उदयपुर। भुवाणा स्थित आईटीपी भवन में चल रही दिव्य श्री राम कथा के आठवें दिन संत लोकेशानंद महाराज ने सुग्रीव- बाली युद्ध, बाली वध, सुग्रीव राज्याभिषेक, श्रीराम का वानर सेना के साथ मां सीता को ढूंढने जाना, देवी स्वयंप्रभा की भूमिका, जटायु के भाई संपाती गिद्ध द्वारा मां सीता का पता बताना, जामवंत द्वारा हनुमान को बल का स्मरण, हनुमान द्वारा सूक्ष्म रूप धर लंका में प्रवेश, लंका प्रहरी लंकिनी से युद्ध, अशोक वाटिका में मां सीता के दर्शन, मां सीता को प्रभु राम की मुद्रिका दिखाना, अशोक वाटिका उजाड़ना, मेघनाथ द्वारा हनुमान को नागपाश में बांधना, पूंछ से संपूर्ण लंका को आग लगाना, राम सेतु निर्माण सहित कई प्रसंग भजनों की सुंदर प्रस्तुतियों के साथ सुनाएं।
धर्म की राह दिखाती है धर्मपत्नी
कथा के दौरान सन्त श्री ने मंदोदरी द्वारा रावण को समझाने के प्रसंग पर कहा कि पत्नी अपने पति को कभी अधर्म की राह पर नही चलने देती इसलिए उसे धर्मपत्नी कहते है। सन्त श्री ने यह भी कहा कि सम्पूर्ण रामायण में हनुमान ने कही भी गदा का प्रयोग नही किया, लेकिन मनोरंजन के लिए दिखाए जा रहे सीरियल में हमारी सनातन संस्कृति को अलग रुप मे दिखाया जा रहा है, ओर जब मनोरंजन के चक्कर मे ज्ञान छूट जाता है तो विरोध होता है।
पंथ सचिव जितेश कुमावत ने बताया कि कथा में अतिथि रूप में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया,किरण जैन, आर.पी. शर्मा, भरतपुर एसपी सुधीर जोशी, भुवाणा सरपंच मोहन डाँगी, दुष्यंत कुमावत ने संतश्री का स्वागत सत्कार कर आशीर्वाद लिया।
पहले दिन से कथा सुन रही गिलहरी
श्रीराम कथा के पहले ही दिन से व्यास पीठ के इर्द-गिर्द एक गिलहरी रोज मानो कथा श्रवण करती नजर आ रही है। आज राम कथा में गिलहरी की बात आने पर वो काफी देर थ यहां- वहां तेज आवाज करती रही।सन्त श्री ने उस गिलहरी की तरफ भक्तो का ध्यान आकर्षित करते हुए प्रसंग सुनाया की राम सेतु निर्माण में श्रीराम द्वारा गिलहरी पर हाथ घुमाने से उस पर 3 धारिया श्रीराम की उंगलियों के निशान है।
भरत-राम मिलन के साथ आज होगा राज्याभिषेक का नाट्य मंचन
पंथ संयोजक योगेश कुमावत ने बताया कि कथा के अंतिम दिन शुक्रवार को भरत राम का मार्मिक वर्णन,रावण वध, प्रभु श्रीराम का राज्याभिषेक ओर अयोध्या में उत्सव पर भव्य नाटिका का मंचन किया जाएगा।