-श्रीकृष्ण के नानीबाई को चुनरी औढाने के प्रसंग पर भावविह्वल हुए श्रद्धालु...

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Published on : 16 Jun, 24 15:06

चार दिवसीय नानीबाई का मायरा सम्पन्न..

-श्रीकृष्ण के नानीबाई को चुनरी औढाने के प्रसंग पर भावविह्वल हुए श्रद्धालु...

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उदयपुर l राष्ट्र भारती एकेडमी,नेला रोड,सेक्टर 14 में संस्थापिका राजकुमारी जोशी की स्मृति में आयोजित चारदिवसीय संगीतमय नानी बाई के मायरे की कथा में पूर्णाहुति में चौथे दिन कथा व्यास पुष्करदास महाराज ने कहा कि साधु हो जाना व साधु बन जाने में बहुत फर्क है, अगर हमारे घट में दया भाव आ जाएं तो यही संतत्व है l अधिकांश भक्त गृहस्थी में ही हुए है, जो परमात्मा से जुड़ा होगा वही कथा,सत्संग में आता है l 
मायरे की कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा की नरसी जी को भक्ति मार्ग में कही जगह मान-अपमान का सामना करना पड़ा l नरसीजी भजन करते हुए नगर अंजार के बाजार पहुंचे l ब्याही जी के वहां से एक व्यक्ति नरसी जी के पास आकर कहता है आपके डेरे में ठाकुर सांवल सेठ आए हे l नरसीजी दौड़े दौड़े अपने डेरे में पहुंचते हे परंतु वहा भगवान नहीं थे l नरसी जी अश्रु धारा बहाते हुए बोलने लगे सांवरिया किस रे दिशा वर नाटो l आगे नानी बाई के ससुराल के घर के बड़े चौक में मायरा भरने की तैयारियां की गई l भरी सभा के बीच भगवान द्वारिकाधीश ने रुक्मणि जी के साथ नानी बाई को चुंदड़ी ओढ़ाई और मायरा भरा l श्रीकृष्ण के द्वारा चुनरी औढाने के प्रसंग पर श्रद्धालु भावविह्वल हो गये।
 कंकू पत्रिका में जो जो सामान लिखा था भगवान ने सभी को मायरे में भेंट किया l भगवान की कृपा से सोलह सूरदास जी को भी दिव्य चक्षु प्राप्त हुई l साढ़े पांच सौ वर्ष पूर्व इस मायरे की लागत 56 करोड़ रुपए आई l अंत में भगवान द्वारकाधीश,राधा रुक्मणि,ओर नरसी जी की सुंदर झांकी का मंचन किया गया l महाआरती की गई और पूरा प्रांगण जयकारों से गूंज उठा l प्रारंभ में संस्थापक धर्मनारायण जोशी, विजय प्रकाश विप्लवी, अशोक बाबेल व कैलाश चौबीसा ने अतिथियों का स्वागत किया। 
आज अतिथियों में सांसद् मन्नालाल रावत, उपमहापौर पारस सिंघवी, पूर्व महापौर चन्द्रसिंह कोठारी, रजनी डांगी, राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. शिवसिंह सारंगदेवोत, वरिष्ठ चिकित्सक व समाजसेवी डॉ . जे.के. छापरवाल, सेंट्रल एकेडमी के निदेशक डॉ. संगम मिश्रा, भाजपा नेता दिनेश भट्ट, लोकेश द्विवेदी, समाजसेवी डा. भंवर हीरावत, पूर्व पार्षद जगत नागदा, जगदीश मेनारिया, नरेश पंवार, श्रीमती दुर्गेश चौबीसा, सुखाडिया विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. कुंजन आचार्य, जिला क्रिकेट संघ के हर्षवर्द्धन जैन व यशवंत पालीवाल ने दीप प्रज्ज्वलन व तुलसी जल सिंचन करके कथा का शुभारंभ किया। 
संयोजन भंवरलाल शर्मा ने किया।


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