रेलवे लवे की नई पहल हरित पर्यावरण की दिशा में शुरू किये ’’ई-ऑफिस‘‘

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Published on : 02 Jun, 21 08:06

कागज व मुद्रा की बचत के साथ पारदर्शिता, जवाबदेही, डेटा सुरक्षित अनावश्यक देरी एवं फाइलों के गुम होने की कम संभावना

रेलवे लवे की नई पहल हरित पर्यावरण की दिशा में शुरू किये ’’ई-ऑफिस‘‘

श्रीगंगानगर । रेलवे हरित पर्यावरण की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। इस दिशा में रेलवे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट, वाटर हार्वेस्टिंग, वाटर रीसाइक्लिंग प्लांट, एलईडी लाइट फिटिंग्स, सीएनजी एवं बेट्री से लोकोमोटिव का परिचालन इत्यादि कार्य निरंतर कर रही है। इसी श्रंखला में कागज बचाकर पेड़ों को बचाने के क्रम में उत्तर पश्चिम रेलवे पर सभी फाइलों एवं पत्रों का आदान प्रदान ई-ऑफिस द्वारा इलेक्ट्राॅनिक रूप से किया जा रहा है।
 उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ले. शशि किरण के अनुसार इलेक्ट्राॅनिक कार्यालय या ई-कार्यालय/ऑफिस एक नवीन शब्द है जिसका प्रचलन कार्यालयों मे कंप्यूटर व उसकी मदद से बढ़ते हुए सूचना तकनीक के उपयोग के लिये किया जाता है। ई-ऑफिस ने सैद्धांतिक रूप से लागत कम करने और कागज की खपत को कम करने मे काफी योगदान दिया है। इलेक्ट्राॅनिक फाइल प्रणाली सरकारी कार्यालयों की पुरानी मैनुअल प्रक्रिया कि तुलना में पारदर्शिता को बढ़ाता है। द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग ने अपनी 11 वीं रिपोर्ट में सुशासन प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में ई-गवर्नेंस को लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया था। नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए शासन को बदलने के लिए ई-गवर्नेंस प्रौद्योगिकी का उपयोग करने पर जोर दिया गया। इस क्रम मे भारत सरकार के प्रतिष्टान नेशनल इन्फोर्मेटिक सेन्टर की अगुवाई मे सभी सरकारी कार्यालयों मे ई-ऑफिस लागू करने की शुरुआत की गयी। इसी के तहत सर्वप्रथम रेलवे ने अपने यहाँ ई-ऑफिस का ई-लाइट वर्जन जोकि मुख्यतः ऑफिस फाइलों से संबंधित है, लागू करने का संकल्प किया।
 उन्होने बताया कि इसी अनुपालना मे रेलवे बोर्ड ने चरणबद्ध तरीके से 2018 से संपूर्ण भारतीय रेलवे में ई-ऑफिस का शुभारंभ रेलटेल के सहयोग से करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। उत्तर पश्चिम रेलवे पर सर्वप्रथम 24 मार्च 2019 को प्रधान कार्यालय जयपुर व 23 अप्रैल 2019 को जोधपुर मंडल मंडल मे ई-ऑफिस का शुभारंभ किया गया। इसके पश्चात चरणबद्ध तरीके से सभी कार्यालयों पर ई-ऑफिस का शुभारंभ करते हुए इसी वर्ष मार्च 2021 में बीकानेर कार्यशाला में ई-ऑफिस का शुभारंभ कर संपूर्ण उत्तर पश्चिम रेलवे पर ई-ऑफिस इम्प्लीमेंटेशन का कार्य विधिवत संपन्न किया जा चुका है। उन्होने बताया कि ई-ऑफिस कार्य को काल्पनिक स्वरूप से वास्तविकता के धरातल पर रूपांतरित करने हेतु सभी स्टाफ को प्रशिक्षण की समुचित आवश्यकता थी। इसको ध्यान मे रखते हुए सघन प्रशिक्षण कार्यक्रम की रुपरेखा तैयार की गई एवं रेलटेल के सहयोग से अब तक प्रधान कार्यालय में लगभग 1528 कर्मचारियों को ई-ऑफिस प्रणाली पर दैनिक कार्य करने हेतु प्रशिक्षित किया जा चुका है। वर्तमान में उपरे मे ई-ऑफिस पर 54,000 इलेक्ट्राॅनिक फाइल परिचालन में हैं तथा 4,00,000 डाक्यूमेंट्स  को ई-ऑफिस प्लेटफार्म पर प्रोसेस किया जा चुका है। पुराने रिकाॅर्ड को भी ऑनलाइन ई-ऑफिस प्लेटफार्म पर लेन के उद्देश्य से सारे पुराने रिकाॅर्ड के डिजिटाईजेशन की प्रक्रिया के तहत पुराने रिकाॅर्ड के लाखों पृष्ठों की स्कैनिंग का कार्य भी पूर्ण हो चूका है। ई-ऑफिस के लिए उत्पादकता, गुणवत्ता, संसाधन प्रबंधन, बदलाव के समय में सुधार करना निर्धारित उद्देश्य है। ई-ऑफिस की शुरूआत ने संगठनों की सटीकता और दक्षता में सुधार किया और इस प्रकार सेवा के स्तर में सुधार हुआ है।
उन्होने बताया कि ई-ऑफिस के तहत पारदर्शिता जिसमें फाइलों को ट्रैक किया जा सकता है और उनकी स्थिति हर समय पता की जा सकती है, जवाबदेही में किए गए कार्य की जिम्मेदारी की निगरानी करना आसान है तथा डेटा सुरक्षा और डेटा इन्रेग्रिटी संभव है। इसी प्रकार अनुत्पादक प्रक्रियाओं से कर्मचारियों की ऊर्जा और समय बचा कर नव सृजनता को बढ़ावा देना, सरकारी कार्य संस्कृति को बदलना और नैतिकता को बढ़ावा देना, देरी के मामले में निगरानी की जा सकती है। ई-ऑफिस प्रणाली के माध्यम से उपलब्ध पारदर्शिता के कारण आज ये संभव हुआ है कि संबंधित अधिकारी अपने सभी कनिष्ट कर्मचारियों के द्वारा ऑफिस में किये जाने वाले कार्य की मोनिटरिंग ई फाईल-एमआईएस रिपोटर्स के माध्यम से कर सकता है। ई-ऑफिस प्रणाली का एक विशेष लाभ यह भी है कि इस प्रणाली में फाइलों के लापता या गुम होने का प्रतिशत जीरो है।
 उन्होने बताया कि उपरे पर वर्तमान में ई-ऑफिस कार्य प्रणाली सभी इकाईयों में पूर्ण रूप से लागू हो चुकी है व हम इसका पूर्ण सदुपयोग कर प्रतिदिन के ऑफिस कार्य  को पूर्ण रूप से ऑनलाइन कर कागज की बचत करते हुए रेल राजस्व की बचत के साथ ही पेड़ों को नया जीवन देने का प्रयास कर रहे हैं, जिसके फलस्वरूप हम स्वयं अपने को, अपने समाज व आने वाली पीढियों को एक अच्छा, स्वच्छ, शुद्ध वातावरण देने का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही ई-ऑफिस के फल स्वरूप उत्तर पश्चिम रेलवे अपने कार्यकलाप में पूर्ण पारदर्शिता लाकर अपने उपभोक्ताओं को उत्कृष्ट स्तर की सेवा प्रदान करने का प्रयास कर रहा है। 
 


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