राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर रि-स्टार्ट  डिजिटल सम्मेलन का आयोजन

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Published on : 12 May, 20 03:05

भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से अर्थव्यवस्था को पुनः पटरी पर लाने को तैयार : डॉ. हर्ष वर्धन

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर रि-स्टार्ट  डिजिटल सम्मेलन का आयोजन

नई दिल्ली (नीति गोपेंद्र भट्ट)  । केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा है कि कोविड -19 के खिलाफ भारत दृढ़ता के साथ लड़ाई लड़ते हुए तेजी से आगे बढ़ रहा है। हमें विश्वास है कि हम इस जंग में विजयी होकर निकलेंगे।

डा. हर्ष वर्धन नई दिल्ली में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर रि-स्टार्ट --“विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और शोध समाधानों के माध्यम से अर्थव्यवस्था की बहाली” (RESTART- ROOBOOT THE ECONOMY THROUGH SCIENCE & TECHONOLOGY AND RESEARCH TRANSLATIONS विषय पर आयोजित डिजिटल सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। यह सम्मेलन प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने मिल कर आयोजित किया था।

देश में कोविड-19 जैसी महामारी से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा दिए जा रहे योगदान की सराहना करते हुए डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र की सहयोगात्मक भावना को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि “भारत सरकार, शिक्षाविद, वैज्ञानिक, स्टार्टअप, उद्यमी और उद्योग से जुड़े सभी पक्ष इस महामारी से निपटने के उपाय खोजने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। हमें अपने वैज्ञानिकों, उद्यमियों और संस्थानों को कोविड-19 के त्वरित और व्यावहारिक समाधान खोजने के प्रयासों की सराहना करनी चाहिए। देश में नई खोजों, औद्योगिक साझेदारी और संवर्धित शोध आदि उपायों को तेजी से विकसित किया और अपनाया गया हैं ”, केंद्रीय मंत्री ने कहा।

उन्होंने कहा, "कुछ ही समय में देश कई परीक्षण किट, सुरक्षात्मक उपकरण, श्वसन उपकरण आदि विकसित करने के लिए कई शोधकर्ताओं  को ऐसे कार्यों में लगाने में कामयाब रहा है।"

उन्होंने भारत सरकार द्वारा कोविड-19 संबंधित प्रौद्योगिकी क्षमताओं के उपयोग के लिए गठित 'कोविड-19 टास्क फोर्स' के बारे में भी अवगत कराया। “हमारी सरकार मेक इन इंडिया’ पहल में महत्वपूर्ण योगदान कर रही है। हम इसके तहत देश के वैज्ञानिक संस्थानों और स्टार्टअप्स को कोविड-19 के परीक्षण किट, मास्क, सैनिटाइजर, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) और वेंटिलेटर विकसित करने के लिए आगे लाए हैं।

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस की इस वर्ष के थीम पर बोलते हुए डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा, “हमें वर्तमान परिस्थितियों में व्यापक आर्थिक प्रभाव को कम करते हुये आत्मनिर्भरता को एक नए मंत्र के रूप में अपनाना चाहिए । इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हम तकनीकी और औद्योगिक क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के नए अवसरों की ओर देख रहे हैं। ”

इस अवसर पर नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के सारस्वत ने नए जमाने की प्रौद्योगिकियों, चिकित्सा और विनिर्माण प्रौद्योगिकियों आदि के महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि आज इनके बल पर अर्थव्यवस्था नए परिवेश में ढल रही है।

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर के. विजय राघवन ने बताया कि प्रौद्योगिकी हमारे जीवन जीने के तरीके को कैसे बदल सकती है और यह बताती है कि कोविड के बाद के काल में हमें कैसे आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि यह भविष्य के लिए कमर कसने का एक अवसर है। हमें भारत की बेहतरी और आने वाले भविष्य की चुनौतियों के लिए एक बेहतर और नयी सुविधाओं के माध्यम से शोध एवं विकास कार्यबल और पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करना होगा।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने इस मौके पर बताया कि विभाग ने अपने अस्तित्व के 50 वें वर्ष में कदम रखा है। उन्होंने कोविड-19 के दौरान आने वाली चुनौतियों के मद्देनजर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि कोविड-19 संकट ने हमें अनुसंधान एवं विकास और प्रौद्योगिकी विकास को विभिन्न तरीकों से काम करने के लिए प्रेरित किया है। साथ ही निजी-सार्वजनिक मॉडल ने हमें अनुसंधान और विकास को अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए प्रोत्साहित किया है । अर्थव्यवस्था को पुनः पटरी पर लाने के लिए नए युग की तकनीकों, समुचित राष्ट्रीय मिशनों, कार्यक्रमों और योजनाओं पर त्वरित कार्रवाई करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जहाँ कहीं भी रेडीमेड साल्यूशंस उपलब्ध नहीं हैं वहां अनुसंधान और विकास को उद्योग  से सघन, प्रासंगिक, त्वरित, प्रभावी और दृढ़ता से जुड़ा होना चाहिए। अब सीखे गए सबक हमें भविष्य की स्थाई विकास, जलवायु परिवर्तन, उद्योग 4.0, एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध, आदि की चुनौतियों का सामना करने में सहायता करते रहेंगे।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने महामारी से निपटने और आगे बढ़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला। डॉ। स्वामीनाथन ने भारत द्वारा COVID-1 चुनौती से निपटने के तरीके की सराहना की।

महानिदेशक, सीआईआई श्री चंद्रजीत बनर्जी; उद्घाटन सत्र में भाग लेने वालों में अध्यक्ष, सीआईआई श्री विक्रम किर्लोस्कर, डॉ नीरज शर्मा, सचिव, टीडीबी भी शामिल थे।

इस अवसर पर, डॉ हर्षवर्धन ने उन कंपनियों के एक वर्चुअल एग्जीबिशन का भी उद्घाटन किया, जिनकी प्रौद्योगिकियों को प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) ने सहयोग दिया है। विभिन्न संगठनों और कंपनियों ने डिजिटल बिजनेस टू बिजनस (B2B) लाउंज के माध्यम से प्रदर्शनी में अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया।


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