ग्रीन केमेस्ट्री धरती और पर्यावरण को रसायनों के दुष्प्रभाव से मुक्त करने में विश्वास करती है-

( 3253 बार पढ़ी गयी)
Published on : 29 May, 24 03:05

रासायनिक अपशिष्ट का उचित निर्धारण, प्रबंधन, भंडारण एवं निपटान प्रक्रियाओं द्वारा हम पर्यावरण को दूषित होने से बचा पाएंगे- प्रो.अजय शर्मा

ग्रीन केमेस्ट्री धरती और पर्यावरण को रसायनों के दुष्प्रभाव से मुक्त करने में विश्वास करती है-

उदयपुर  भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय एवं जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ के संयुक्त तत्वावधान में  रसायन विभाग द्वारा दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन "इमर्जिंग ट्रेंड्स इन केमिकल साइंसेज फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट" विषय को लेकर मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन से प्रारंभ हुआ। कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष डॉ .रेणू राठौड़ ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कॉन्फ्रेंस के विषय पर प्रकाश डाला। प्रथम दिवस उद्घाटन सत्र में अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि प्रो. अजय कुमार शर्मा, वाइस चांसलर, एमबीएम यूनिवर्सिटी, जोधपुर ने सभी को संबोधित करते हुए केमिकल इंडस्ट्रीज, टेक्सटाइल्स मिल्स ,अन्य एजेंसीओं के द्वारा निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों द्वारा पर्यावरण एवं मानवीय जगत को पहुंचने वाली हानि पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए सभी से इस पर्यावरणीय मुद्दे पर चिंतन एवं मनन के साथ ही उचित समाधान प्रस्तुत करने को कहा। आयोजन सचिव एवं विभागाध्यक्ष डॉ.नरेंद्र सिंह चुंडावत भू.नो.वि.एवं डॉ.जय सिंह जोधा ज.रा.ना.रा.विद्यापीठ ने आयोजन की विस्तृत रूप रेखा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सम्मानीय अतिथि प्रो. अनामिक शाह, पूर्व वाइस चांसलर गुजरात विद्यापीठ, अहमदाबाद द्वारा ग्रीन केमेस्ट्री, कन्वेंशनल केमिस्ट्री, टाइप्स ऑफ़ हाइड्रोजन, सस्टेनेबल एनर्जी आदि पर विस्तृत चर्चा की गयी। डॉ.सतीश चंद्र तिवारी, पूर्व डायरेक्टर प्रोसेस केमिस्ट्री आरओटीएएम एग्रो केमिकल, हॉन्ग कोंग ने "डेवलपमेंट ऑफ़ सस्टेनेबल केमिकल टेक्नोलॉजी एंड एक्सप्लोर्ड द सेम "पर अपने विचार प्रस्तुत किये। डॉ. एलेसेंड्रा बासो, ग्लोबल डायरेक्ट सेल्स एंड मार्केटिंग लाइफ साइंस चीन ने "इंडस्ट्रियल एप्लीकेशन आफ़ इम्मोबिलाइज्ड एंजाइम्स इन फूड फार्मा एंड फाइन केमिस्ट्री"प्रकाश डाला। प्रो. बलवंत राय जानी, चांसलर ज.रा.ना.रा. विद्यापीठ ने भारतीय संस्कृति,परंपरा, मूल्य, दर्शन, धर्म आदि से परिपूर्ण शैक्षणिक वातावरण के निर्माण पर जोर दिया। कॉन्फ्रेंस संरक्षक डॉ. महेंद्र सिंह राठौड़ ने मानव जाति एवं सतत विकास के लिए उचित एवं सही के निर्माण पर बल देते हुए पॉल्यूशन का सॉल्यूशन तलाश करने को कहा। मुख्य संरक्षक प्रो. कर्नल शिव सिंह सारंगदेवोत एवं सह‌ संरक्षक मोहब्बत सिंह राठौड़ ने कॉन्फ्रेंस के सफल क्रियान्वयन एवं शोधार्थियों के उज्जवल भविष्य हेतु अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की है। कॉन्फ्रेंस के समन्वयक सदस्य डॉ.गिरधरपाल सिंह एवं डॉ.मंगलश्री दुलावत ने बताया कि प्रथम दिवस 35 शोध पत्रों का वाचन किया गया।हाइब्रिड मोड पर आयोजित इस कांफ्रेंस में पांच तकनीकी सत्र हुए जिसमें ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों शामिल है तथा सोविनियर का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर डीन पीजी स्टडीज डॉ. प्रेम सिंह रावलोत सहित सभी संकाय के अधिष्ठाता, सह अधिष्ठाता, विद्या प्रचारिणी कार्यकारिणी सदस्यों सहित सभी फैकल्टी सदस्य उपस्थित रहे।कॉन्फ्रेंस निदेशक डॉ. रितु तोमर द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। पेपर प्रेजेंटेशन में प्रथम रुचिका शर्मा, द्वितीय झाला पुष्पराज सिंह, तृतीय स्थान पर विजय बाबेल एवं पोस्टर प्रेजेंटेशन में प्रथम सिद्धिमा शर्मा,द्वितीय सुशील कुमार शर्मा एवं तृतीय स्थान पर शिव प्रकाश वैष्णव विजेता रहे। कॉन्फ्रेंस का संचालन डॉ प्रवीणा राठौड़, डॉ.तन्वी अग्रवाल एवं डॉ.रीना मेहता द्वारा किया गया।


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.