“एसोफेजियल डुप्लिकेशन सिस्ट“ बीमारी का सफल ऑपरेशन 

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Published on : 25 Jun, 24 10:06

पीएमसीएच में 7 माह के बच्चें का  “एसोफेजियल डुप्लिकेशन सिस्ट“ बीमारी का सफल ऑपरेशन  किन्ही 10 हजार में एक बच्चें में होती है यह बीमारी

 “एसोफेजियल डुप्लिकेशन सिस्ट“ बीमारी का सफल ऑपरेशन 

उदयपुर पेसिफिक मेडिकल काॅलेज एण्ड हाॅस्पिटल में दुर्लभ जन्मजात बीमारी एसोफेजियल डुप्लिकेशन सिस्ट नामक बीमारी से ग्रसित 7 माह के बच्चे का सफल ऑपरेशन  कर उसे इस बीमारी से निजात दिलाई। सफल ऑपरेशन  में बाल एवं नवजात शिशू सर्जन डाॅ.प्रवीण झंवर,डाॅ.प्रशान्त,डाॅ.पुनीत जैन,डाॅ.पलक जैन,डॉ.अर्पित, विष्णु,पीआईसीयू इंचार्ज मनीष एवं मनी मीणा की टीम का सहयोग रहा।
दरअसल 7 माह  का यह बच्चा जन्म से ही एसोफेजियल डुप्लिकेशन सिस्ट नामक दुर्लभ बीमारी से पीढ़ित था। मरीज के परिजनों ने कई जगह दिखाया लेकिन कोई फायदा नहीं मिला। परिजन उसे पेसिफिक हाॅस्पिटल लेकर आए यहाॅ पर बाल एवं नवजात शिशू सर्जन डाॅ.प्रवीण झंवर को दिखाया तो जाॅच करने पर एसोफेजियल डुप्लिकेशन सिस्ट नामक बीमारी का पता चला जिसका कि ऑपरेशन द्वारा इलाज सम्भव था।
डाॅ.प्रवीण झंवर ने बताया कि एसोफेजियल डुप्लिकेशन सिस्ट दुर्लभ जन्मजात विसंगतियाँ गर्भधारण के चैथे और आठवें सप्ताह के बीच भ्रुण संबंधी असामान्यताओं के कारण होती हैं। इसका निदान आमतौर पर वाल्य -अवस्था के दौरान किया जाता है। यह बीमारी किन्ही 10 हजार में एक बच्चें में होती है 
डाॅ.झंवर ने स्पष्ट किया की आधुनिक सुविधाओं के चलते गर्भ के दौरान भ्रूण में होने वाले कई विकारों का समय रहते पता चल जाता है। ऐसे में प्रसव के लिए ऐसे हाॅस्पिटल को चुने जहाॅ पर बाल एवं नवजात शिशू सर्जन के साथ साथ नियोनेटोलॉजिस्ट एवं नवजात गहन देखभाल इकाई (एनआईसीयू) की सुविधा उपलब्ध हों जिससें की नवजात शिशु की जान बचाई जा सकती है। ये सभी सुविधाएं पेसिफिक मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल भीलों का बेदला में उपलब्ध है। 
मरीज एवं उसके परिजनों ने पीएमसीएच के चेयरमैन राहुल अग्रवाल,एक्जीक्यूटिव डाॅयरेक्टर अमन अग्रवाल,सभी चिकित्सकों,मैनेजमेंट, नर्सिंग कर्मियों एवम् स्टाॅफ का आभार जताया।  बच्ची अभी पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं और उसे डिस्चार्ज का दिया गया है।

 


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