सीखने की कोई उम्र नहीं होती है और ज्ञान की कोई सीमा नहीं एक दूसरे से सीखते रहना व्यक्तित्व विकास में जरूरी है।
भूमि जल वैज्ञानिक अभी तक जमीन में टैंक या फिल्टर बेड बनाकर वर्षा जल को बचाते आ रहे हैं और भूमि जल को रिचार्ज करते आ रहे हैं। सब तकनीक के अपने हानि लाभ हैं। तकनीक की कीमत आम व्यक्ति के लिए करने योग्य होनी चाहिए। अगर कोई महंगी तकनीक होगी और बार-बार बदलना हो तो आम व्यक्ति उसे स्वीकार नहीं कर पाएगा।
ऐसे में नगर के वाटर हीरो जल मित्र वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर पीसी जैन ने इन वैज्ञानिकों को भूजल रिचार्ज करने हेतु सस्ती ,सरल ,सहज ,सुरक्षित और बिना अधिक रखरखाव की तकनीक आज इन भुजल वैज्ञानिकों को बताइ। उन्होंने बताया कि सबसे पहले अपने छत के नालों को जोड़कर पहले एक ड्रेन पाइप बनाएं ताकि पहले दूसरी वर्षा का पानी छत की गंदगी के साथ बाहर निकल जाए। उसके बाद उसके वालों को बंद कर वर्षा जल को फिल्टर के माध्यम से गुजरने देते हैं और अपने ट्यूबवेल हैंड पंप की केसिंग से जोड़ देते हैं जिस तरह की शरीर में ग्लूकोज चढ़ाते हैं तो यह वर्षा जल भूमि जल में मिल जाता है और इसका जलस्तर बढ़ता है तथा जल की शुद्धता भी बढ़ती है साथ ही साथ यह संचित भूमि जल सूरज की गर्मी से नहीं उड़ेगा।
कार्यक्रम में कई प्रश्न और भ्रांतियां का निवारण डीआर पीसी जैन द्वारा किया गया।
डॉक्टर पी सी जैन द्वारा सभी को संकल्प दिलाया गया की कम से कम इस ग्राउंडवाटर डिपार्मेंट के सभी कर्मचारी अपने अपने घरों में स्थित ट्यूबवेल को इस वर्षा काल में रिचार्ज कर समाज के सामने उदाहरण प्रस्तुत करें एवं समाज को भी जागृत करें।
कार्यक्रम के अंत में जन जागरण हेतु मेवाड़ी गीत गाकर जल नृत्य किया गया जिससे जल आंदोलन को जन आंदोलन बनाया जा सके।
जल नृत्य में मूमल शेखावत, याशिका सालवी इत्यादि उपस्थित थे।
भूजल विभाग के अधिकारी विकास कुमार शर्मा, शैलेंद्र धारगवे ,डॉ अनिल मोदी, कैलाश शर्मा , जोगेंद्र नाथ चौहान और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।