पर्यावरण अनुकूल रेल परिवहन की प्रतिबद्धता के लिये उत्तर पश्चिम रेलवे पर अब तक २१९० किलोमीटर ट्रेक का किया विद्युतीकरण

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Published on : 05 Jun, 21 02:06

वर्ष २०२३ तक सम्पूर्ण ट्रेक को विद्युतीकृत करने का लक्ष्य निर्धारित कार्य पूर्ण किया

पर्यावरण अनुकूल रेल परिवहन की प्रतिबद्धता के लिये उत्तर पश्चिम रेलवे पर अब तक २१९० किलोमीटर ट्रेक का किया विद्युतीकरण

भारतीय रेलवे द्वारा कोविड-१९ की विषम परिस्थितियों में भी आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता हेतु कार्य किये जा रहे है। भारतीय रेलवे पर माननीय वर्ष २०२०-२१ में पर्यावरण अनुकूल रेल संचालन के लिये ६०१५ रूट किलोमीटर ब्राडगेज लाइनों का विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया गया जोकि अभी तक का सर्वाधिक है। भारतीय रेलवे पर पर्यावरण संरक्षण के लिये कार्य करते हुये २०१४-२१ तक कुल २४,०८० रूट किलोमीटर का विद्युतीकरण किया गया है जोकि वर्ष २००७-१४ के ४,३३७ की तुलना में ४५५ प्रतिशत अधिक है। रेलवे द्वारा २०२३ तक सभी रेल लाइनों के विद्युतीकरण करने के लिये लक्ष्यानुसार कार्य किया जा रहा है।

उत्तर पश्चिम रेलवे के उपहाप्रबंधक (सामान्य) व मुख्य जनसम्फ अधिकारी लेफ्टिनेंट शशि किरण के अनुसार उत्तर पश्चिम रेलवे पर रेल विद्युतीकरण के कार्य तीव्र गति से किये जा रहे है। इस रेलवे पर विद्युतीकरण के कार्य को विगत वर्षों के बजट में प्राथमिकता प्रदान की गई है तथा सम्पूर्ण उत्तर पश्चिम रेलवे पर विद्युतीकरण का कार्य स्वीकृत हो गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर अब तक २१९० किलोमीटर रेल लाइन पर विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर विद्युतीकरण का कार्य वर्ष २०१४ के पश्चात् प्रारम्भ किया उससे पूर्व इस रेलवे पर विद्युतीकरण शून्य था। उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्ष २०२०-२१ में ३८५ किलोमीटर रेलखण्ड के विद्युतीकरण का कार्य पूरा किया गया। उत्तर पश्चिम रेलवे के महत्वपूर्ण रेलखण्ड रेवाडी-अजमेर वाया फुलेरा तथा रेवाडी-अजमेर वाया जयपुर रेलखण्डों पर इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन पर यात्री रेलसेवाओं का संचालन किया जा रहा है। इसके साथ ही अजमेर से उदयपुर मार्ग का भी विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हो गया है तथा राजस्थान के प्रमुख पर्यटक स्थल उदयपुर का जुडाव अजमेर, जयपुर तथा दिल्ली से इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन से सम्फ स्थापित हो गया है।

उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्ष २०२१-२२ में लगभग ९८० किलोमीटर ब्रॉडगेज लाइनों को विद्युतीकृत किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस वर्ष रींगस-सीकर-चूरू, सीकर-लोहारू, चूरू-रतनगढ-लालगढ, सूरतगढ-लालगढ, मारवाड-लूनी-जोधपुर, ब्यावर-गुडिया, मदार-पुष्कर रेलमार्ग के विद्युतीकरण का कार्य किया जाना प्रस्तावित है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर ३१५४ रूट किलोमीटर रेलमार्ग के विद्युतीकरण का कार्य २,५८४ करोड रूपये की लागत के साथ किया जा रहा है तथा सभी रेलमार्गों का विद्युतीकरण का कार्य दिसम्बर २०२३ तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

पर्यावरण अनुकूल परिवहन साधन

 डीजल इंजन के धुएं से होने वाले प्रदुषण से मुक्ति

ईंधन आयात पर निर्भरता में कमी होने से राजस्व में बचत

संचालन लागत में कमी

विद्युत इंजनों की लोड क्षमता अधिक होने के कारण अधिक भार, लम्बी ट्रेनों व अधिक ट्रेनों का संचालन संभव

विद्युत इंजनों की अनुरक्षण लागत कम होना

डीजल की अपेक्षा बिजली की लागत कम होने से राजस्व की बचत

 

भारतीय रेलवे पर विद्युतीकरण के अतिरिक्त पर्यावरण को सुदृढ बनाने के लिये तीव्र गति से पर्यावरण अनुकूल डेडीकेटड फे्रट कॉरिडोर का विकास किया जा रहा है जिससे कम समय में तीव्र गति व अधिक क्षमता के साथ अधिक माल का परिवहन किया जा सके। डेडीकेटड फे्रट कॉरिडोर को कार्बन रहित ग्रीन परिवहन कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जा रहा है। भारतीय रेलवे पर दो डेडीकेटड फे्रट कॉरिडोर इस्टर्न व वेस्टर्न कॉरिडोर निमार्ण परियोजनाओं पर कार्य प्रगति पर है। उत्तर पश्चिम रेलवे से वेस्टर्न डेडीकेटड फे्रट कॉरिडोर को ३८ प्रतिशत भाग होकर गुजर रहा है। उत्तर पश्चिम रेलवे के न्यू मदार से न्यू अटेली स्टेशनों के ३०६ किलोमीटर मार्ग पर दिनांक ०७.०१.२०२१ से ट्रेनों का परिवहन प्रारम्भ कर दिया गया है। इस मार्ग पर डबल स्टैक कटेंनर ट्रेने संचालित की जा रही है, जिससे तीव्र गति से अधिक माल का परिवहन किया जा रहा है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर वेस्टर्न डेडीकेटड फे्रट कॉरिडोर के प्रारम्भ होने से इस क्षेत्र का विकास हो रहा है तथा रोजगार के नये अवसर उत्पन्न हुये है।

 


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