निराश्रित गौवंश के लिए गौशाला पशु आश्रय स्थलों का हुआ करार

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Published on : 01 Sep, 24 05:09

निराश्रित गौवंश के लिए गौशाला पशु आश्रय स्थलों का हुआ करार

बाड़मेर। जिला गोपालन समिति बाड़मेर एवं तीन गौशालाओं के बीच चार ग्राम पंचायतों में निराश्रित गौवंश की सेवा सुश्रा के लिए आश्रय स्थलों का करार शुक्रवार को जिला कलेक्टर कार्यालय में हुआ। इस करार में पशु आश्रय स्थल के निर्माण के लिए चयनित गौशाला को सरकार 90 लाख रूपये देगी, वहीं गौशाला को दस लाख रूपए अपना हिस्सा राशि देकर यह निर्माण कार्य करवाने होंगे। चयनित गौशालाओं को 20 वर्ष तक इन आश्रय स्थलों का संचालन करना होगा। प्रति आश्रय स्थल में 200 गौवंश रखना अनिवार्य होगा।

बजट घोषणा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छंद विचरण कर रहे बेसहारा, निराश्रित गौवंश को आश्रय प्रदान कर इनके जीवन में सुधार लाने के लिए ग्राम पंचायत बिशाला, सुंदरा, चीबी व बांडासर में गौशाला पशु आश्रय स्थलों का शुक्रवार को जिला कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला गोपालन समिति बाड़मेर की ओर से अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजंेद्रसिंह चांदावत, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डा. विनय मोहन खत्री, पशुपालन विभाग के गौशाला प्रभारी अधिकारी डा. अजयनाथ गोस्वामी, श्री गोपाल गौशाला आदर्श विशाला के संस्थापक ट्रस्टी ओमप्रकाश मेहता, श्री श्री सनातन गौ सेवा चैनपुरा के सचिव देवेन्द्र शर्मा, मूलराज शिक्षण संस्थान गडरारोड के अध्यक्ष जीवराजसिंह सोढा के बीच एमओयू हुआ। इसमें बिशाला, सुंदरा, चीबी, बांडासर ग्राम पंचायतों में पशु आश्रय स्थल खोलने के लिए जिला गोपालन समिति बाड़मेर ने अपनी स्वीकृति प्रदान की। पशुपालन विभाग के गौशाला प्रभारी अधिकारी डा. अजयनाथ गोस्वामी ने बताया कि श्री गोपाल गौशाला बाड़मेर की ओर से ग्राम पंचायत बिशाला में, मूलराज शिक्षण संस्थान गडरारोड की ओर से संुदरा व बांडासर में तथा श्री सनातन गौसेवा संस्थान चीबी की ओर से चैनपुरा ग्राम पंचायत चीबी में निराश्रित गौवंश के लिए गौशाला आश्रय स्थलों का संचालन किया जाएगा। गोस्वामी ने बताया कि आगामी समय में चरणबद्ध रूप से जिले की अन्य ग्राम पंचायतों में भी ऐसे आश्रय स्थल खोले जाएंगे।


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