उदयपुर। भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय की कन्या इकाई के संस्कृत विभाग द्वारा कालिदास जयंती के अवसर पर श्लोक लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए महाविद्यालय अधिष्ठाता डाॅ. शिल्पा राठौड़ ने कहा प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कालिदास कालजयी रचनाकार हैं। कोई रचनाकार कालजयी तभी बनता है जब उसका रचनाकर्म समाज सापेक्ष होता है। साहित्य का महत्व सदैव ही है और हमारे व्यक्तित्व विकास में साहित्य के माध्यम से ही होता है, अतः अधिकाधिक साहित्य को पढ़ना चाहिए।
इस अवसर पर संस्कृत विभागाध्यक्ष डाॅ. पंकज मरमट ने महाकवि कालिदास के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से विचार रखे। इस अवसर पर डाॅ. देवेन्द्र सिंह सिसोदिया, डाॅ. खातून आफताब कत्थावाला, डाॅ. कंचन राठौड़, डाॅ. रेखा मेनारिया, डाॅ. प्रियंका शक्तावत, डाॅ. हुसैनी बोहरा आदि उपस्थित थे। प्रतियोगिता में तन्वी संध्या प्रथम, हितेश्री राठौड़ द्वितीय व राजश्री सिसोदिया तृतीय रहीं।