नई दिल्ली : केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने दिल्ली के उपराज्यपाल और स्वास्थ्य मंत्री, केन्द्र और राज्य सरकार के प्रमुख अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों और दिल्ली नगर निगमों के आयुक्तों के साथ विडियो कांफ्रेंस सत्र की अध्यक्षता करते हुए कहा “कोविड-19 के खिलाफ हमारे संघर्ष में प्रबंधन और स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए मैं आप सभी को बधाई देता हूं, लेकिन हमें परीक्षा की इन घड़ियों में आपात चिकित्सा की जरूरत वाले और अन्य मरीजों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए”
डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा “मुझे टेलीफोन, सोशल मीडिया, ट्वीटर और प्रिंट मीडिया से गैर कोविड-19 के डायलिसिस, श्वास रोग या हृदय रोग से पीड़ित, रक्त चढ़ाने के आवश्यक रोगियों और गर्भवती माताओं जैसी गंभीर स्थिति के मरीजों के उपचार से मना किए जाने की कई शिकायतें मिल रही हैं। हमें मरीजों को उपचार से मना करने को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है, क्योंकि ये मरीज आपात चिकित्सा के के लिए अस्पतालों में आते हैं और उन्हें एक के बाद एक अन्य अस्पतालों में जाने के लिए मजबूर किया जाता है। इस तरह उपचार से मना करने के कारण उनकी जान को भी खतरा हो सकता है।” उन्होंने अस्पतालों के सभी चिकित्सा अधीक्षकों को गैर कोविड-मरीजों की कोविड-19 के रोगियों की तरह समुचित देखभाल किए जाने के निर्देश दिए। लॉकडाउन की अवधि में प्रत्येक व्यक्ति के लिए यह परीक्षा की घड़ी है। वे व्यक्ति जो रोगी हैं और जिन्हें तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता है, बहुत मुश्किल से अस्पताल उपचार के लिए पंहुचते हैं। हमें उन्हें किसी प्रकार के बहाने से लौटाना नहीं चाहिए क्योंकि रक्त चढ़ाने, डायलिसिसि आदि की प्रक्रियाएं प्रतीक्षा नहीं कर सकतीं।
उन्होंने कहा “हमारे पास एम्स और सफदरजंग जैसे अस्पतालों और दिल्ली सरकार के कोविड-19 के विशेष अस्पतालों-एलएनजेपी और राजीव गांधी सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में कोविड-19 के उपचार की उन्नत सुविधाएं हैं; शेष अस्पतालों को गैर कोविड मरीजों की देखभाल करनी चाहिए जो कि समुचित उपचार की आशा में विभिन्न अस्पतालों में पंहुचते हैं।”उन्होंने कहा “स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने संक्रमण के दौरान वर्तमान स्वास्थ्य सुविधाओं की अभूतपूर्व आवश्यकता को पूरा करने के लिए आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ऐसे रोगियों को टेली-कंस्लटेशन, डिजिटल उन्होंने कहा “स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने संक्रमण के दौरान वर्तमान स्वास्थ्य सुविधाओं की अभूतपूर्व आवश्यकता को पूरा करने के लिए आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ऐसे रोगियों को टेली-कंस्लटेशन, डिजिटल लॉकडाउन के कारण कठिनाई के दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें अग्र सक्रिय, पूर्व अनुमानात्मक और प्रभावी उपायों की आवश्यकता है ताकि कमजोर वर्ग से संबंधित रोगियों समेत सभी मरीजों का उपचार किया जा सके।
उन्होंने यह भी अपील की कि स्वैच्छिक रक्तदानकर्ताओं को बढ़ावा देने और भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी की सहायता से मोबाइल रक्त संकलन वाहन जैसी विभिन्न सेवाओं के इस्तेमाल से अस्पतालों में रक्त चढ़ाने के लिए पर्याप्त रक्त का भंडार रखा जा सके। मोबाइल रक्त संकलन वाहन को नियमित स्वैच्छिक रक्तदानकर्ताओं के घर तक भेजा जा सके और उन्हें रक्तदान का नेक कार्य करने के लिए बढ़कर आगे आने की सुविधा दी जा सके।
विडियो कांफ्रेंसिंग में मंत्रालय के विशेष सचिव संजीवा कुमार, अपर सचिव वंदना गुरनानी, संयुक्त सचिव गायत्री मिश्रा, महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. राजीव गर्ग और आरएमएल तथा अन्य अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षक उपस्थित रहे।