मां

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Published on : 28 Aug, 24 11:08

मां

मां 
एक शब्द 
जिसके आगे सभी नि‌‌ शबद है,
मां....
एक कहानी 
जिसे कोई पूरी ना कर सका,
मां एक पहेली है 
जो कभी बुझाई नहीं जा सकती,
मां एक अथाह सागर हैं 
जो उसकी ममता से भी गहरा है,
मां एक नींव है 
जिसकी गहराई का कोई माप नहीं,
मां लक्ष्मी का रुप है,
मां, एक सरस्वती 
विद्या की देवी हैं,
मां एक पर्वत है 
जिसे कोई ना  छू सका,
मां वह धन है, 
जिसे कोई पा ना सका,
मां वह मुकाम 
जो हासिल ना हो सका,
मां भाग्य है 
जिसका लेखा-जोखा एक समान है,
मां वो दौलत है 
जो अनगिनत है,
मां धीर है, समता है 
मां एक हीरा है 
और चमकता तारा है,
एक असिमित ममता 
जो अशून्य है,
मां एक शिखर है,
जहां कोई ना पहुंच सका 
जहां भगवान नहीं, वहां मां का वास है,
इसलिए मां भगवान का रूप है।
 


साभार :


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