नैनोकेमिकल, नैनो एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स, नैनो पेस्टिसाइड्स का आवश्यकता से अधिक प्रयोग हानिकारक है- प्रो.सुनीता मिश्रा

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Published on : 30 May, 24 01:05

प्रकृति का दोहन इस प्रकार किया जाए कि वर्तमान की आवश्यकता पूरी हो और भावी पीढ़ी के लिए संसाधनों की कमी ना रहे- प्रो. बी.एल चौधरी

नैनोकेमिकल, नैनो एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स, नैनो पेस्टिसाइड्स का आवश्यकता से अधिक प्रयोग हानिकारक है- प्रो.सुनीता मिश्रा

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 20-20 में रिसर्च पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है, जो सतत विकास की प्रक्रिया को तीव्र करेगा- प्रो. सारंगदेवोत 

समापन समारोह में पूर्व रसायन शास्त्रीयों को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड 

उदयपुर  भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय एवं जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ के संयुक्त तथावधान में रसायन विभाग द्वारा" दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन" इमर्जिंग ट्रेंड्स इन केमिकल साइंसेज फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट" विषय को लेकर किया गया। इस उच्च स्तरीय एवं वर्तमान समय में प्रासंगिक विषय को लेकर आयोजित इस कांफ्रेंस के समापन सत्र में बोलते हुए मुख्य अतिथि डॉ सुनीता मिश्रा, वाइस चांसलर मो.सु.वि.उदयपुर ने खाद्य पदार्थ को लंबे समय तक सुरक्षित रखने हेतु रसायनों के प्रयोग को हानिकारक बताते हुए अपने विचार व्यक्त किये।


कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष डॉ. रेणू राठौड़ एवं कॉन्फ्रेंस निदेशक डॉ. रितु तोमर ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि डॉ.जय सिंह जोधा आयोजन सचिव एवं विभागाध्यक्ष, रसायन विज्ञान  ज. रा. ना.रा. वि. ने अपने उद्बोधन भाषण में सभी सम्मानित अतिथियों का स्वागत किया। सम्मानीय अतिथि प्रो.बी.एल चौधरी, पूर्व कुलपति मो.सु.वि.उदयपुर द्वारा प्रकृति के अत्यधिक दौहन पर चिंता व्यक्त करते हुए वर्तमान में भारतीय संस्कृति की 'वसुदेव कुटुंबकम' की धारणा पर बल दिया। कॉन्फ्रेंस के मुख्य संरक्षक कर्नल प्रो.शिवसिंह सिंह सारंगदेवोत ने अपने उद्बोधन में कहा कि ग्लोबल वार्मिंग से वातावरण में परिवर्तन आ रहे हैं और हम जो उत्पादन कर रहे हैं, उसमें रसायनों की बड़ी भूमिका है।उन्होंने भविष्य में बढ़ती जनसंख्या हेतु जरूरत के लिए नए स्रोत उत्पन्न करने पर बल दिया। संरक्षक डॉ. महेंद्र सिंह राठौड़ ने वैचारिक प्रदूषण खत्म करने और जो जैसा है उसको उसी रूप में स्वीकार करने पर बल दिया। सह संरक्षक मोहब्बत सिंह राठौड़ ने कॉन्फ्रेंस की सफलता हेतु सभी को शुभकामनाएं एवं बधाई प्रदान की। डॉ.नरेंद्र सिंह चुंडावत, आयोजन सचिव एवं विभागाध्यक्ष, रसायन विज्ञान भू. नो.वि.ने कॉन्फ्रेंस का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कॉन्फ्रेंस समन्वयक सदस्य डॉ. गिरधरपाल सिंह एवं डॉ. मंगलश्री दुलावत ने बताया कि ऑनलाइन और ऑफलाइन पेपर प्रेजेंटेशन एवं पोस्टर प्रेजेंटेशन में सभी विजेताओं को इस अवसर पर पुरस्कृत किया गया साथ ही रसायन विज्ञान में जीवन पर्यंत अपनी सेवाए प्रदान करने एवं विशिष्ट उपलब्धियां हेतु प्रो.एस सी आमेटा, प्रो. रामेश्वर आमेटा, प्रो.एस एस दुलावत, प्रो.एस एल मेहता, प्रो.रेखा दशोरा, प्रो.नीरू राठौड़, प्रो.सोफिया हुसैन, प्रो.अनुज्ञा पोरवाल, प्रो.शाहनवाज खान का सम्मान अतिथियों द्वारा उपरणा, शाल, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर किया गया। इस अवसर पर संयुक्त सचिव राजेंद्र सिंह झाला, अध्यक्ष ओल्ड बॉयज एसोसिएशन भानु प्रताप सिंह सोलंकी, नवल सिंह जुड़, डॉ युवराज सिंह बेमला  सहित विद्या प्रचारिणी कार्यकारिणी सदस्य, समस्त संकाय के अधिष्ठाता, सह अधिष्ठाता एवं स्टाफ गण उपस्थित रहे।ऑफलाइन पेपर प्रेजेंटेशन में प्रथम प्रवीण पालीवाल, द्वितीय तबस्सुम बानो तथा तृतीय गार्गी पालीवाल एवं ऑनलाइन पोस्टर प्रेजेंटेशन में प्रथम शाकीरा टीडी, द्वितीय अंजली शर्मा एवं तृतीय स्थान पर वैशाली राठौड़ विजेता रहे। कॉन्फ्रेंस का संचालन डॉ. प्रवीणा राठौड़, डॉ.तन्वी अग्रवाल डॉ. रीना मेहता द्वारा किया गया।ये जानकारी विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क अधिकारी डॉ कमल सिंह राठौड़ ने दी।


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