जैसलमेर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय जैसलमेर के केंद्र पर डॉ० दादी प्रकाशमणि की 17वी पुण्यतिथि पर ब्रह्माकुमारी मनीषा दीदी व वरिष्ठ भाईजनों द्वारा ईश्वरीय स्मृति गीत के साथ चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प चढ़ा कर श्रदांजलि अर्पित की गयी। ब्रह्माकुमारी मनीषा दीदी ने कहा कि डॉ० दादी प्रकाशमणि एक ऐसी विभूति थी जिन्होंने पूरे विश्व में ममता और प्यार के आंचल में संस्कारों का पोषण दिया। दादी जी गहन योग व तपस्या के द्वारा बाह्य और आंतरिक रुप से सशक्त बनती गई। प्रजापिता ब्रह्मा बाबा ने इनके तेज और आध्यात्मिक प्रकाश को देखते हुए दादी जी को प्रकाशमणि के नाम से सुशोभित किया विश्व में शांति की पताका फहराने के लिए दादी जी को अंतरराष्ट्रीय शांतिदूत पुरस्कार से नवाजा गया। वर्तमान स्थिति को देखकर ऐसा लगता है कि हर क्षण अंतिम क्षण है ऐसे में ईश्वरी विश्वविद्यालय से जो श्रेष्ठ विचार और योग के द्वारा प्रकाश प्राप्त हो रहा है उससे जीवन को एक नई ऊर्जा की प्राप्ति होती है। दादी बचपन से ही विनम्र शब्द है। और संस्कारों से भरपूर थी दादी ने इन्हीं गुणों के कारण विश्व कल्याण के कई कीर्तिमान स्थापित किए। वह संस्था का सरताज और विश्व का गौरव थी। रितु बहिन ने दादी डॉ प्रकाशमणि के जीवन पर अपने विचार प्रकट किए । रितु बहिन के द्वारा मंच संचालन किया गया अंत में सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय जैसलमेर के सभी भाई बहिन उपस्थित रहे।