पर्यावरण में विभिन्न प्रकार की समस्याओं का समय रहते निराकरण ही मानव अस्तित्व को बनाए रखेगा।-प्रो. महीप भटनागर

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Published on : 01 Jun, 24 02:06

विज्ञान हमेशा नवाचार पर आधारित रहा है और जीव विज्ञान में नवाचार जीवन की गुणवत्ता में उच्चतम सुधार करने की क्षमता रखता है।-प्रो.नीलिमा सिंह

पर्यावरण में विभिन्न प्रकार की समस्याओं का समय रहते निराकरण ही मानव अस्तित्व को बनाए रखेगा।-प्रो. महीप भटनागर

उदयपुर भूपाल नोबल्स स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्राणी शास्त्र विभाग द्वारा "रिसेंट ट्रेंड्स एंड इन्नोवेशंस इन लाइफ साइंसेज" विषय पर दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन महाविद्यालय के सेमिनार हॉल में किया गया। कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष डॉ. रेणू राठौड़ ने उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कॉन्फ्रेंस विषय में निहित उद्देश्य पर प्रकाश डाला। कॉन्फ्रेंस निर्देशक डॉ. रितु तोमर ने विस्तृत जानकारी देते हुए करते हुए बताया कि हाइब्रिड मोड पर आधारित इस कांफ्रेंस में अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो.नीलिमा सिंह, कुलपति, कोटा विश्वविद्यालय ने जीव विज्ञान में नवाचार को वर्तमान समय में प्रगति का प्रमुख चालक बताते हुए कहा कि नवाचार हमें किसी समस्या के बारे में अलग तरह से सोचने की अनुमति देता है जो वैज्ञानिक सफलताओं के लिए महत्वपूर्ण है।


सम्मानीय अतिथि प्रो.महीप भटनागर,पूर्व अधिष्ठाता विज्ञान संकाय, मो.सु.वि. ने पर्यावरण में तीव्रता से हो रहे परिवर्तनों पर अत्यधिक शोध की आवश्यकता बताते हुए पर्यावरण को शुद्ध, स्वच्छ एवं संरक्षित रखने की जिम्मेदारी तय करने को कहा। की-नोट स्पीकर के रूप में हिमानी सोलंकी, सॉफ्टवेयर डेवलपर एंड और सर्टिफाइड गूगल एनालिटिक, टैक्सास, यूएसए ने "वियरेबल टेक्नोलॉजी" पर चर्चा करते बताया कि पहनने योग्य क्रांति हमारे दैनिक जीवन और सामाजिक संपर्कों में डाटा का उपयोग करने के लंबे समय से स्थापित पैटर्न को बदल रही है। डॉ. अनिल कुमार सिंह, विभागाध्यक्ष, सूक्ष्म जैविकीय विज्ञान, गवर्नमेंट साइंस कॉलेज वांकल, सूरत ने "इंर्पोटेंस ऑफ माइक्रूओरगैनिज्म एंड हाउ दे आर इनक्रेडिबल वर्सेटाइल एंड एसेंशियल फॉर मेंटेनिंग एंड इंप्रूविंग" पर विस्तृत चर्चा की। डॉ. यूं एस महादेवा राय, फैकल्टी ऑफ़ मेडिसिन एंड हेल्थ साइंसेज यूनिवर्सिटी सुल्तान, मलेशिया ने "लाइफ़ स्टाइल चेंजेज एंड देयर इंपेक्ट ऑन इंसुलिन सेंसटिविटी" पर विस्तृत व्याख्यान दिया। प्रो. अशोक कुमार पुरोहित, पूर्व अधिष्ठाता, प्राणी शास्त्र विभाग, ने "इंडियन मेडिसिन प्लांट्स ऑफ़ थार डेजर्ट एंड देयर रोल इन प्रीवेंटिंग  डिजीज" विषय पर वक्तव्य प्रस्तुत किया। कॉन्फ्रेंस संरक्षक डॉ.महेंद्र सिंह राठौड़ ने जीव विज्ञान में नकारात्मक परिवर्तन को सकारात्मक प्रयासों एवं रिसर्च के माध्यम से परिवर्तन करने के साथ ही अवैधानिक कामनाओं को नियंत्रित करने पर बल दिया। मुख्य संरक्षक प्रो. कर्नल शिवसिंह सारंगदेवोत ने कॉन्फ्रेंस की सफलता हेतु शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि जीव विज्ञान में नवाचार से नए स्टार्टअप और एक्सलरेटर का उदय  होगा जो नवाचार की अगली पीढ़ी को बढ़ावा देगा। सह संरक्षक मोहब्बत सिंह राठौड़ ने ऐसे शोधार्थियों की आवश्यकता बतायी जो वास्तव में शोध के सही निष्कर्ष को सभी के सामने ला सके। कॉन्फ्रेंस सचिव एवं प्राणी शास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. संगीता राठौड़ ने सभी अतिथियों एवं देश विदेश से हाइब्रिड मोड पर उपस्थित सभी मुख्य वक्ताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया। कॉन्फ्रेंस आयोजक डॉ.अभिमन्यु सिंह राठौड़ ने तकनीकी सत्र की जानकारी देते हुए बताया कि चार तकनीकी सत्रों में 30ऑनलाईन एवं ऑफलाइन पोस्टर प्रेजेंटेशन के साथ ही 30 शोध पत्रों का वाचन भी किया गया। इस आयोजन में भूपाल नोबल्स संस्थान के वित्त मंत्री शक्ति सिंह कारोही, संयुक्त सचिव राजेंद्र सिंह राणा, डीन पीजी स्टडीज डॉ. प्रेम सिंह रावलोत सहित सभी संकाय के अधिष्ठाता, सह अधिष्ठाता, संकाय सदस्य एवं आयोजन समिति सदस्य डॉ.सबिया सिंधी, श्रीमती मोनिका राजावत, डॉ.नीरजा शेखावत, डॉ.ज्योत्सना शेखावत, सुश्री रिद्धिमा शक्तावत भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रवीणा राठौड़, डॉ.ज्योत्सना शेखावत, डॉ.तन्वी अग्रवाल द्वारा किया गया।


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