उदयपुर मे ए-हेल्प ट्रेनिंग का आगाज, पशुपालकों को मिलेगी काफी राहत

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Published on : 05 Sep, 24 07:09

पशु सखी के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना लक्ष्य

उदयपुर मे ए-हेल्प ट्रेनिंग का आगाज, पशुपालकों को मिलेगी काफी राहत

उदयपुर,  ग्रामीण अंचल की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिये केंद्रीय पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त पहल से भारत सरकार की वित्त पोषित ए-हेल्प (एक्रीडेटेड एजेंट फॉर हेल्थ एण्ड एक्सटेंशन ऑफ लाइवस्टॉक प्रोडक्शन) योजना की शुरुआत उदयपुर में बुधवार को हुई। उदयपुर में इस प्रशिक्षण का शुभारंभ कृषि विज्ञान केंद्र बड़गाँव के प्रभारी डॉ प्रफुल भटनागर एवं पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. शरद अरोड़ा ने किया गया। इस प्रशिक्षण में उदयपुर जिले की 25 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस ए-हेल्प कार्यक्रम में डॉ शैलेंद्र कुमार शुक्ला, डॉ सुरेश शर्मा, डॉ सुभाष चन्द्र, डॉ योगेश बरोलिया तथा श्री सचिन वैश्य मास्ट ट्रेनर रहेंगे।
डॉ. अरोड़ा ने बताया कि पहला प्रशिक्षण शिविर बुधवार को कृषि विज्ञान केंद्र बड़गाँव में शुरू हुआ जो 20 सितंबर तक चलेगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को मान्यता प्राप्त एजेंट के रूप में शामिल करके सशक्त बनाना है। ए-हेल्प की भूमिका राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम में एफएमडी एवं ब्रुसेला टीकाकरण, पीपीआर उन्मूलन, क्लासिक स्वाइन फीवर नियंत्रण और राष्ट्रीय गोकुल मिशन में कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम में महत्वपूर्ण होगी। इसी प्रकार डेयरी गतिविधियों का प्रसार एवं क्रियान्वयन,गौ-भैंस वंशीय पशुओं को कान में टैग लगाना, किसान उत्पादक संगठनों को पशुपालन में उद्यमिता विकास के लिये प्रोत्साहित करने,विभिन्न विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग और निचले स्तर तक पशुपालकों को जानकारी उपलब्ध कराने में ए-हेल्प की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। डॉ अरोड़ा ने इस योजना पर प्रकाश डालते हुए बताया की इस योजना के लिए हर गांव से एक महिला का चयन कर स्टेट लेवल पर उसकी ट्रेनिंग कराई जाएगी। 16 दिन की ट्रेनिंग के बाद इनका एक मौखिक और लिखित परीक्षा होगा। परीक्षा पास आउट करने के बाद इन पशु सखीयों को ए हेल्प कार्यकर्ता के रूप में जाना जाने लगेगा।
मुख्य अतिथि डॉ प्रफुल भटनागर ने इस अवसर पर कहा की ए-हेल्प कार्यकर्ता पशुपालक एवं पशु चिकित्सालय मे मध्यस्थ का काम करेंगी।  इससे पशुपालन गतिविधियों का अमल आसान होगा तथा दुध उत्पादन पर भी सीधा असर पड़ेगा। इसके अलावा पशु सखी चारा उत्पादन के लिए पशुपालकों को प्रोत्साहित भी करेंगी, जिससे वो चारे की पूर्ति के लिए आत्मनिर्भर बनें। प्रत्येक ए-हेल्प या पशु सखी को फर्स्ट-एड किट भी दी जाएगी, जिससे वो पशुपालकों की प्रारंभिक स्वास्थ्य आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें। जिससे पशुपालकों को फायदा मिलने के साथ ही मातृ शक्तियों को रोजगार भी मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान सरकार के पशुपालन विभाग की ओर से 1 जुलाई 2024 से इस योजना का शुभारंभ पशुपालन, डेयरी एवं देवस्थान विभाग के कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत द्वारा किया गया। इस योजना के तहत पशुपालन और ग्रामीण विकास विभाग, राजस्थान सरकार की ओर से महिला शक्ति को प्रशिक्षण दिया जाएगा। बिहार, गुजरात, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और झारखंड के बाद इस योजना को शुरू करने वाला राजस्थान आठवां राज्य है। ए-हेल्प योजना के तहत राज्य सरकार पहले चरण में करीब दो हजार चयनित महिलाओं को पशुपालन और ग्रामीण विकास विभाग की ओर से ट्रेनिंग दी जाएगी।


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