उद्यान आभा तूफान एक्सप्रेस के विकल्प के रूप मे विभूति एक्सप्रेस के विस्तार की पूरी संभावना’

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Published on : 04 Jul, 24 05:07

भीम शर्मा ने कोलकाता में रेल अधिकारियों से की मुलाकात

उद्यान आभा तूफान एक्सप्रेस के विकल्प के रूप मे विभूति एक्सप्रेस के विस्तार की पूरी संभावना’

श्रीगंगानगर, कोरोना से पूर्व बंद की गई उद्यान आभा तूफान एक्सप्रेस ट्रेन को पुन शुरू करने की मांग व उसके विकल्प को लेकर जेडआरयूसीसी के पूर्व सदस्य भीम शर्मा ने सोमवार और मंगलवार को कोलकाता में ईस्टर्न रेलवे व साउथ ईस्टर्न रेलवे के अधिकारियों से मुलाकात की।
  भीम शर्मा ने बताया कि मंगलवार को साउथ ईस्टर्न रेलवे के एजीएम श्री अनिल दुबे व बुधवार को ईस्टर्न रेलवे के सीपीटीम श्री रौशन कुमार से मुलाकात कर रेल समस्याओं को लेकर चर्चा की। ईस्टर्न रेलवे के सीपीटीम को बताया कि वर्षो पुरानी उद्यान आभा तूफान एक्सप्रेस गाड़ी संख्या 13007/13008 को ईस्टर्न रेलवे के तत्कालीन सीपीटीएम की अनुशंसा पर बन्द करने का निर्णय लिया गया था। इसके बदले में तत्कालीन श्रीगंगानगर सांसद निहालचंद की ओर से हावड़ा से प्रयागराज के मध्य चलने वाली गाड़ी संख्या 12333/12334 विभूति एक्सप्रेस सुपरफास्ट को श्रीगंगानगर तक विस्तारित करने की मांग की गई थी। उन्होने कहा कि इस सम्बंध में सीपीटीएम को बताया गया कि 13008 उद्यान आभा एक्सप्रैस गाड़ी राजस्थान के श्रीगंगानगर से चलकर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल सहित सात राज्यों को आपस में जोड़ती थी। यह भी सुझाव दिया कि अगर इस गाड़ी के संचालन में किसी प्रकार की समस्या है तो इसके स्थान पर हावड़ा से प्रयागराज के बीच चलने वाली गाड़ी संख्या 12333/34 विभूती एक्सप्रेस को श्रीगंगानगर तक बढ़ाया जाए ताकि लंबी दूरी के यात्रियों को होने वाली परेशानी से निजात मिल सके।
 ज़ेडआरयूसीसी के पूर्व सदस्य भीम शर्मा  के अनुसार अनेक दशकों पूर्व यह ट्रैन सौग़ात के रूप में मिली थी। उस समय से साल 1993 तक श्रीगंगानगर से दिल्ली के मध्य सफर करवाने वाली यह इकलौती ट्रैन थी। साल 1993 में श्रीगंगानगर से दिल्ली के बीच चली इंटरसिटी ने नये सफर का अनुभव करवाया उसके बाद सराय रोहिल्ला सुपरफास्टए नांदेड़ व तिलकब्रिज वाली ट्रेन ने श्रीगंगानगर को दिल्ली से जोड़ा। इन सबके बावजूद उद्यान आभा एक्सप्रेस के यात्रीभार पर कोई असर नही पड़ा। लॉकडाउन के दौरान जब देशभर की ट्रेनों के पहिये थम गये तो इस्टर्न रेल्वे के तत्तकालीन चीफ पैसेंजर ट्रांसपोर्टेशन मैनेजर के.एन. चंद्रा की ओर से ईस्टर्न रेलवे की 10 मेल/एक्सप्रेस व 7 पैसेन्जर ट्रैनों को अलग-अलग कारणों से स्थाई रूप से बन्द करने की अनुशंसा करते हुए रेलवे बोर्ड के प्रिंसिपल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर;कोचिंगद्ध को लिखा गया।
 भीम शर्मा के अनुसार ईस्टर्न रेलवे के सीपीटीएम की ओर से उस समय इस ट्रेन को बंद करने के पीछे जो मुख्य कारण बताये गये, उनमें मुख्य रूप से बताया गया हैं कि लगभग 1973 किलोमीटर का एकतरफा सफर के दौरान ट्रंक रुट पर चलने वाली यह ट्रेन एंड टू एंड 112 स्टेशन पर ठहराव करती हैं। ट्रंक रुट पर इतने ज्यादा ठहराव होने से तेज गति की अन्य ट्रेनों पर इसका असर पड़ता हैं। साल में अनेक बार भिन्न-भिन्न कारणों से ट्रेन को हावड़ा-दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन के मध्य रद्द करना पड़ता हैं। कोहरे के दिनों में भी इसे अनेक महीनों तक बन्द करना पड़ता हैं। ट्रैन का मालिकाना हक ईस्टर्न रेलवे का होने के कारण इसका प्राथमिक अनुरक्षण हावड़ा में होता था। इस पर रेलवे बोर्ड के अधिकारियो से भी जल्द विस्तृत चर्चा की जायेगी। (फोटो सहित)


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