ग़ज़ब का आत्म विश्वास

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Published on : 31 Jul, 24 01:07

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए ग़ज़ब का आत्म विश्वास दिखाया  बजट और हलुआ रस्म के इतिहास पर भी बोली

ग़ज़ब का आत्म विश्वास

 

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

 

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को ग़ज़ब का आत्म विश्वास दिखाया और हलुआ रस्म पर अपना जोरदार जवाब दिया।साथ ही हलुआ रस्म  की पृष्ठभूमि पर भी प्रकाश डाला। सीतारमण ने  कहा कि भारत में परम्परा है कि किसी भी शुभ काम में मुंह मीठा कराया जाता है।

 

उन्होंने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार का जिक्र कर कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला बोला।वित्त मंत्री ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के मुख्यमंत्री कहते हैं कि 187 करोड़ का नहीं सिर्फ 89 करोड़ का घोटाला हुआ है। वित्त मंत्री ने निशाना साधते हुए कहा कि क्या कॉन्फिडेंस है भ्रष्टाचार भी करो और उसका दम भी भरते हों!

 

विपक्ष ने केंद्र सरकार के बजट 2024 में बिहार और आंध्र प्रदेश को छोड़कर बाकी राज्यों की अनदेखी का आरोप लगाया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने मंगलवार को बजट 2024 पर चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष के इन आरोपों को खारिज किया. सीतारमन ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के समय में सभी वित्तीय वर्ष में पेश किए गए बजट की बातों से विपक्ष पर निशाना साधा. वित्त मंत्री ने कहा, "2004-05 के बजट में 17 राज्यों का नाम नहीं था. 2009-10 के बजट में यूपी और बिहार को छोड़कर किसी राज्य का नाम नहीं लिया गया. 2010-11 के बजट में 19 राज्यों का जिक्र नहीं था. 2014-15 में 10 राज्यों का जिक्र नहीं था. आप बताइए जिन राज्यों का बजट में नाम नहीं था, क्या उन्हें पैसे नहीं दिए गए?"

 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया था ।अपने भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने बिहार और आंध्र प्रदेश का जिक्र किया. बजट में आंध्र प्रदेश के लिए 15,000 करोड़ रुपये अलॉट किए गए हैं. इसे लेकर पूछे गए सवाल पर सीतारमन ने कहा, "आंध्र प्रदेश लंबे समय से बजट की उम्मीद कर रहा था. मुझे नहीं पता कि इस राज्य को पुनर्गठन के लिए बजट क्यों नहीं दिया गया. हमने जो बजट दिया है, उससे आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम (आंध्र प्रदेश रीऑर्गनाइजेशन एक्ट) के तहत चिंताओं के निवारण में तेजी लाई जाएगी. इसके तहत फंड पानी, बिजली, रेलवे, सड़क जैसे अहम इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए जारी किया जाएगा।

 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024 के बजट पर लोकसभा में सामाजिक क्षेत्र के लिए कम आवंटन के विपक्ष के आरोपों का खंडन किया। सीतारमण ने कहा कि इस सरकार का खर्च तेजी से बढ़ा है और पूंजीगत व्यय से सरकार को कोविड के बाद तेज विकास दर बनाए रखने में मदद मिली है।

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि यूपीए सरकार के समय बजट में कई राज्यों का नाम नहीं लिया जाता था तो क्या इसका मतलब यह था कि उन राज्यों को आवंटन नहीं हुआ था। इस साल के बजट में पिछले साल की तुलना में किसी भी क्षेत्र के लिए कम आवंटन नहीं किया गया है।सीतारमण ने कहा कि किसी भी राज्य को पैसे देने से मना नहीं किया जा रहा है। हम किसी भी राज्य को पैसे देने से मना नहीं कर रहे हैं। हम राजकोषीय घाटे के लक्ष्य का अनुपालन कर रहे हैं। वित्त वर्ष 2021 में राजस्व से राजकोषीय घाटे का अनुपात 80 फीसदी से घटकर वित्त वर्ष 2025 में 36 फीसदी रहने की उम्मीद है। 2025-26 तक इसे 4.5 प्रतिशत से नीचे ले आएंगे।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमने इस साल केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बजट में 17,000 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी है। इसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस की लागत के वित्तपोषण के लिए 12,000 करोड़ शामिल हैं। यह वह बोझ है जिसे हम अपने कंधों पर लेना चाहते हैं, ताकि जम्मू-कश्मीर के विकास को गति मिल सके। 5-59 साल की उम्र के लिए बेरोजगारी की दर वास्तव में जम्मू-कश्मीर में कम हुई है। यह 2020-21 में 6.4 फीसदी से घटकर 2021-22 में 5.7 फीसदी और 2022-23 में 4.4 फीसदी हो गई है।वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि के लिए 2013-14 में 0.30 लाख करोड़ आवंटित थे, जबकि अब 1.52 लाख करोड़ हैं। यह पिछले साल यानी 2023-24 से 8,000 करोड़ ज्यादा है। शिक्षा और रोजगार के लिए 2013-14 में 0.85 लाख करोड़ आवंटित थे, जबकि आज यह 1.48 लाख करोड़ है, यानी 23 फीसदी ज्यादा आवंटन किया गया है। हम सभी को साल 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए काम करना होगा। बजट 2024 विकसित भारत की दिशा में पहला कदम होगा।

 

अनुराग ठाकुर के उद्बोधन पर राहुल गाँधी का जवाब

 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के जवाब से पहले प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी ने ट्रेजरी बैंच की ओर इशारा करते हुए कहा कि, जितना मेरा आप लोग इंसल्ट करना चाहते हैं, आप खुशी से करिए, आप रोज करिए, मगर एक बात मत भूलिए, जाति जनगणना को हम यहां पास करके दिखाएंगे। जितना इंसल्ट करना है, करिए, मैं उसे सह लूंगा।जो भी इस देश में दलितों की, आदिवासियों की, पिछड़ों की बात उठाता है, जो भी उनके लिए लड़ता है, उसको गाली खानी ही पड़ती है और मैं ये सब गालियाँ खुशी से खाऊँगा, क्योंकि महाभारत की बात हुई, तो महाभारत में अर्जुन को सिर्फ मछली की आँख दिख रही थी। उसी प्रकार मुझे भी सिर्फ मछली की आँख दिख रही है, जाति जनगणना हम कराके दिखाएँगे। आपको जितनी गाली देनी है, आप दीजिए, हम खुशी से लेंगे। 

अनुराग ठाकुर जी ने मुझे गाली दी है। मुझे इंसल्ट किया है, मगर मैं अनुराग ठाकुर जी से कोई माफी नहीं चाहता हूं, मुझे कोई माफी की जरूरत नहीं है। मैं लड़ाई लड़ रहा हूँ, जितनी आपको गाली देनी है, मैं आपसे कभी माफी नहीं मंगवाऊँगा, मुझे आपकी माफी नहीं चाहिए।

वित्त मंत्री ने अपने जवाब के वक्त कोई अतिरिक्त घोषणा नहीं की। देखना है आगे बजट पारित होते वक्त क्या घोषणायें होती हैं?


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