विकसित राजस्थान-2047 के संबंध में कृषि विभाग में हुई हितकारकों की कार्यशाला सुझावों पर किया मंथन

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Published on : 08 Jun, 24 05:06

विकसित राजस्थान-2047 के संबंध में कृषि विभाग में हुई हितकारकों की कार्यशाला सुझावों पर किया मंथन

जैसलमेर । विकसित राजस्थान 2047 के संबंध में शुक्रवार को विकसित राजस्थान-2047 का डॉक्यूमेंट तैयार करने के संबंध में कृषि विभाग के आत्मा सभागार में जिला कलेक्टर प्रताप सिंह की अध्यक्षता में कृषि उद्यानिकी,कृषि विपणन, पशुपालन डेेयरी एवं सहकारिता विभाग के विभिन्न हितकारकों के साथ जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
         कार्यशाला में जन प्रतिनिधि पूर्व उप जिला प्रमुख भूपेंदर बारूपाल जी,पूर्व प्रधान प्रतिनिधि मूलाराम चौधरी, गेमर सिंह, मनोहर सिंह दामोदरा आदि तथा कृषि, उद्यानिकी, कृषि विपणन, पशुपालन, डेयरी एवं सहकारिता विभाग तथा कृषि विज्ञान केंद्र के हितधारक तथा विभागीय अधिकारी वैज्ञानिक, प्रगतिशील कृषक, कृषि उद्यमी, किसान संगठन एवं एनजीओ के प्रतिनिधि मिलाकर कुल 56 हितधारकों व 35 अधिकारियों ने कार्यशाला में भाग लिया व अपने सुझावों से सदन को अवगत कराया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अतिरिक्त निदेशक कृषि बीकानेर खंड बीकानेर सुरेंद्र सिंह शेखावत ने जिला जैसलमेर के परिपेक्ष में जीरा एग्री प्रोसेसिंग इकाईयों को बढ़ावा देने, समन्वित कृषि प्रणाली, कृषि वानिकी , मिनी सप्रिंकलर, अधिकाधिक कृषि नवाचार जैसे माइक्रो इरिगेशन कॉम्पेक्ट प्लान जैसे नवाचारी घटको को प्रमुखता से विकसित राजस्थान 2047 की डाक्यूमेन्ट में शामिल करने पर बल दिया। 
              जिला नोडल अधिकारी विकसित राजस्थान 2047 केडी वर्मा जी ने कम पानी वाली फसलों को अधिक से अधिक बुवाई के सुझाव दिये। उप निदेशक पशुपालन, डॉ उमेश जी ने पशुओ की नस्ल सुधार, वर्तमान मे कर्रा रोग से बचाव के बारे मे बताया एमडी कोऑपरेटिव प्रशांत कल्ला ने सहकार स्मृद्धि योजना, गोपालकों के लिए गोपाल क्रेडिट कार्ड के बारे मे सक्षेप मे बताया। 
        नाबार्ड डीडीएम प्रदीप कुमार जी ने माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्रेन्योरशिप (एमएसएमई) के सुझाव दिये संयुक्त निदेशक कृषि ने विकसित राजस्थान 2047 का डाक्यूमेन्ट तैयार करने के लिये कृषि विभाग से सम्बन्धित सुझावों का समावेशन चर्चा के साथ प्रस्तुत किया।
            उप रजिस्ट्रार सहकारिता रफीक जी, उदित गहलोत लीड बैंक मैनेजर जैसलमेर, डॉ एससी मीणा वरिष्ठ वैज्ञानिक काजरी, डॉ दीपक चतुर्वेदी वरिष्ठ वैज्ञानिक केवीके जैसलमेर आदि विभागो के अधिकारियों ने भी अपने विभाग से संबंधित सुझाव रखे। 
           इसके अलावा कृषक अपर सिंह मोहनगढ़ ने मछली पालन बीज एंव मुंगफली और मोठ के प्रमाणित बीज उप्लब्ध् कराने की मांग की, आत्माराम जी गांव बासनपीर दक्षिण ने डिग्गी पर सब्सिडी की बारानी क्षेत्र मे उपलब्ध करने हेतु सुझाव दिये, माल़ सिंह, मनोहर सिंह, कांवराज सिंह आदि कृषक ने भी अपने सुझाव दिए। विकसित राजस्थान 2047 के तहत आयोजित इस कार्याशाला में विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा व मन्थन के पश्चात 61 महत्वपूर्ण सुझाव सामने आये जिन्हें विकसित राजस्थान 2047 का डाक्यूमेन्ट तैयार करने के सन्दर्भ में राज्य सरकार को अवगत करवाया जायेगा। 
            उक्त कार्यशाला में कृषि विभागीय अधिकारी उप निदेशक उद्यान सीताराम जी, सहायक़ निदेशक कृषि विस्तार महावीर प्रसाद छीपा, उप निदेशक आत्मा तनप्रीत सिंह, कृषि अधिकारी संजय कुमार, तनप्रीत सिंह व सुरेंद्र कुमार ने भाग लिया।


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