उदयपुर, महिलाओं में बच्चेदानी के मुॅह के यानि सर्विक्स कैंसर के इलाज में कारगार कोल्पोस्कॉपी पर पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की ओर से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला का उद्घाटन पीएमसीएच के चेयरमेन राहुल अग्रवाल,सीईओ शरद कोठारी,पीएमयू के वाइस चॉसलर डॉ.एम.एम.मंगल,एडवाईजर टू चेयरमेन डॉ.ए.पी.गुप्ता, पीएमसीएच के चिकित्सा अधीक्षक ब्रिगेडियर डॉ.आर.के. सिंह, अहमदाबाद की स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं कैंसर सर्जन डॉ.अंजना चौहान, स्त्री रोग ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. रौनक भंसाली और स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की विभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.राजरानी शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलन करके किया।
कार्यशाला सचिव डॉ.राजरानी शर्मा ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर भारत में दूसरा और विश्व में महिलाओं से संबंधित चौथा सबसे आम कैंसर है। इस कैंसर के प्रारंभिक चरण में रोकथाम योग्य होने के कारण कोल्पोस्कोपी गर्भाशय ग्रीवा के घावों की प्रारंभिक जांच और निदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस अवसर पर डॉ.शर्मा ने सर्वाइकल कैंसर अवलोकन पर अपना व्याख्यान दिया।
वर्कशाप के दौरान अहमदाबाद की स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं कैंसर सर्जन डॉ.अंजना चौहान ने कोल्पोस्कोपी और एचपीवी परीक्षण के नए आयामों के बारे मे बताया तो बही स्त्री रोग ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. रौनक भंसाली ने कोल्पोस्कोपी के बारे में विस्तार से बताया उन्होने बताया कि कोल्पोस्कोपी एक प्रकार का सर्वाइकल कैंसर परीक्षण है। इसका उपयोग गर्भाशय ग्रीवा में असामान्य कोशिकाओं का पता लगाने के लिए किया जाता है।
कोल्पोस्कॉपी वर्कशॉप के दौरान ऑन्कोलॉजी सेवाओं के निदेशक और वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ठ डॉ.मनोज महाजन ने राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में एचपीवी आधारित स्क्रीनिंग पर अपना डब्ल्यूएचओ अध्ययन साझा किया।
वर्कशॉप में जीएमसीएच वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ.अंजना वर्मा,यूओजीएस अध्यक्ष डॉ.प्रकाश जैन, नारायण आईवीएफ के निदेशक एवं यूओजीएस सचिव डॉ.प्रदीप बंदवाल आदि विषय विशेषज्ञ ने सर्वाइकल कैंसर के निदान पर कोल्पोस्कॉपी की भूमिका पर चर्चा की इस पैनल चर्चा का संचालन पीएमसीएच की प्रोफेसर डॉ.स्मिता बार्या एवं जीएमसीएच की प्रोफेसर डॉ.नलिनी शर्मा ने किया।
कार्यशाला में विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के स्त्री रोग विशेषज्ञों एवं पीजी कर रहे विघार्थीयो ने भाग लिया।