राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय कोटा मे दिनांक 06 नवंबर 2023 से प्रारम्भ हुये भारतीय भाषा उत्सव शृंखला का समापन “मानवाधिकार भाषा को (पुनः) सीखना: हमारे समय के लिए एक अनिवार्यता” विषय पर संगोष्ठी के साथ सम्पन्न हुआ | कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राजस्थान प्रशासनिक सेवा की अधिकारी डॉ अनुपमा टेलर , अध्यक्षता वयोवृद्ध चिंतक एवं विचारक के.बी. दीक्षित तथा विशिष्ट अतिथि शायर चाँद शेरी तथा लेखराज शर्मा कोटा ब्यूरो चीफ महानगर टाईम्स ने की | कार्यक्रम का संचालन परामर्शदाता डबली कुमारी ने किया |
उदघाटन भाषण मे डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव संभागीय पुस्तकालयाध्यक्ष ने पूरे एक माह से ज्यादा समय तक आयोजित विभिन्न गतिविधियो का ब्योरा प्रस्तुत किया तथा बताया की इससे पाठको मे भाषायी चेतना का विकास हुआ |
मुख्य अतिथि डॉ अनुपमा टेलर ने कहा की –“मानवाधिकार भाषा को (पुनः) सीखना हमारे समय में एक महत्वपूर्ण जरूरत है। यह भाषा हमें समाज में समानता, न्याय, और अधिकारों के बारे में समझाती है। इससे हम समाज में विविधता को समझते हैं और उसे सम्मान करते हैं।
अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ चिंतक एवं विचारक के.बी. दीक्षित ने कहा की - “मानवाधिकारों का ज्ञान हमें अपने और दूसरों के अधिकारों का सम्मान करने की दिशा में बदलाव लाता है। यह हमें सहानुभूति, समर्थन, और समरसता की भावना देता है। इसलिए, मानवाधिकार शिक्षा और सीखना हमारे समाज के विकास और समृद्धि के लिए अत्यंत आवश्यक है।“
विशिष्ट अतिथि चाँद शेरी ने कहा कि – “मानवाधिकार भाषा की सीखना हमें सकारात्मक परिवर्तन लाने का संदेश देती है, जो समाज में समृद्धि और एकता को बढ़ावा देता है। विशिष्ट अतिथि लेखराज शर्मा ने कहा कि – “यह हमारे समाज के विकास और समृद्धि के लिए एक निरंतर प्रक्रिया है जो हर व्यक्ति को समान अधिकार और सम्मान की भावना में सहायता करती है।“
इस अवसर पर चित्रा आजाद , अपेक्षा चतुर्वेदी , शुषमा, सोहा अंसारी , जेटाल , इसिका , सोनल, सुरेन्द्र , जितेंद्र ,करिश्मा , लककी , हिमालय ,चन्दन , प्रियनशा , किरण , विष्णु , शिवम , कुलदीप सेन , मुनेश कुमार चेतराम , निश्चल , शबनम इत्यादि ने भी अपने विचार व्यक्त किए |