ये संसार धर्म के लिए समय नहीं देगा, समय तो हमें निकालना पड़ेगा -समकितमुनिजी

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Published on : 12 Oct, 22 14:10

ये संसार धर्म के लिए समय नहीं देगा, समय तो हमें निकालना पड़ेगा -समकितमुनिजी

भीलवाड़ा, जीवन तभी सफल हो पाएगा जब हमारा समय धर्म में बीतेगा। वो समय फेल हो जाता जो अधर्म में बीतता है। धर्म में बीतने वाले पल सफल होते है। बहुत से लोग बोलते है अभी समय नहीं है जब समय मिलेगा तब धर्म कर लेंगे। ऐसे लोग भूल जाते है कि ये संसार कभी धर्म के लिए समय नहीं देता हम कभी फ्री महसूस नहीं करेंगे लेकिन आत्मकल्याण चाहते है तो धर्म के लिए समय हमे ही निकालना पड़ेगा। ये विचार श्रमणसंघीय सलाहकार सुमतिप्रकाशजी म.सा. के सुशिष्य आगमज्ञाता, प्रज्ञामहर्षि डॉ. समकितमुनिजी म.सा. ने शांतिभवन में मंगलवार को परमात्मा भगवान महावीर की अंतिम देशना उत्तराध्ययन आगम की 27 दिवसीय आराधना ‘‘आपकी बात आपके साथ’’ के 13 वें दिन व्यक्त किए। इसके तहत आगम के 36 अध्यायों में से 14 वें अध्याय इषुकारीय का वाचन करने के साथ इसके बारे में समझाया गया। उन्होंने कहा कि समझदार लोग धर्म के लिए समय निकाल लेते है और नासमझ लोग समय नहीं होने का राग अलापते रहते है। जीवन क्षणभंगुर है किसे पता हमारा कितना समय बाकी है। अच्छे कर्म करें ताकि कभी भी आयुष्य पूर्ण हो जाए तो सद्गति मिल सके। मुनिश्री ने कहा कि पुत्र का मोह नहीं रखे क्योकि किसे पता पुत्र हमे सद्गति देंगा या हमारी दुर्गति करेंगा। रिश्ता धर्म का होने पर पुत्र साता पहुंचाएगा और रिश्ता काम का होने पर पुत्र दुःखकारी होंगा। काम भोग क्षण भर का सुख देता है लेकिन दुःख लंबे समय तक भोगना पड़ता है। काम भोग अनर्थ की खान है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में अधिकतर लोग परिवार में सुख शांति की कामना से धर्म करते है। कई लोग मानते है कि बिना धन धर्म नहीं हो सकता जबकि अब भी सामायिक, तप साधना आदि ऐसे धर्म है जिनमें कोई खर्च नहीं है। वर्तमान माहौल बदल गया है ओर अब तो बिना धन चातुर्मास भी नहीं हो सकते। शुरू में गायन कुशल जयवंतमुनिजी म.सा. ने प्रेरक गीत प्रस्तुत किया। प्रेरणाकुशल भवान्तमुनिजी म.सा. का भी सानिध्य मिला। लक्की ड्रॉ के माध्यम से भाग्यशाली श्रावक-श्राविकाओं को प्रभावना में चांदी के सिक्के लाभार्थी परिवारों द्वारा प्रदान किए गए। अतिथियों का स्वागत शांतिभवन श्रीसंघ के अध्यक्ष राजेन्द्र चीपड़ ने किया। धर्मसभा का संचालन श्रीसंघ के मंत्री राजेन्द्र सुराना ने किया।

 सामग्री वेस्टज नहीं करना भी धर्म

पूज्य समकित मुनिजी ने कहा कि श्रावक का धर्म है किसी भी चीज का उपयोग तो करे लेकिन उसे बर्बाद नहीं करें। वर्तमान में ई-वेस्टेज सबसे बड़ी चुनौती बन रहा है और इस समस्या का अभी समाधान भी नहीं मिला है। किसी भी तरह का वेस्टेज करना अधर्म में आता है श्रावकों को संकल्प करना चाहिए कि घर में ऐसी सामग्री का उपयोग करेगा जो बार-बार कार्य आ सके। पॉलीथिन का उपयोग न्यूनतम करें, पॉलीथिन का कचरा भी समाज व सरकार के लिए बड़ी समस्या है। 

 नाहर व आंचलिया के लिए मंगलकामनाएं 

धर्मसभा में पूज्य समकितमुनिजी म.सा. ने महावीर युवक मंडल सेवा संस्थान के मंत्री अनुराग नाहर के जैन कॉन्फ्रेंस जीवन प्रकाश योजना के राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष बनने एवं प्रकाश आंचलिया के योजना का राष्ट्रीय युवा मंत्री बनने पर उनको बधाई देते हुए दोनों के प्रति मंगलकामनाएं व्यक्त की। नाहर एवं आंचलिया ने पूज्य समकितमुनिजी व अन्य संतों से आशीर्वाद प्राप्त किया। 

महावीर निर्वाण कल्याणक पर तेला तप आराधना 22 से

पूज्य समकितमुनिजी म.सा. ने बताया कि भगवान महावीर निर्वाण कल्याणक के उपलक्ष्य में तेला तप आराधना 22 अक्टूबर से शुरू हो रही है। अधिक से अधिक श्रावक-श्राविकाओं को इसमें सहभागिता निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो भी श्रावक-श्राविकाएं तेला तप आराधना करना चाहे वह भवान्त मुनिजी म.सा. एवं महिला मंडल की मंत्री सरिता पोखरना से सम्पर्क कर कूपन प्राप्त कर सकते है। 

 


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