उदयपुर। वरिष्ठ सीए डॉ. निर्मल कुणावत ने मोदी सरकार 3 के प्रथम बजट को भारत को विकसित देश की तरफ ले जाने वाला बताया। हालांकि किसान, गरीब, आदिवासी और युवाओ को केंद्रित बजट में कई विरोधामास भी है।
डॉ. कुणावत ने बताया की आयकर अधिनिययम 1961, को पूर्ण रूप से परिवर्तित करने की बात कही गई तो फिर अभी आयकर में परिवर्तन का कोई औचित्य नहीं था।
डॉ. कुणावत का मानना है की शेयर बाजार में, पूंजीगत लाभ कर दरों में वृद्धि से जहाँ निवेशकों को धक्का लगा, परन्तु विदेशी कंपनियों पर कर दरों में कमी से पूंजी की तरलता में वृद्धि होगी और दीर्घ अवधि में शेयर बाजार में बढ़ोतरी जारी रहेगी। शहरीकरण के कारण शहरो पर बढ़ते दबाव में कमी लाने तथा स्मार्ट विलेज बनाने का कोई प्रयास नहीं किया गया।
महिलाओ के नाम खरीदी सम्पति पर कर में कमी तथा स्टाम्प ड्यूटी में कमी करने वाले राज्यों को केंद्र अधिक बजट देगा जो स्वागत योग्य है। प्रॉपर्टी पर कैपिटल गेन टैक्स में अब तुरंत प्रभाव से इंडेक्सेशन खत्म करके सरलीकरण किया गया है।
डॉ. कुणावत ने बताया की उच्च शिक्षा के लिए घरेलु संस्थानों को प्रोत्साहित करने से युवाओ के प्रतिभा पलायन में कमी आएगी। जो स्वागत योग्य है। ई कॉमर्स पर लगने वाला टीडीएस में भी कटौती की गई जिससे मोदीजी के द्वारा शुरू किया गया डिजिटल इंडिया अभियान को तेजी मिलेगी।
लघु उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विशेष क्रेडिट प्रोग्राम लागू किया गया है जिससे एमएसएमई व छोटे व्यापारियों को लाभ होगा। बेहतर वित्तीय मैनेजमेंट से वित्तीय घाटे को 4.9 प्रतिशत पर रोकना भी स्वागत योग्य है।