भूपाल नोबल्स संस्थान के शताब्दी समारोह वर्षगांठ के उपलक्ष में आज भूपाल नोबल्स पीजी महाविद्यालय में संचालित दृश्य कला द्वारा गुरु नानक जयंती पर चित्र प्रदर्शनी आयोजित की गई। महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ रेणु राठौड़ ने बताया दृश्य कला विभाग की सह आचार्य डॉ कंचन राणावत के मार्गदर्शन में उत्कृष्ट कला का प्रदर्शन उनके मार्गदर्शन में किया गया है गुरू नानक देव का बाल्यकाल से ही ईश्वर की भक्ति में मन लगता था। वो हमेशा ही लोगों की सेवा करते थे और संतो से काफी प्रभावित होते थें। अपने पिता के कहने पर उन्होंने पारिवारिक जीवन तो बसा लिया परन्तु ज्यादा दिन तक उसमें नहीं रह सके और 37 वर्ष की अवस्था में लोगों को ईश्वर और धर्म के प्रति उपदेश देने निकल गए। आगे चलकर उन्होंने 15वीं शताब्दी में केवल एक ईश्वर और गुरुओं पर आधारित धर्म “सिख धर्म” की स्थापना की इस दिन को खास तरीके से मनाया जाता है। उनके विभिन्न रूपों का चित्रांकन किया गया इसमें भाग लेने वाले छात्र छात्राए जूही सेठ, चित्रा राठौड़, दिव्या शर्मा, सत्यदीप कुंवर, सुयश शर्मा, कंचन रावत, ईश्वर औदिच्य, रणवीर पटेल, घनश्याम लोहार, दिनेश वागरिया, आदि कला के अन्य पहलुओं पर भी इस अवसर पर प्रकाश डाला गया. यह जानकारी जन सम्पर्क अधिकारी डॉ कमल सिंह राठौड़ ने दी।