उदयपुर पेसिफिक मेडिकल विश्वविधालय के तहत संचालित होने वाले तिरुपति कॉलेज ऑफ नर्सिंग के सैकड़ों विधार्थीयों ने जयपुर में पुलिस कमिश्नरेट के सामने शहीद स्मारक पर कॉलेज की मान्यता एवं आरएन नंबर के लिए नर्सिग कॉसिंल एवं सरकार के खिलाफ धरना देकर नारेबाजी की। विधार्थीयों ने कड़ी धूप में दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक धरना देकर स्वास्थ्य मंत्री एवं सरकार से न्याय की गुहार लगाई।
नर्सिंग विधार्थी विकास सारंग ने बताया कि आरएन न मिलने से विधार्थी मानसिक रूप से तनाव में है साथ ही आरएन के अभाव में नौकरी न मिल पाने के कारण से छात्रों एवं उनके आश्रितो पर आर्थिक संकट भी मंडरा रहा है।
इन विधार्थीयों ने अपनी पढ़ाई के लिए किसी के परिजन ने बैक से लोन लिया तों किसी ने अपनी जमीन बेच कर फीस जमा कराई और अपनी पढ़ाई पूरी की लेकिन नर्सिग कॉसिंल एवं सरकार के गैर जिम्मेदार रवैये के कारण बच्चों को अभी तक आरएन नम्बर नहीं मिल पाया है जिसके कारण विधार्थीयों को बेरोजगारी का सामना करना पड रहा है।
नर्सिग विधार्थी देवाराम ने बताया कि राजस्थान नर्सिंग कॉसिंल के इस गैर जिम्मेदार नर्णय़ के खिलाफ काँलेज प्रबंधन नें भी जमकर आवाज उठाई साथ ही काँलेज प्रबंधन नर्सिंग कॉसिंल के दफ्तर के चक्कर लगा लगा कर चप्पलें घिस चुकें है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। जिसके कारण तिरुपति कॉलेज ऑफ नर्सिंग के 300 से अधिक नर्सिंग छात्रों के भविष्य दाव पर लगा हुआ है।
गौरतलब हैं कि नर्सिंग की शिक्षा के लिए आईएनसी और आरएनसी ने तिरुपति कॉलेज ऑफ नर्सिंग में अध्यनरत छात्रों को 2016-17,2017-18,2018-19,2019-20 एवं 2020-21 बैच के विद्यार्थियों को राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित दोनों सरकारी एजेंसियों से मान्यता दी गई, विद्यार्थियों ने मान्यता देखकर ही कॉलेज में दाखिला लिया तब से वह यहां नियमित विद्या अध्ययन कर रहे हैं. उन्होंने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन की किया जिसे राज्य सरकार ने मंजूर करते हुए तब से संबंधित अध्यनरत विद्यार्थियों को छात्रवृतियां आज तक प्रदान की जा रही है ।
बिगत 13 जनवरी 2022 को सरकार द्वारा एक लेटर जारी कर कॉलेज को अवगत कराया गया की 2021-22 से मान्यता को रद्द किया जाता है किंतु उस लेटर में कहीं भी इस बात का उल्लेख नहीं है कि पिछले बेच के बच्चों पर ये आदेश लागू होगा ।
यहां अध्ययनरत बच्चों की विडंबना यह है इन बच्चों ने मान्यता देख कॉलेज में दाखिला लिया, सरकार द्वारा समय-समय पर दी जा रही छात्रवृत्तियों उन्हें मिली किंतु आज इनका भविष्य अधर में है।