जयपुर, निम्स विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर, प्रो. अमेरिका सिंह ने भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के हस्तशिल्प सेवा केंद्र के वरिष्ठ सहायक निदेशक, श्री रजत वर्मा से शिष्टाचार भेंट की। इस बैठक में भारतीय हस्तशिल्प की कला और उसकी सांस्कृतिक धरोहर पर चर्चा की गई।
प्रो. अमेरिका सिंह ने नई शिक्षा नीति के तहत भारतीय ज्ञान दर्शन में हस्तशिल्प कला के विशेष महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि हस्तशिल्प कला हमारी सांस्कृतिक पहचान के साथ-साथ भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है। विश्वविद्यालय इस दिशा में सहयोग और जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
निम्स विश्वविद्यालय के फैशन डिजाइनिंग और भारतीय कला दर्शन विभाग ने आगामी दिनों में हस्तशिल्प कला पर आधारित कार्यशाला और पारंपरिक वस्त्र प्रदर्शनी आयोजित करने की योजना बनाई है, जिसमें हस्तशिल्प सेवा केंद्र जयपुर का सहयोग रहेगा। कार्यशाला में हस्तशिल्प की विभिन्न विधाओं पर व्याख्यान और प्रायोगिक सत्र होंगे, और प्रदर्शनी में पारंपरिक वस्त्रों और हस्तनिर्मित वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
श्री रजत वर्मा ने इस पहल की सराहना की और हस्तशिल्प सेवा केंद्र की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन हस्तशिल्प कला को प्रोत्साहन देगा और विद्यार्थियों व आम जनता को इसके महत्व के बारे में जानकारी देगा।
श्री रजत वर्मा के क्षेत्राधिकार में 21 जिले आते हैं, जहां लगभग 52,000 हस्तशिल्पी कार्यरत हैं। हस्तशिल्प के निर्यात को बढ़ाने के लिए 500 यूनिट्स सहयोग कर रही हैं। जयपुर स्थित हस्तशिल्प सेवा केंद्र के 50 हस्तशिल्पी राष्ट्रपति पुरस्कार और 13 शिल्पगुरु से सम्मानित हैं। इस वर्ष के लिए 03 हस्तशिल्पियों को पद्म श्री अवॉर्ड के लिए अनुशंसा की गई है।
शिष्टाचार भेंट के दौरान सौरभ जिंदल, सज्जनपाल, प्रतिभा अग्रवाल, आर के मीणा, पवन बैरवा, विष्णु शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।