार के टेक्सटाइल मंत्रालय के वरिष्ठ सहायक निदेशक (हस्तशिल्प) श्री रजत वर्मा ने निम्स यूनिवर्सिटी के फैशन डिजाइनिंग डिपार्टमेंट का दौरा किया। इस अवसर पर निम्स यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर प्रो अमेरिका सिंह, कुलसचिव डॉ. संदीप त्रिपाठी और डॉ. आशीष माथुर ने श्री वर्मा का स्वागत करते हुए उन्हें पारंपरिक साफा धारण कर तथा शाल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

श्री रजत वर्मा के निरीक्षण के दौरान निम्स यूनिवर्सिटी में हस्तशिल्प कला पर एक विशेष सिम्पोजियम का आयोजन करने का प्रस्ताव रखा। इस सिम्पोजियम का उद्देश्य हस्तशिल्प की कला और तकनीकों पर चर्चा और नवाचार को प्रोत्साहित करना है।

श्री वर्मा के निर्देशन में राजस्थान के 21 जिलों में हस्तशिल्प कला के संवर्धन हेतु कार्यो का संचालन किया जाता है, जो इस क्षेत्र में पारंपरिक हस्तशिल्प के संरक्षण और संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

निरीक्षण के दौरान, श्री सज्जन पाल, कारपेट ट्रेनिंग ऑफिसर, और श्री सौरभ, हस्तशिल्प संवर्धन अधिकारी भी मौजूद रहे। श्री वर्मा ने फैशन डिजाइनिंग डिपार्टमेंट की फेकल्टी सदस्यों के साथ फैशन और हस्त शिल्प के नवाचार पर चर्चा की और उनके विचारों को सुना। इस चर्चा में फैशन डिजाइनिंग और हस्तशिल्प की समन्वित प्रगति के अवसरों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया।

इस कार्यक्रम के दौरान, श्री वर्मा ने यूनिवर्सिटी के प्रयासों की सराहना की और भविष्य में भी सहयोग की उम्मीद जताई। इस प्रकार के आयोजनों से न केवल हस्तशिल्प के क्षेत्र में नए विचार और दिशा मिलती है, बल्कि छात्रों और शिक्षकों के बीच आदान-प्रदान और सहयोग को भी बढ़ावा मिलता है।


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