नई दिल्ली 1केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मन्त्री डॉ हर्षवर्धन ने हर जिले में कोविड-19 का एक विशेष अस्पताल बनाकर शीध्र अधिसूचित करने की आवश्यकता बताई है ।
डॉ. हर्ष वर्धन ने वीडियो कांफ्रेंस सेआज शुक्रवार को राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों, मुख्य सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों के साथ विचार विमर्श किया तथा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कोविड -19 के खिलाफ की जा रही जंग में केन्द्र सरकार को सहयोग करने और स्थिति को संभालने तथा नियंत्रण में रखने के लिए बधाई दी । उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा बनायें गए मोबाइल एप ‘आरोग्य सेतु ‘को बढ़ावा देने का आग्रह भी किया।
इस बैठक में स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे भी उपस्थित थे।
वीडियो कांफ्रेंस में महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, केरल, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, पंजाब, बिहार, तेलंगाना, हरियाणा, ओडिशा, असम, चंडीगढ़, झारखंड, अंडमान निकोबार, छत्तीसगढ़, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम, त्रिपुरा, सिक्किम, नगालैंड, तमिलनाडु, मेघालय और दादरा नगर हवेली के मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों आदि ने भाग लिया।
डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि इस महामारी से संघर्ष तीन महीने से अधिक समय से जारी है और देश में इसके प्रबंधन, नियंत्रण, बचाव के लिये राज्यों के साथ मिल कर किये गये उपायों की समीक्षा नियमित तौर पर उच्चतम स्तर पर की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भी स्थिति की समीक्षा और इस पर नजर रखे हुये हैं और उनके निर्देश पर कई प्रो ऐक्टिव और प्रभावी कदम उठाये गये हैं। समय पर उठाये गये इन कदमों से स्थिति के प्रबंधन और किसी भी स्थिति से निपटने में हम सक्षम हुये हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने अगले कुछ सप्ताह में रोग के संक्रमण की श्रृंखला तोड़ने को महत्वपूर्ण बताते हुये सभी से सोशल डिस्टेंसिंग और शारीरिक स्वच्छता पर जागरूकता सुनिश्चित करने की अपील की और कहा कि इससे कोविड-19 के खिलाफ दृढ़ता से सामूहिक संघर्ष में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि गर्भवती महिलाओं , डायलसिस कराने वाले मरीजों और थैलासीमिया से पीड़ित मरीजों के उपचार पर पूरा ध्यान दिया जाये। उन्होंने कोविड-19 पर नियंत्रण, बचाव और किये गये उपायों की समीक्षा की।
उन्होंने बैठक में भाग ले रहे राज्यों और केन्द्र शासित राज्यों से स्वैच्छिक रक्त दान को प्रोत्साहन देने को कहा और कहा कि वे सुरक्षित रक्त की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति में मददगार बनें।
केन्द्रीय मन्त्री ने देश में कोविड-19 के विशेष अस्पतालों के स्तर की भी समीक्षा की। इन्होंने यह भी कहा कि देश के हरेक जिले में एक एक ऐसा विशेष अस्पताल बनाकर शीध्र अधिसूचित करने की आवश्यकता है ताकि लोगों को इसकी सूचना मिल सके।
डॉ. हर्ष वर्धन ने पीपीई, एन 95 मास्क, जांच किट, दवाओं और वेंटिलेटर की राज्यों में पर्याप्त उपलब्धता की समीक्षा की और कहा कि भारत सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि इन आवश्यक वस्तुओं की कोई कमी नहीं हो, इसलिये इनकी खरीद के आर्डर दे दिये गये हैं।
उन्होंने बताया कि राज्यों द्वारा सूचित की गयी जरूरत में से आंशिक रूप से उन्हें ये वस्तुयें भेजी गयी हैं। पीपीई का उपयोग किस श्रेणी के लिये किया जाना उसका विवरण हमारे मंत्रालय की वेबसाइट पर है। राज्यों को इनके तर्कसंगत उपयोग की जागरूकता विकसित करनी होगी।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सामान्य जनों को घर में बने कपड़े वाले सुऱक्षा कवर से मुंह और नाक ढकना चाहिये और एन-95 मास्क केवल चिकित्सा कर्मियों के लिये हैं। समुदाय में सुरक्षा कवर के उपयोग के दिशा निर्देश भी वेबसाइट पर हैं।
राज्यों के विभिन्न प्रभावी प्रयासों की सराहना करते हुये कि उन्हें एक दूसरे की श्रेष्ठ प्रक्रियाओं को अपनाना चाहिये।
उन्होंने आरोग्य सेतु एप सभी से डाउनलोड और इस्तेमाल करने का आग्रह किया क्योंकि इससे कोरोना वायरस से होने वाले जोखिम का अपने आप पता लगाने में मदद मिलेगी । इसे स्मार्ट फोन पर डाउनलोड करने से मानदंडों के आधार पर जोखिम का आकलन करना आसान हो जायेगा।
इस बैठक में समीक्षा के दौरान केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सचिव श्रीमती प्रीति सूदन, स्वास्थ्य सचिव श्री संजीवा कुमार और आईसीएमआर एवं सीजीएचएस और मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।