उदयपुर । अगर समय रहते सही जॉच और इलाज मिल जाए तो भविष्य में होने वाली गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है। और ऐसा ही हुआ चित्तौड़गढ़ निवासी रतनलाल के साथ।
दर असल रतनलाल को पिछले कई दिनो से पेशाब में खून आने की समस्या के साथ साथ बुखार की तकतीफ भी थी जिसके कारण मरीज को सांस लेने में कठनाई होने लगी। परिजन उसे स्थानीय चिकित्सालय में लेके गए तो चिकित्सको ने मरीज की नाजूक स्थिति को देखते हुए उदयपुर रेफर कर दिया। परिजन मरीज को पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल,भीलों का बेदला लेकर आए। यहॉ उन्होने नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ.मोहित नरेड़ी को दिखाया तो जॉच करने पर मरीज का बीपी 180ध्100 और ऑक्सीजन सेचुरेशन 70 फीसदी आ रहा था साथ ही किडनी काम नहीं कर रही थी और क्रिएटिनिन का लेवल 5.5 आ गया था।
मरीज की नाजूक स्थिति को देखते हुए तुरन्त आईसीयू में भर्ती करके इन्टेन्सीविस्ट डॉ.मनिन्दर की देख रेख मे उपचार शुरू किया।
लेकिन मरीज का क्रिएटिनिन बढ़ गया और यूरिन आउटपुट कम हो गया। रतनलाल की तत्काल किडनी बायोप्सी कराई गई और किडनी का विशिष्ट इम्यूनोसप्रेशन शुरू किया गया। रोगी की हालत मे धीरे-धीरे सुधार दिखाई दिया।
नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ.मोहित नरेड़ी ने बताया कि बायोप्सी की रिपोर्ट में मरीज के गुर्दे में इम्यून मिडियेटेड डेमेज पाया जिसके चलते मरीज को क्रिएटिनिन लगातार बढ रहा था। अगर मरीज समय पर जॉच नहीं कराता तो भविष्य में उसके गुर्दे के खराब होने की संम्भावना बढ़ जाती और उसे जीवनभर डायलिसिस कराना पड़ता है। मरीज अभी पूरी तरह से स्वस्थ्य है और उसे छूट्टी दे दी गई है।