हम कोरोना संक्रमण को समाप्त कर सकते हैं और इसे पराजित करेंगे’’-डॉ हर्ष वर्धन

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Published on : 16 Apr, 20 14:04

-नीति गोपेंद्र भट्ट-

हम कोरोना संक्रमण को समाप्त कर सकते हैं और इसे पराजित करेंगे’’-डॉ हर्ष वर्धन

नई दिल्ली, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डा हर्ष वर्धन ने आज विडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विश्व स्वास्थ्य संगठन के वरिष्ठ अधिकारियों और क्षेत्रीय कर्मियां तथा केंद्र और राज्य सरकारों के स्वास्थ्य अधिकारियों को भारत में कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए किए गए उपायों को लेकर संवाद सत्र को संबोधित किया।
 
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों से डा हर्ष वर्धन ने आग्रह करते हुए कहा ‘’कि हम संकट की स्थिति में बैठक कर रहे हैं और हमें पोलियो और चेचक के पहले किए गए उन्मूलन की तरह कोरोना के संक्रमण को भी मिलकर समाप्त करना है।‘’ उन्होंने कहा ‘‘हम संक्रमण को समाप्त कर सकते हैं और इसे पराजित करेंगे’’ आज की इस बैठक में कोविड-19 के खिलाफ कार्रवाई को क्षेत्रीय स्तर पर और तेज और मजबूत बनाने के लिए  उठाए जाने वाले कदमों और भागीदारी को अधिक सशक्त बनाने पर चर्चा की गई। डा. हर्ष वर्धन ने कहा ‘’ विश्व स्वास्थ्य संगठन कोविड19 के खिलाफ संघर्ष में हमारा एक महत्वपूर्ण भागीदार है। मैं सचमुच देश भर में कोविड-19 के फैलाव पर लगाम लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के मार्गदर्शन का सम्मान को बहुमूल्य हूं।‘’
 
डॉ हर्ष वर्धन ने स्मरण कराते हुए कहा ‘’मुझे अब भी याद है कि सरकार के या विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉक्टर हों, उन्होंने पोलियो कि उन्मूलन के लिए लगातार निष्ठा पूर्वक कार्य किया था और इस उद्देश्य को पूरा करने में उल्लेखनीय योगदान दिया था।‘’ उन्होंने कहा ‘’इनके निष्ठापूर्ण योगदान के बिना भारत समेत दक्षिण पूर्व एशिया से पोलियो के उन्मूलन में और समय लग सकता था।‘’ केंद्रीय मंत्री ने डाक्टरों को बेहतर तरीके से प्रेरित करने के लिए उन्हें उनकी क्षमता और कुशलता की याद दिलाई जिसके कारण भारत पोलियो के प्रकोप पर शानदार विजय हासिल कर सका।
 विश्व के बाकी देशों के मुकाबले मजबूत स्थिति में
उन्होंने यह भी याद दिलाया ‘भारत कोविड-19 पर कार्रवाई करने वाला पहला देश था और आज इस संघर्ष में भारत विश्व के बाकी देशों के मुकाबले मजबूत स्थिति में है। इसका प्रमुख कारण है कि हमारे कोरोना योद्धा बहुमूल्य और ईमानदार तरीके से अपनी सेवाएं अर्पित कर रहे हैं।‘’ उन्होंने कहा ‘’हम अपने शत्रु को जानते हैं और हमें उसका अता पता मालूम है। हम इस शत्रु पर सामुदायिक निगरानी, विभिन्न परामर्शों, क्लस्टर कटेंनमेंट और गतिशील रणनीति से काबू पाने में सक्षम हैं।
 
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व की सराहना करते हुए उन्होंने कहा ‘’हमारे पास प्रधानमंत्री के रूप में एक महान नेता है और जो समय समय पर विशेषज्ञों द्वारा दिए गए सुझावों का इस्तेमाल करने और उन्हें उपयोगी मानने में कोई संकोच नहीं करते। इससे भारत को इस समस्या की जड़ तक जाने का अवसर मिला है। डा हर्ष वर्धन ने साहस बरकरार रखने वाले कोरोना योद्धाओं से मानवता की सेवा करने का आग्रह किया। उन्होंने इन योद्धाओं को  घातक वायरस के खिलाफ कड़े संघर्ष में सफलता के लिए शुभकामनाए दी।
 
विश्व स्वास्थ्य संगठन दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने कोविड-19 पर भारत की कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा ‘’भारत ने बड़ी और बहुमुखी चुनौतियों के बावजूद इस महामारी के खिलाफ संघर्ष में अपनी अटल प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है।‘’ भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रतिनिधि डा. हेंक बेकेडम ने कहा ‘’हमारे क्षेत्रीय कर्मियों को फिर स्पष्ट निर्देश दिया गया कि वे कोविड-19 के  खिलाफ संघर्ष में सहायता दें। इसी दल ने पोलियो मुक्त भारत बनाने के यज्ञ में सरकार और अन्य भागीदारी संगठनों के साथ मिलकर अथक प्रयास किए थे और इस यज्ञ में आहूति दी थी। मुझे विश्वास है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन का दल कोविड-19 के खिलाफ जंग में सरकार की विजय में मदद देने के लिए एक बार फिर साथ देगा।‘’
 
संवाद के दौरान निम्न प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा की गई:
• जिला स्तर पर कार्यरत विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों के साथ मिलकर हॉटस्पॉट और क्लस्टर कटेंनमेंट के लिए सूक्ष्म योजना बनाने में तकनीकी समन्वय करना
• संक्रमण के संभावित मार्ग की पहचान कर वर्तमान मामलों के विश्लेषण में सहायता देना
• सभी जिलों में उस समय तक निरंतर निगरानी की नीति बनाने में मदद देना जब तक और संक्रमण नहीं होने की गुंजाइश का विश्वसनीय प्रमाण न मिल जाए।
 
बैठक में बिहार, कर्नाटक और महाराष्ट्र के अनुभवों और रणनीतियों को प्रस्तुत किया गया। बैठक में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्वनी कुमार चौबे, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिव और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक तथा स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के प्रतिनिधि और विश्व स्वास्थ्य संगठन दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी और देश भरी में तैनात विश्व संगठन के विशेषज्ञ और क्षेत्रीय कर्मी उपस्थित थे।


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