केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने बताया कि भारत में वैज्ञानिक और औध्योगिक अनुसंधान परिषद ( सीएसआईआर ) की विभिन्न इकाइयों ने कोरोना वायरस की जेनेटिक सिकवेंसिंग की शुरुआत की है। यह देश में कोविड 19 के प्रकोप को कम करने में मददगार होगा।
डॉ हर्ष वर्धन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर कोविड 19 नियंत्रण और निदान से जुड़े सभी विभागों के कामकाज की समीक्षा करते हुए कहा कि फिलहाल हमारे पास सबसे बड़ा हथियार सोशल वैक्सीन ही है।
इस अवसर पर बताया गया कि यह अच्छा संकेत है कि कोविड 19 से ठीक हो चुके मरीजों के रक्त प्लाज्मा से अब इस रोग से पीड़ित अन्य मरीजों का उपचार किया जा सकेगा।अगर हम लोगों को रक्तदान के लिए प्रोत्साहित कर सकें तो यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा।
डॉ हर्ष वर्धन ने बताया कि भारत सहित दुनिया भर के 14 से ज्यादा देश कोविड निदान के शोध पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि सीएसआईआर की नैशनल एरो स्पेस लेबोरेट्रीज (NAL) वेंटिलेटर्स, ऑक्सीजन संवर्धन उपकरण व अन्य अस्पताल के सहायक उपकरणों पर काम कर रहा है। यह सभी प्रयास इस महामारी से लड़ने में बहुत मददगार साबित होंगे।
उन्होंने बताया कि इस महामारी की रोकथाम के लिए भारत सरकार हर जरूरी कदम उठा रही है। हम तेज़ी से टेस्टिंग केपेसिटी भी बढ़ा रहे हैं जिससे कम समय में ज्यादा से सैंपलिंग की जा सके।
डॉ हर्ष वर्धन ने बताया कि देशभर में कुल 219 स्थानों पर टेस्टिंग लैब्स सुनिश्चित की गई हैं तथा अब तक 1,86,900 सैंपल लिए जा चुके हैं।इनमें से 7,053 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं।
उन्होंने बताया कि कोविड 19 के खिलाफ़ जंग में सीएसआईआर की देश भर में फैली 38 लैब्स भी अपने-अपने स्तर पर काम में जुटी हैं।कोविड 19 के प्रबंधन सीएसआईआर का योगदान सराहनीय रहा है।
भारतीय रेल ने भी हाथ बढ़ाएं
डॉ हर्ष वर्धन ने बताया कि संकट की इस घड़ी में भारतीय रेल ने भी हाथ आगे बढ़ाएं हैं और प्रशंसनीय पहल करते हुए 20 हज़ार से ज्यादा ट्रेन कोच को आइसोलेशन वार्ड में बदला जा रहा है।
मेडिकल स्टाफ़ व सफाई कर्मचारियों के साथ सेना भी
उन्होंने कहा कि देश पर जब-जब विपदा आई है सेना ने मोर्चा संभाला है। संकट की इस घड़ी में मेडिकल स्टाफ़ और सफाई कर्मचारियों के साथ-साथ हमारे देश के वीर जवान भी दिन-रात कड़ी मेहनत कर रहे हैं।मैं इन सभी के जज्बे को सलाम करता हूँ।
डॉ हर्ष वर्धन ने बताया कि सरकार द्वारा कोरोना पीड़ितों के लिए तीन तरह के केयर सेंटर निर्धारित किए हैं। पीड़ित की कंडिशन के आधार पर उसे कोविड केयर सेंटर ,कोविड हेल्थ सेंटर और कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल में रेफर किया जा रहा हैं।
उन्होंने बताया कि दिन-प्रतिदिन कोरोना से रिकवर होने वालों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। अब तक 716 केस पूरी तरह रिकवर हुए हैं।
इस वैश्विक लड़ाई में सरकार, सरकारी संस्थाएं, प्राइवेट सेक्टर और सबसे अहम जिम्मेदारी आम नागरिक के कंधे पर है। सभी नियमों का ईमानदारी से पालन करेंगे तो मुझे पूरा विश्वास है कि हम जल्द से जल्द कोरोना संकट पर जीत हासिल करेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक की तरह मैं भी चाहता हूं कि जल्द से जल्द लॉक डाउन खुले, लेकिन हमें यह भी समझना होगा कि कोरोना वायरस की चेन तोड़ने के लिए इसे लगाया गया है। हम सभी सोशल डिस्टेसिंग नियमों का पालन करेंगें तो मैं विश्वास दिलाता हूं कि देश में जल्द हालात सामान्य होंगे और लॉकडाउन खुलेगा।
राज्यों के बीच सामान की सप्लाई
इधर गृह मन्त्रालय ने राज्यों से कहा है कि वे दो राज्यों के बीच जरूरी सामान की सप्लाई करने वाले वाहनों पर रोक न लगाएं।गोदामों में सामान स्टोर किया जा सकता है। संस्था प्रमुखों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे अपने कर्मचारियों, मजदूरों के पास की व्यवस्था करें। लॉक डाउन के चलते सोशल मीडिया यूज़र्स और वर्क फ़्रोम होम करने वालों की ओर से सायबर क्राइम की शिकायतों के बाद सरकार ने उनकी समस्या सुलझाने के लिए सायबर दोस्त ट्विटर अकाउंट बनाया गया है। इसे हर अपडेट कर जानकारी को फॉलो किया जा सकता है ।
हम सोशल डिस्टेसिंग नियम को ध्यान में रखते हुए घर तक राशन पहुंचाने के लिए भी प्रयासरत हैं। इस काम के लिए वॉलिंटियर्स, सिविल सोसाइटी ऑर्गेनाइजेशन की मदद ली जा रही है। मेरा निवेदन हैं कि आप घर में ही रहें। सरकार आपकी मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
डॉ हर्ष वर्धन ने लोगों से अपील की कि वे अपने घरों में ही रहे तथा सरकार द्वारा बताये जा रहे सभी नियमों का पालन करें तभी हम मिलकर कोरोना को हराएंगे।
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बैसाखी पर्व की बधाई
डॉ हर्ष वर्धन ने लोक आस्था एवं समृद्धि के प्रतीक बैसाखी पर्व पर किसान बंधुओं सहित सभी अन्नदाताओं को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी है ।
उन्होंने कहा कि यह पर्व हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परम्पराओं तथा किसान व कृषि संस्कृति का भी परिचायक है।
आइए, यह बैसाखी देश के स्वास्थ्य के लिए मनाएं आइए, कोविड 19 को मिलकर हराएं।
जलियांवाला बलिदान दिवस
उन्होंने देश की स्वाधीनता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले जलियांवाला बाग के असंख्य अमर शहीदों के 101वें बलिदान दिवस पर अपना शत् शत् नमन् किया एवं कहा कि देश का प्रत्येक नागरिक इन सभी राष्ट्रभक्तों के बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा।