देश दुनिया में आ रही नवीनतम तकनीक को अपनाते हुए जीरो लोस माइनिंग आज की आवश्यकता निदेशक श्री कलाल

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Published on : 27 Jun, 24 15:06

विकसित राजस्थान, / 2047-  देश दुनिया में आ रही नवीनतम तकनीक को अपनाते हुए जीरो लोस माइनिंग आज की आवश्यकता निदेशक श्री कलाल -लीज एरिया, रोजगार और राजस्व में होगी तीन गुणा बढ़ोतरी

देश दुनिया में आ रही नवीनतम तकनीक को अपनाते हुए जीरो लोस माइनिंग आज की आवश्यकता निदेशक श्री कलाल


उदयपुर,  निदेशक माइंस श्री भगवती प्रसाद कलाल ने कहा है कि माइनिंग सेक्टर में देश दुनिया में आ रही नवीनतम तकनीक को अपनाते हुए हमें जीरो लॉस माइनिंग पर काम करना होगा। अब मिनरल एक्सप्लोरेशन कार्य में और अधिक तेजी लाने के लिए खनिज एक्सप्लोरेशन में निजी भागीदारी भी तय की जाएगी। ताकि मिनरल्स के आयात को न्यूनतम स्तर पर लाया जा सके। माइनिंग सेक्टर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने वाला प्रमुख सेक्टर होने के साथ ही राजस्व अर्जन में भी अग्रणी है।
माइंस निदेशक श्री भगवती प्रसाद कलाल की  खनिज भवन गोवर्धन विलास में विकसित राजस्थान/ 2047 के विजन डाक्यूमेंट के लिए आयोजित वरिष्ठ अधिकारियों, माइनिंग एसोसिएशन के पदाधिकारियों और स्टेक होल्डर्स की बैठक को संबोधित कर रहे थे। निदेशक माइंस श्री कलाल ने आरंभिक उद्बोधन में बताया कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के विकसित राजस्थान / 2047  विजन को पूरा करने के लिए सभी को अपनी भूमिका निभानी होगी। प्रदेश में उपलब्ध खनिजों में से 57 खनिजों का खनन हो रहा है। प्रदेश में विपुल खनिज संपदा होने के साथ ही माइनिंग सेक्टर में खोज, खनन से लेकर उद्योग, सह उद्योग, रोजगार, रेवेन्यू सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। एक अनुमान के अनुसार वर्ष 2047 तक राज्य के माइनिंग सेक्टर में माइनिंग लीज का एरिया, प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार और सरकार के राजस्व में तीन गुणा बढ़ोतरी होने की संभावनाएं हैं।
खनन को उद्योग का दर्जा देने, खनन क्षेत्र/खनिज संभावित क्षेत्र को ‘‘खनन क्षेत्र’’ घोषित करने, राजकीय कार्यों में एम-सैण्ड की अनिवार्यता, खनन पट्टों के लिए प्रयुक्त संविदा पर स्टाम्प ड्यूटी की गणना का आधार डी.एल.सी. से मुक्त हो, खनन पट्टा 50 वर्ष के स्थान पर 90 वर्ष के लिए जारी करने व प्रक्रियाओं के सरलीकरण सहित महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए।
अतिरिक्त निदेशक माइंस श्री दीपक तंवर ने राज्य के माइनिंग सिनेरियो की विस्तार से जानकारी दी और कहा कि राजस्थान / 2047 के विजन डॉक्यूमेंट से प्रदेश में माइनिंग क्षेत्र को नई दिशा दी जा सकेगी।
उदयपुर खनि अभियंता श्री आसिफ अंसारी, एएमई ऋषभदेव श्री दिलीप सुथार, सलूंबर श्री मलिक उस्तर,  उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स, फिलाईट-शिष्ट एसोसिएशन-मठाठा, क्वार्ट्ज व फैल्सपार माइनिंग एसोसिएशन, मेसेनरी स्टोन ऑनर्स एवं क्रेशर एसोसिएशन, जिला मिनरल्स माइन्स वेलफेयर संस्थान राजसमंद, ऋषभदेव ग्रीन मार्बल एसोसियेशन, श्री मुकेश जाकेटिया भूवैज्ञानिक एवं आर.क्यू.पी. तथा बाबरमाल मार्बल माईन ऑनर्स एसोसियेशन समिति उदयपुर आदि ने सुझाव दिए।


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