राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय एवं निम्स के मध्य हुआ एमओयू संपन्न,

( 4704 बार पढ़ी गयी)
Published on : 16 May, 24 01:05

राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय एवं निम्स के मध्य हुआ एमओयू संपन्न, शोध-अनुसंधान एवं आपसी भागीदारी के साथ दोनों विश्वविद्यालयों ने जताई कौशल विकास पर अपनी प्रतिबद्धता

राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय एवं निम्स के मध्य हुआ एमओयू संपन्न,

एमओयू अकादमिक सहयोग की संस्कृति के मजबूत ज्ञान सेतु : प्रो.एसके सिंह, कुलपति

उच्च शिक्षा में व्यापक संभावनाओं के मार्ग प्रशस्त करते है एमओयू : डॉ.बीएस तोमर, चैयरमेन

अकादमिक उत्कृष्टता के साथ उच्च शिक्षा में निम्स की अग्रणी भूमिका : प्रो.अमेरिका सिंह,सलाहकर

जयपुर, राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा एवं निम्स विश्वविद्यालय जयपुर के मध्य आज एमओयू संपन्न हुआ। आरटीयू के सह जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि दोनों पक्षो ने आपसी सहयोग, संयुक्त कार्यक्रमों और शैक्षणिक विकास के असिमित अवसरों पर सहमति जताई हैं। दोनों विश्वविद्यालयों ने द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक गहरा करने और आपसी साझेदारी को मज़बूत करने, शिक्षा, कौशल विकास, गहन तकनीकी अनुसंधान एवं पारस्परिक हित के विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार को लेकर भी बात की।


साथ ही दोनों ने उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मे संस्थागत और गतिशीलता बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए आपसी साझेदारी की नई रूपरेखा पर दोनों ने आपसी सहमति जताई। इस अवसर पर राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.एसके सिंह एवं निम्स विश्वविद्यालय के सलाहकार प्रो. अमेरिका सिंह ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए एवं समझौता ज्ञापन एक दूसरे को हस्तांतरित किए। इस एमओयू के माध्यम से दोनों विश्विद्यालयों ने सांझा प्रयास किया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मंशानुरूप दोनों पक्षो के सहयोग से विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को लाभान्वित किया जा सके। इस अवसर पर निम्स के 
चैयरमेन डॉ. बीएस तोमर,निम्स हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. पंकज सिंह डायरेक्टर फॉरेन अफेयर्स डॉ. दीपक सिंह नाथिया, प्रो. अनुपमा मिश्रा, प्रो. संजीव शर्मा, प्रो. मनोज श्रीवास्तव, प्रो. अनुपमा पांडेय भी उपस्थित थे।


कुलपति प्रो. एसके सिंह ने कहा की ज्ञान और कौशल विकास के मोर्चे पर द्विपक्षीय संबंधों को यह एमओयू मजबूत करेगा, साथ ही दोनों विश्वविद्यालय मिलकर शोध अनुसंधान के अनुपम अवसर करेंगे सृजित करेंगे।यह समझौता ज्ञापन ज्ञान की सीमाओं को आगे बढ़ाने और अकादमिक सहयोग की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आपसी समन्वय और सहयोग से ही उच्च शिक्षा में विकास संभव है। यह साझेदारी दोनों पक्षों के द्वारा छात्रों को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में असीम संभावनाएं प्रदान करेगी और और अकादमिक उत्कृष्टता को आगे बढ़ाने के लिए संयुक्त सहयोग और शोध करने में सक्षम बनाने के साथ प्रगति के व्यापक अवसर प्रदान करेगी।

निम्स विश्वविद्यालय के चेयरमैन डॉ. बीएस तोमर ने कहा की  इस एमओयू से हम अपने छात्रों और संकाय सदस्यों को अनुपम अवसर प्रदान करेंगे जिससे विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी अकादमिक संभावनाएं प्राप्त होगी।इसके तहत विभिन्न एजुकेशन एक्सचेंज प्रोग्राम शुरू किए जाएंगे जिससे हमारे विद्यार्थी अपने प्रोफेशनल डेवलपमेंट के लिए इसका लाभ उठा सकेंगे। यह एमओयू हमें रिसर्च और एक्सचेंज प्रोग्राम के माध्यम से मदद करेगा। विद्यार्थियों के लिए रिसर्च प्रोजेक्ट्स, को-डेवलपमेंट, शिक्षक, विद्यार्थी और शोधार्थियों के एक्सचेंज प्रोग्राम के साथ नवीतम कोर्सेज की संभावनाओं को तलाश करेगा।

सलाहकार निम्स एवं पूर्व कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह ने कहा कि इस एमओयू से छात्रों और विश्वविद्यालय को नवाचार के बारे में जानकारी मिल सकेगी साथ ही शोध और अकादमिक उत्कृष्टता को बढ़ावा मिलेगा। यह एमओयू हमारी प्रतिब़द्धता और आपसी सहयोग को मजबूती प्रदान करेगा और छात्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। आपसी ज्ञान और शोध को साझा करके हम विकास को बढ़ावा देंगे, हमें  छात्रों को भविष्य की चुनौतियों का निवारण करने और अवसरों को पहचानने के लिए तैयार करना होगा। 

डायरेक्टर फॉरेन अफेयर्स डॉ. दीपक सिंह नाथिया ने कहा की यह समझौता ज्ञापन छात्र विनिमय कार्यक्रमों के साथ-साथ संकाय विनिमय कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के अवसरों का मार्ग प्रशस्त करेगा।राजस्थान भारत में उच्च शिक्षा के लिए एक बहुत तेजी से उभरता गंतव्य है और निम्स विश्वविद्यालय इस उच्च शिक्षा क्रांति में सबसे आगे है। मुझे यकीन है शिक्षा की उच्च गुणवत्ता के साथ निम्स वैश्विक शिक्षा का उत्कृष्टता केंद्र बनेगा। 

विभिन्न विषय पर दोनों पक्षों ने जताई सहमति, आपकी सहयोग से संकाय एवं विद्यार्थियों के विकास के मार्ग होगा प्रशस्त

इस एमओयू के अंतर्गत विशिष्ट क्षेत्रों मे आपसी सहयोग, शोध-अनुसंधान, शैक्षणिक आदान-प्रदान, संयुक्त अकादमिक कार्यक्रम, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शैक्षणिक अनुसंधान, संकाय आदान-प्रदान, पाठ्यक्रम विकास, अकादमिक सहयोग, कौशल विकास, परिणाम आधारित प्रशिक्षण, अंतर्राष्ट्रीय इंटर्नशिप, वैश्विक कैरियर निर्माण, वैश्विक प्रवेश, अंतर्राष्ट्रीय अनुभव कार्यक्रम, छात्र विनिमय, ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट, उद्योगों में इंटर्नशिप,  इंक्यूबेशन, शैक्षिक आदान-प्रदान, संकाय विकास के क्षेत्रों को बढ़ावा
, छात्र और संकाय विनिमय कार्यक्रम, संयुक्त शोध - अनुसंधान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी अनुसंधान परियोजनाओं में आपसी सहयोग, विशेषज्ञता का आदान प्रदान, पाठ्यक्रम विकास, संयुक्त शैक्षणिक कार्यक्रम, तकनीकी सहयोग, विद्यार्थियों के उन्नयन के साझा प्रयास, शैक्षिक चर्चा-कार्यशालाओ,शैक्षणिक अनुसन्धान, अकादमिक कार्यक्रम, पाठ्यक्रम, प्रशिक्षण, अकादमिक परियोजनाए, विषय विशेषज्ञ व्याख्यान, कार्यशालाएं, संयुक्त छात्र कार्यक्रमों, सामजिक एवं सांस्कृतिक सहयोग, भारतीय ज्ञान परंपरा के साथ माननीय मूल्य का विकास सहित कई क्षेत्रों में दोनों ने आपसी सहयोग करने के लिए सहमति व्यक्त की हैं।


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.