कलश यात्रा के साथ हुआ भागवत कथा का समापन

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Published on : 12 Feb, 24 15:02

जीवन में कमाया हुआ पुण्य करता है आनंद की वर्षाःमुरलीका गौड़

कलश यात्रा के साथ हुआ भागवत कथा का समापन


उदयपुर। शहर के समीप ग्राम पंचायत बड़ी में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह का समापन वृंदावन से पधारी कथा व्यास देवी मुरलीका गौड़ मधु के सानिध्य में सोमवार को हुआ। कार्यक्रम संयोजक एवं बड़ी के सरपंच मदन पंडित ने बताया कि नवनिर्मित श्री हरि रामेश्वरम मन्दिर में 6 फरवरी से आयोजित हुई श्रीमद् भागवत कथा का समापन 12 फरवरी शाम को गंगा मैया के जयकारों व भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ। कथा समापन एवं कलश यात्रा में बड़ी एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्र से सैकड़ो श्रद्धालु शामिल हुए। इसके बाद सभी के लिए महा प्रसादी हुई।
कथा व्यास वृंदावन से पधारी देवी मुरली गौड़ ने समापन अवसर पर कहा कि जो भाग्यशाली होते हैं उन्हीं के वहां श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन होता है। पिछले 7 दिनों से बड़ी की पावन 0पुण्य धरा पर श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण कर हजारों धर्म प्रेमियों ने प्रभु के बारे में सुनकर, उनको जानकर जो पुण्य कमाया है वह निश्चित ही जीवन में आनंद की वर्षा करेगा। उन्होंने सभी धर्म प्रेमियों को धर्म की प्रेरणा देते हुए कहा कि बिना धर्म के, बिना प्रभु की सेवा के या बिना प्रभु का स्मरण किये जीवन सार्थक नहीं हो सकता। उन्होंने समापन अवसर पर उपस्थित हजारों धर्म प्रेमी महिला पुरुषों को संकल्प दिलवाया कि वह जीवन में हमेशा दिन दुखियों की सेवा और धर्म कार्यों में सदैव अपने आप को समर्पित रखेंगे। सभी धर्म प्रेमी कथा व्यास देवी मुरली का गौड़ से आशीर्वाद पाकर गदगद हो गए। इस दौरान प्रभु के भजनों से पाण्डाल में उपस्थित हजारों महिला पुरूष श्रद्धालु भक्ति में सराबोर होकर झूम उठे
समापन के बाद निकली भव्य कलश यात्रा-आयोजक मदन पंडित ने बताया कि सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के समापन अवसर पर भव्य कलश यात्रा का आयोजन किया गया। बैंड बाजो के साथ निकाली इस भव्य कलश यात्रा में 5100 कलशधारी महिलाओं ने विशेष परिधानों में सज धज कर भाग लिया। कलश यात्रा में हजारों श्रद्धालु उमड़  पड़े। कथा स्थल से प्रारंभ हुई कलश यात्रा पूरे गांव में भ्रमण करते हुए ठाकुर जी चारभुजा नाथ के मंदिर पर सम्पन्न हुई। कलश यात्रा के दौरान  खास बात यह रही कि जिन व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान खोल रखे थे कलश यात्रा के दौरान सभी ने अपने प्रतिष्ठान बंद कर दिए और वह कलश यात्रा में शामिल हो गए।
14 फरवरी को होगी श्री राम दरबार एवं शिव परिवार की प्राण प्रतिष्ठा-
संयोजक मदन पंडित ने बताया कि कथा समापन के पश्चात 13 फरवरी शाम को नवनिर्मित हरिरामेश्वरम मंदिर परिसर में यज्ञ हवन का आयोजन होगा। 21 पंडितो के मंत्रोच्चार के साथ हवन एवं यज्ञ की विधियां संपन्न करवाई जाएगी जिसमें 200 जोड़े यजमान हवन में आहुतियां देंगे। उसके बाद दूसरे दिन 14 फरवरी को प्रातः 11.30 बजे श्री राम दरबार एवं शिव परिवार की भव्य प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। पंडित ने बताया कि राम दरबार की मूर्तियां पिंडवाड़ा जबकि शिव परिवार की मूर्तियां औकारेश्वर स्थित नर्बदेश्वर नदी से विधि विधान पूर्वक लाई गई है।


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