जनार्दन राय नागर विश्वविद्यालय के नर्सिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं के सम्मुख जिला व्यसनमुक्त भारत के सदस्य वरिष्ठ चिकित्सक जल मित्र डॉक्टर पीसी जैन ने उपरोक्त बात कही।
नशा छोड़ने में नशे के रोगी को तीन तरह के डर हमेशा सताते रहते हैं। पहला में मैं नशा छोड़ने के समय होने वाले विड्रॉल सिम्टम्स अर्थात विदाई के दर्दों को कैसे सहन करूंगा, दूसरा नशा छुड़ाने हेतु न जाने कैसा इलाज होगा कहीं इलेक्ट्रिक शॉक ना लगाना पड़ जाए, तीसरा कहीं दूसरे लोगों को इसका पता ना लग जाए।
इन तीनों डरो को नर्स जो कि रोगी के संपर्क में अधिक समय रहती है उसे भावात्मक रूप से इन डरो से दूर कर सकती है जिससे नशा मुक्त होने में रोगी का आत्मविश्वास बढ़ जाता है।
प्रारंभ में नशा क्यों होता है इसके "12 एफ,"नशा छुड़ाने के भी "सात डी, "और नशे के रोगी से बात करने के "पांच ऐ "के बारे में विस्तार से समझाया।
सभी तरह के नशे शराब ,तंबाकू, अफीम ,गांजा , एम डी के बारे में संक्षिप्त जानकारी डॉक्टर पीसी जैन ने सबको दी। तंबाकू चाहे वह चबाने वाली हो या धूम्र पान करने वाली हो को उन्होंने दीमक की तरह घातक माना । दिन में कुछ समय "मोबाइल- व्रत" रखने का सभी से आग्रह किया गया।
यह कार्यक्रम विश्व नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर मनाया गया है।
नशा छुड़ाने हेतु एक एक्सरसाइज सभी से करवाई और अंत में नशा गीत एवं नृत्य भी किया गया। सभी ने नशा न करने का संकल्प लिया एवं हर माह कम से कम दो नशावान को नशा मुक्त करने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर एस एस सारंगदेवोत उप कुलपति ने की जो की नगर में सामाजिक परिवर्तन के हर कार्य में सदैव अग्रणी रहते हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं से अपील कि हमारा केंपस नशा मुक्त रहना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन सुश्री ज्योति जोशी ने किया।
कार्यक्रम में अमृता वर्मा. अर्चना कुमावत. सपना धोबी. हर्षिता सोनी. नंदनी राजमाली. हेमा डांगी.